ZAKHM SHAYARI|जख्म शायरी हिंदी में 2023

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ZAKHM SHAYARI|जख्म शायरी हिंदी में2023– हेलो फ्रेंड्स आज के आर्टिकल में आपके लिए जख्म शायरी हिंदी में लाइ हूँ। जख्म यानि चोट वो भी दिल पर जब दिल पर जख्म लगते हैं तो हमेशा के लिए नासूर बन जाते हैं , जो अक्सर कभी तन्हाई में , कभी यादों में कभी किसी को देख क्र हमारा दिल दुखा जाते हैं दोस्तों आगे आपको शायरी अच्छलगी हों तो राय जरूर दीजिए धन्यबाद

ZAKHM SHAYARI|जख्म शायरी हिंदी में 2023

1-

एक कहानी इश्क किअधूरी रह गई
छोड़ कर दर्द की निसानी
जख्म मेरे दिल को दे गई

ZAKHM SHAYARI|जख्म शायरी हिंदी में 2023

2-

वो दिल को एक जख्म देगया
महोंबत्त के बदले सौ गम दे गया
एक तेरा झूठ मेरी जान ले गया

3–

सीसा ए दिल जब टूट के बिखर जाता है
ऐसे में फिर चैन किसे आता है आता ह
टूटा हुआ सीसा बस जख्म देता है
मत पूछिए टूटा दिल कितना तड़फाता है

ZAKHM SHAYARI|जख्म शायरी हिंदी में 2023

4-

बड़ी बैचेन हैं धड़कन मेरी जख्म ताजा है अभी
इक वेवफ़ा का दिया जख्म गहरा है अभी💔💔

5–

हसरतें रहीं दिल ही दिल में
उसके दिए जख्म की कहानी क्या कहते
लफ्ज उस बेगैरत के आगे जाया क्यूँ करते
अच्छा होता हम उससे न मिलते

6–

पल पल का यहाँ हिसाब क्या करू मैं
इस दिल के जख्मों का किस्सा क्या कहूँ मैं
ये सब से जागते सितारों से पूछ ले
दर्द ए जुदाई का गम क्या कहूँ अपने लबों से

7-

काश यादों पर कोई पहरा होता
दिल का जख्म न गहरा होता💔💔

8–

मत पूछ दर्द कितना है
बेइंतिहां दर्द है जख्म बहुत गहरा है

9-

दिल के जख्मो का हिसाब लेंगे किसी रोज
तुझसे तेरी बेवफाई का इंतकाम लेंगे इक रोज

10-

भूलना कहते हैं जब भी उसे
इक नया जख्म दे जाता है मुझे

11–

अभी मत कहो भूल जाने को
जख्म हरा है अभी 💔💔

12-

जख्म देकर मेरे दिल का रकीब
मीरे हाल ए दिल पूछता है 💔💔

13-

दिल उसे भूलता नहीं
जख्म भरता नहीं 💔💔

14-

हम जख्म खाकर भी जिन्दा है 💔
सच कहते हैं इश्क़ कर शर्मिंदा हैं 💔

15-

मोहबत्त वो ता उम्र याद रहती है
जो दिल को जख्म गहरा देती है 💔💔

16

जख्मो से कहाँ दीवाने डरते हैं 💔💔💔
मोहबत्त में कब जख्मो का हिसाब रखते हैं 💔

17-

मुझे दर्द इ दिल की दवा नहीं चाहिए
ये जख्म मुझे हरा चाहिए 💔💔

ZAKHM SHAYARI|जख्म शायरी हिंदी में 2023

18-

तेरे दिए दर्द पल पल याद आते हैं
नं तेरे दिए जख्म अभी भी ताजे हैं
तेरी जुदाई दे गई गहरा जख्म 💔💔
फिर भी तेरे बिन अधूरी है मेरी नज्म

19-

आखिर तेरी मोहब्त में जख्म
के सिवा मिला क्या मुझे 💔💔
क्यों अब तक भुला न सके तुझे

20

जख्म दिल पर लगे दिखाऊं किसे
हाल ए दिल सुनाऊँ किसे 💔💔💔

21

इक और साल गुजर गया
तेरा दिया जख्म न भर सका

22-

जुस्तजू तेरी करूं ये हसरत नहीं मेरी
फिर न्य जख्म खाने की हिमतत नहीं मेरी

23-

तुझसे मिलकर हर गम हम भूल चुके थे
फिर तेरी मोहब्बत ने ऐसे जख्म मिले
दिल कहता है हम तन्हा अच्छे थे 💔💔

ZAKHM SHAYARI|जख्म शायरी हिंदी में 2023

24-

क्यों चाहते हो पहली सी मोहबत्त मुझसे
क्या फिर कोई नया जख्म देने का इरादा है मुझे

25-

ये जख्म मोहबत्त में मिले भरते क्यों नहीं
आखिर उस बेवफा को दिल भूलता क्यों नहीं

26

मेरी उदासी तन्हाई में शामिल था जो
मेरे हर बात से वाकिफ था वो
जख्म कहाँ गहर्रा है जानता था वो
उसी जख्म पर चोट कर गया वो

27

ये जो तूने दर्द मोहबत्त में दिए मुझको
कसम से जीने नहीं देते मुझको 💔💔

28-

इश्क़ के जख्म ताजा हो गए फिर से
आज फिर महफ़िल में नजरें मिलीं उनसे

29-

फिर क्यूँ उलझ गया दिल
कुछ और सुलझाने को
फिर कोई नया जख्म खाने को

30

हर साल की तरह ये साल भी गुजर गया
पर तेरा दिया जख्म भर न सका 💔💔💔

31

हर मर्ज की दवा होती है💔💔💔
दर्द इ दिल के जख्म की दवा नहीं होती

32

ये पागल दिल कहाँ उसके
जख्मों का हिसाब रखता है
लाख जख्म के बाद भी💔💔
ये दिल उसी को याद करता है

33

दिल को तो मेरी आदत है
जख्म कहानी की 💔💔
कोसिस नाकाम होती है
तुझको भूल जाने की

ZAKHM SHAYARI|जख्म शायरी हिंदी में 2023

34

मोहबत्त तब कीजिएगा साहेब 💔
जख्म खाने का हौसला रखिएगा 💔

35-

उसने मोहब्त में हर बार इक नया जख्म दिया
मजूबर हैं दिल से हर जख्म हंस के सह लिया

36–

मोहबत्त बेपनाह करते हैं 💘💘💘
इसलिए जख्म खा कर भी चुप रहते हैं

37-

उसके दिए जख्म कौन गिनता है💔💔
ये पागल दिल तो उसको ही याद करता है

38-

कौन कम्भख्त मोहबत्त में जख्मों का हिसाब रखता है
मोहबत्त का नशा सर चढ़ के बोलता है 💔💔💔💘

reed more –लेटेस्टआँखें शायरी हिंदी में

उसकी आदत हो गई
जख्म देने की 💔💔
खता मेरे दिल की है
मोहबत्त करने की

किसने सोचा था मोहबत्त
का ये अंजाम होगा
आखँ में अश्क़ दिल
इस कदर जख्मी होगा

मोहबत्त में तबाही के
निशानी बाकी हैं
दिल पर लगे जख्मो💔
के निसान बाकी हैं

इकतरफा मोहबत्त का
यही अंजाम होता है
जख्म देने वाला 💔
मुस्काता है 💔

दुआ करो ये दिल उसे भूल जाए
दिल में लगा जख्म भर जाए 💔

तेरी बेवफाई से इस कदर
जख्मी हो गए हैं 💔💔
भरी दुनिया में तन्हा हो गए हैं

कौन यहां तेरे दिए जख्मो💔
का हिसाब रखता है
तुझे याद करने से दिल
फुरसत कहाँ देता है

मत पूछो मोहबत्त में कितने
जख्म खाए हुए हैं 💔💔
जिसे दिल वो जान से चाहा
उसी के हाथों तबाह हुए हैं

दर्द से सीना जल उठता है 💔💔
जब जब तेरी बेवफाई का जख्म उभरता है

जख्म देने वाले तेरा सुक्रिया 💔💔
तूने मुझे तन्हा जीना सीखा दिया

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