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Kashish Shayari In Hindi|कशिश शायरी

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कशिश शायरी|kashish shayari in hindi-दोस्तों आज की शायरी पोस्ट होगी एक आकर्षण शब्द कशिश पर कशिश , एक ऐसी भावनात्मक भाव है जो हमें किसी की ओर खींचती है।फिर चाहे चेहरा हो या आँखें या फिर किसी की अदा यह शायरी उस आकर्षण को बयां करती है, जो आँखों की चमक, प्यार की गहराई, और दिल की धड़कनों में छिपा होता है। यहाँ हम पेश कर रहे हैं कुछ दिल को छू लेने वाली कशिश शायरी, जो आपकी भावनाओं को शब्दों में पिरोती है।यहाँ प्रस्तुत हैं कुछ विशेष कशिश शायरी, जो आपके दिल के हर कोने को छू जाएगी।उमीद है आपको पसंद आएगी

कशिश शायरी
तेरी कशिश शायरी
कशिश शायरी हिनदी
आँखों की कशिश शायरी
कशिश शायरी रेख़्ता
प्यार की कशिश शायर

कशिश शायरी|kashish shayari in hindi

तेरी कशिश शायरी

कशिश शायरी|kashish shayari in hindi
कशिश शायरी|kashish shayari in hindi

1.
तेरी कशिश ने मुझे जादूगर बना दिया,
तेरा नाम लूँ तो दिल की धड़कन बढ़ा दिया।
Teri kashish ne mujhe jaadugar bana diya,
Tera naam loon to dil ki dhadkan badha diya.

2.
तेरी आँखों में जो चमक है, वो सबसे खास है,
तेरी कशिश से ही तो मेरे दिल की धड़कन पास है।

Teri aankhon mein jo chamak hai, wo sabse khaas hai,
Teri kashish se hi to mere dil ki dhadkan paas hai.

3.
तेरी कशिश में ऐसा जादू है, जो दिल को अपनी ओर खींच लाता है,
तुझसे दूर रहकर भी तेरा एहसास मुझे हर वक्त सताता है।

Teri kashish mein aisa jaadu hai, jo dil ko apni aur kheench lata hai,
Tujhse door rehkar bhi tera ehsaas mujhe har waqt sataata hai.

4.
तेरी कशिश में खो जाने का मन करता है,
तेरे पास रहते हुए भी तेरी कमी महसूस होती है।

Teri kashish mein kho jaane ka mann karta hai,
Tere paas rahte hue bhi teri kami mehsoos hoti hai.

5.
तेरी कशिश ने दिल के हर कोने को छुआ,
अब तो सच्ची मोहब्बत का एहसास हुआ।

Teri kashish ne dil ke har kone ko chhua,
Ab to sacchi mohabbat ka ehsaas hua.

6.
तेरी कशिश में कुछ तो है जो हमें खींच लाता है,
जैसे चाँद रात को अपनी ओर सूरज को खींच लाता है।

Teri kashish mein kuch to hai jo humein kheench lata hai,
Jaise chaand raat ko apni aur suraj ko kheench lata hai.

7.
तेरी कशिश ने दिल में हलचल मचा दी,
तू पास हो तो हर परेशानी दूर हो जाती है।

Teri kashish ne dil mein halchal macha di,
Tu paas ho to har pareshani door ho jaati hai.

8.
तेरी कशिश ही वो चिंगारी है, जो दिल में आग लगा देती है,
तेरे बिना जीना मुश्किल है, तेरी याद सजा देती है।

Teri kashish hi wo chingaari hai, jo dil mein aag laga deti hai,
Tere bina jeena mushkil hai, teri yaad saza deti hai.

9.
तेरी कशिश में वो ताकत है, जो दिलों को जोड़ देती है,
तेरी एक मुस्कान ही तो हमारी दुनिया बदल देती है।

Teri kashish mein wo taqat hai, jo dilon ko jod deti hai,
Teri ek muskaan hi to hamari duniya badal deti hai.

10.
तेरी कशिश ने दिल में अपना घर बना लिया,
अब तो मेरा दिल तेरे बिना जी नहीं पाता।

Teri kashish ne dil mein apna ghar bana liya,
Ab to mera dil tere bina ji nahi paata.

11.
तेरी कशिश में वो जादू है, जो दिल को बहलाए,
जब तक तुम पास ना हो, हर पल ये दिल तुझसे मिलाए।
Teri kashish mein wo jaadu hai, jo dil ko bahlaye,
Jab tak tum paas na ho, har pal ye dil tujhse milaye.

12.
तेरी कशिश से दिल की धड़कनें तेज हो जाती हैं,
तेरी यादों में हम हर पल खो जाते हैं।
Teri kashish se dil ki dhadkane tez ho jaati hain,
Teri yaadon mein hum har pal kho jaate hain.

13.
तेरी कशिश में वो खामोशी है, जो सब कह जाती है,
तेरी मुस्कान में वो राज़ है, जो दिल खोल जाती है।
Teri kashish mein wo khamoshi hai, jo sab keh jaati hai,
Teri muskaan mein wo raaz hai, jo dil khol jaati hai.

14.
तेरी कशिश से दिल के तार बजते हैं,
तेरी एक नज़र ही हम पर असर डालती है।
Teri kashish se dil ke taar bajte hain,
Teri ek nazar hi hum par asar daalti hai.

15.
तेरी कशिश ने दिल को एक नया रास्ता दिखाया,
तुझसे मिलने की चाहत ने तो दिल को नया जीने का तरीका सिखाया।
Teri kashish ne dil ko ek naya raasta dikhaya,
Tujhse milne ki chaahat ne to dil ko naya jeene ka tareeka sikhaaya.

16.
तेरी कशिश में वो बातें हैं, जो शब्दों से परे हैं,
तुझे चाहने की ललक, जो अब और कभी कम नहीं होगी।
Teri kashish mein wo baatein hain, jo shabdon se pare hain,
Tujhe chaahne ki lalak, jo ab aur kabhi kam nahi hogi.

17.
तेरी कशिश ने दिल को वो सुकून दिया,
तेरी बाहों में ऐसा प्यार छुपा था, जो कभी खोना नहीं चाहिए।
Teri kashish ne dil ko wo sukoon diya,
Teri baahon mein aisa pyaar chhupa tha, jo kabhi khona nahi chahiye.

18.
तेरी कशिश से मैं अब खुद को भुलाने लगा,
तेरी हंसी में ही मैंने जिंदगी जीने का तरीका सीखा।
Teri kashish se main ab khud ko bhulaane laga,
Teri hansi mein hi maine zindagi jeene ka tareeka seekha.

19.
तेरी कशिश ने सर्द हवाओं में भी गर्मी दी,
तुझे चाहने का एहसास अब मेरे दिल की धड़कन बन गई।
Teri kashish ne sard hawaon mein bhi garmi di,
Tujhe chaahne ka ehsaas ab mere dil ki dhadkan ban gayi.

20.
तेरी कशिश में कुछ ऐसा असर है, जो दिल को खींचता है,
हर पल तुम्हारे पास होने की ख्वाहिश में जीते हैं।
Teri kashish mein kuch aisa asar hai, jo dil ko kheenchta hai,
Har pal tumhare paas hone ki khwahish mein jeete hain.

21.
तेरी कशिश में खोकर, मैं खुद को पा गया,
तू सामने हो तो मैं अपनी दुनिया भूल गया।
Teri kashish mein khokar, main khud ko paa gaya,
Tu saamne ho to main apni duniya bhool gaya.

22.
तेरी कशिश में वो नज़ाकत है, जो किसी और में नहीं,
तू दिल से बहुत खास है, ये बात सबको बतानी है।:
Teri kashish mein wo nazaakat hai, jo kisi aur mein nahi,
Tu dil se bahut khaas hai, ye baat sabko batani hai.

23.
तेरी कशिश में वो राहत है, जो इस दिल को चाहिये,
तेरी यादों में बसा हुआ है, वो प्यार जो हमको सही चाहिए।
:
Teri kashish mein wo rahat hai, jo is dil ko chaahiye,
Teri yaadon mein basa hua hai, wo pyaar jo humko sahi chaahiye.

24.
तेरी कशिश में कुछ और ही बात है,
जो दिल की गहराइयों तक असर करती है।
Teri kashish mein kuch aur hi baat hai,
Jo dil ki gehraiyon tak asar karti hai.

25.
तेरी कशिश का जादू अब मेरी रग-रग में बस गया,
तेरी हंसी की आवाज अब मेरे दिल के कोने में गूंजता है।
Teri kashish ka jaadu ab meri rag-rag mein bas gaya,
Teri hansi ki awaaz ab mere dil ke kone mein goonjta hai.

कशिश शायरी हिनदी

कशिश शायरी हिनदी
कशिश शायरी हिनदी

26.
तेरी कशिश ने मेरे दिल को इस तरह छुआ,
जो कभी कहीं मुझे महसूस नहीं हुआ

27.
तेरी कशिश के आगे हर दर्द बेअसर हो जाता है,
जब तू पास होता है, तो वक्त भी ठहर जाता है।

28.
तेरी कशिश ने जीवन को एक नई दिशा दी,
तुझसे जुड़ा हर पल अब यादों में सजा दी।
29
तेरी कशिश की वजह से हम खुद को खोने लगे,
तू हमारे दिल का हिस्सा बनने लगा, हर सांस में तेरा नाम सुनने लगे।

30.
तेरी कशिश में वो बात है, जो लफ़्ज़ों से कह नहीं सकता,
तेरी एक मुस्कान ही मेरी पूरी दुनिया बदल सकती है।

31.
तेरी कशिश ने दिल को इस तरह छुआ, जैसे बर्फ में आग लग जाए,
तेरी एक नज़र ने मेरे अंदर के अंधेरे को उजाला बना दिया।

32.
तेरी कशिश में जो सुकून है, वो कहीं और नहीं मिलता,
तेरी ज़रूरत अब मेरी धड़कन की तरह हो गई है, जो रुकता नहीं।

33.
तेरी कशिश ने मुझे अपना दीवाना बना दिया,
तेरे बिना अब तो मैं किसी और का नहीं हो सकता।

34.
तेरी कशिश की खुमारी अब दिल से उतरने का नाम नहीं लेती,
तू जब से पास आया है, हर ख्वाहिश अब तुझसे जुड़ी रहती है।

35.
तेरी कशिश में वो गहराई है, जो शब्दों से बाहर है,
तू दिल में समा जाता है, इस खामोशी में भी तेरी आवाज़ है।

36.
तेरी कशिश से मेरा दिल अब सुकून पा जाता है,
जब तू पास होता है, तो हर दर्द खुद-ब-खुद चला जाता है।

37.
तेरी कशिश की कोई तूलना नहीं हो सकती,
तेरी चाहत से ही तो मेरी दुनिया हसीन हो सकती है।

38.
तेरी कशिश में वो बात है, जो दिल को बहलाती है,
तेरे बिना तो ये दुनिया भी सून सी लगती है।

39.
तेरी कशिश में कुछ ऐसा असर है, जो मुझे खुद से भी प्यार करवा देता है,
तू जब पास होता है, तो मैं खुद को एक नई पहचान दे देता हूँ।

40.
तेरी कशिश के सामने दुनिया के सारे राज़ फीके हैं,
जब तू पास हो, तो मुझे और किसी चीज़ की चाहत नहीं होती।

आँखों की कशिश शायरी

आँखों की कशिश शायरी
आँखों की कशिश शायरी

40.
तेरी आँखों की कशिश ने दिल को ऐसा छुआ,
सारी दुनिया भूल गया, मैं बस तुझमें खो गया।

41.
तेरी आँखों में जो राज़ छुपा है,
उसे समझने का ख्वाब दिल में हर रोज़ आ है।

42.
तेरी आँखों की कशिश का क्या कहूँ,
हर पल दिल में बस तेरा ही नाम हूँ।

43.
उन आँखों की गहराई में कुछ ऐसा था,
जैसे सारा जहाँ उस पल रुक सा गया था।

44.
आँखों में कशिश थी, पर वो हिचकिचाती रही,
खुदा जानता है कि दिल मेरा, कब से तेरे पास आता रहा।

45.
आँखों की कशिश में वो बात थी,
जो लबों से न कह सका था, वो हर रात थी।

46.
तेरी आँखों में डूब कर कुछ ऐसा एहसास हुआ,
जिंदगी को नई शुरुआत, मुझे तेरे साथ हुआ।

47.
तेरी आँखों की चमक, दिल में एक नई उम्मीद जगा गई,
तेरे बिना जीने की सोच भी कभी दिमाग में न आई।

48.
तेरी आँखों की गहराई में अजनबी सा रह गया,
कुछ अनकही बातें जो तेरी आँखों ने कह दिया।

49.
तेरी आँखों की कशिश ने मेरा दिल बेधड़क किया,
अब मुझे न कोई दुनिया चाहिए, न कोई रास्ता दिखा।

50.
जबसे तुझसे नज़रें मिलीं, सब कुछ बदल गया,
आँखों की कशिश में खुदा से भी प्यार बढ़ गया।

51.
तेरी आँखों की कशिश में कुछ खास बात थी,
जो दिल से दिल तक सीधा पहुँच गई थी।

52.
आँखों की कशिश से दिल का न जाने क्या हुआ,
हर पल अब तुझे अपनी आँखों में देखा करता हूँ।

53.
तेरी आँखों में खो जाने की ख्वाहिश दिल में हर रोज़ थी,
हर पल जब वो आँखें सामने आईं, तो जिंदिगी नई सी लगने लगी।

54.
तेरी आँखों की कशिश में कुछ ऐसा था,
जो पल भर में दिल को नज़रें चुराने पर मजबूर कर देता था।

55.
तेरी आँखों की गहराई में खो जाने का दिल करता है,
उनमें जितनी दुनिया हो, हर पल मैं वहीं रुकता हूँ।

56.
आँखों की कशिश ने दिल को बहुत कुछ सिखा दिया,
कि सच में आँखों में वो बात होती है, जो दिल में नहीं होती।

57.
तेरी आँखों की कशिश में सारा सागर समाया है,
तेरे बिना किसी दुनिया का अब कोई असर नहीं आया है।

58.
तेरी आँखों का जादू ही कुछ और था,
जिसमें पूरा का पूरा दिल ही समा गया था।

59.
आँखों की कशिश ने दिल के सारे राज़ खोल दिए,
अब तो तेरी आँखों में ही मुझे सारी ज़िन्दगी मिल गई।

60.
तेरी आँखों की कशिश में कुछ ऐसा था,
कि खामोशी भी अब तेरे लव्ज़ों से जुड़ गया।

61.
तेरी आँखों में जो ताजगी थी, वो दिल को छू गई,
उसमें समाया हर ख्वाब, मेरी रातों को रोशन कर गई।

62.
आँखों की कशिश में था एक अजीब सा जादू,
जो हर एक पल में दिल को करता था महकते गुलाब सा।

63.
तेरी आँखों में बसी एक दुनिया, जो मैं समझ नहीं पाया,
फिर भी उन आँखों में खो जाने का ख्वाब कभी न छोड़ पाया।

64.
तेरी आँखों की कशिश ने दिल को ये सिखाया,
कि आँखों में सच्चा प्यार वही होता है, जो बिना बोले समझ आया।

65.
आँखों की कशिश में एक ख़ास सा रंग था,
जिसमें हर दर्द, हर खुशी, एक नयी उमंग था।

66.
तेरी आँखों की गहराई में एक अनकहा सा राज़ छुपा था,
जिसे जानने की चाहत दिल में हर रोज़ बढ़ा था।

67.
तेरी आँखों की कशिश ने दिल को बेवजह सुला दिया,
अब तो सिर्फ तेरे ख्वाबों में खो जाने का पल जिया।

68.
तेरी आँखों में जो कशिश थी, वो दिल के तार छेड़ गई,
अब हर एक पल मेरी धड़कनें तुझे महसूस कर गई।

69.
आँखों की कशिश ने मेरी जिंदगी को और भी खास बना दिया,
तेरे बिना कुछ भी अधूरा सा लगने लगा, जो कभी पूरा था।

70.
तेरी आँखों की कशिश में बसी एक दुनिया अजीब सी थी,
जो हर पल मेरी सोचों में अपना जादू छोड़ जाती थी।

71.
तेरी आँखों की कशिश का असर अब दिल पे छाया है,
अब तो तुझसे दूर जाने का ख्याल भी खुदा से डराया है।

72.
तेरी आँखों की कशिश में प्यार था, ये एहसास दिल ने किया,
अब तुझसे मिलने की तलब दिल को हर रोज़ हुआ।

73.
आँखों की कशिश ने मुझे तेरे करीब ला दिया,
अब हर लम्हा तेरे साथ बिताने का ख्वाब दिल ने पिया।

74.
तेरी आँखों की कशिश में वो मृदुता थी,
जो दिल की गहराई में समा जाने के लिए काफी थी।

75.
तेरी आँखों में जो चमक थी, वो दिल को बहुत भाई,
तू सामने हो तो दुनियां की सारी परेशानियाँ खुद-ब-खुद चली जाएं।

76.
आँखों की कशिश ने दिल की धड़कनें बढ़ा दीं,
तेरे बिना जीने की कोई सोच भी अब दम तोड़ दी।

77.
तेरी आँखों की कशिश में कुछ खास बात थी,
जो खामोशी को भी अपने पैरों तले दबा देती थी।

78.
तेरी आँखों में जो नूर था, वो दिल के आसमान को रोशन कर गया,
अब हर सुबह की पहली किरन में मुझे वो ही दिखा।

79.
तेरी आँखों की कशिश ने मेरे दिल को बहलाया,
अब तो अपनी जिंदगी का हर पल उसी प्यार में रंगाया।

80.
तेरी आँखों में जो गहराई थी, वो दिल में उतर गई,
अब तो तेरी आँखों में खुद को खोजने की तलाश हुई।

कशिश शायरी रेख़्ता

कशिश शायरी रेख़्ता
कशिश शायरी रेख़्ता

250
क्या कशिश हुस्न-ए-बे-पनाह में है
जो क़दम है उसी की राह में है

जो क़दम है उसी की राह में है
मय-कदे में न ख़ानक़ाह में है

जो तजल्ली दिल-ए-तबाह में है
हाए वो राज़-ए-ग़म कि जो अब तक

तेरे दिल में मिरी निगाह में है
इश्क़ में कैसी मंज़िल-ए-मक़्सूद

वो भी इक गर्द है जो राह में है
मैं जहाँ हूँ तिरे ख़याल में हूँ

तू जहाँ है मिरी निगाह में है
हुस्न को भी कहाँ नसीब ‘जिगर’

हुस्न को भी कहाँ नसीब ‘जिगर’
वो जो इक शय मिरी निगाह में है


प्यार की कशिश शायर

81.
प्यार की कशिश में जो गहराई थी, वो दिल के भीतर समा गई,
जितना समझा उसे, उतना ही और खो गया, बस उसी में खोता चला गया।

82.
प्यार की कशिश में गहराई थी, जैसे समुंदर की लहरें शांत सी,
उसे महसूस करते हुए, दिल खुद को उसके पास पा लेता है, दिल से दिल मिलती सी।

83.
प्यार की गहराई में कुछ ऐसा राज़ था,
जो हर बार हमें अपनी ओर खींच लेता था।

84.
प्यार की कशिश में सच्चाई और विश्वास था,
जो दिल से दिल तक पहुँचते हुए, हर दर्द को आशीर्वाद बना जाता था।

85.
प्यार की गहराई में वो अहसास था,
जो शब्दों से नहीं, सिर्फ दिलों से बयान किया जाता था।

86.
प्यार की कशिश में गहराई, जैसे रात की चाँदनी में चमकते तारे,
कभी नजरों से, कभी दिल से, यही तो होते हैं प्यार के सारे इशारे।

87.
प्यार की गहराई में छुपा हुआ था सच्चा यकीन,
जिसने दिलों को जोड़ा और रिश्ते को किया मजबूत, बिना किसी सीने के भीतर खेद के।

88.
प्यार की कशिश में गहराई थी जैसे रेत पर बिछी हुई एक सर्द हवा,
जो दिलों को छूकर, आत्मा को आराम पहुंचा जाती थी, जैसे कोई चुपके से सपना बना जाती थी।

89.
प्यार की गहराई ने हमें कुछ ऐसा सिखाया,
कि दिलों से जुड़ने का एहसास सब से खूबसूरत था।

90.
प्यार की कशिश में जो गहराई थी,
वो दर्द और खुशी के हर एहसास से समाहित थी।

91.
प्यार की गहराई में छुपा था एक संसार,
जिसमें कोई दूरी नहीं थी, कोई भी दीवार नहीं थी।

92.
प्यार की कशिश में वो अजीब सी खामोशी थी,
जो दिल से दिल तक बिना बोले सब कुछ कह देती थी।

93.
प्यार की गहराई में, हर लम्हा एक नई उमंग थी,
जो दिल को बस उस खास इंसान के पास ले जाती थी।

94.
प्यार की कशिश में गहराई थी, जैसे दिल की हर धड़कन एक गीत बन जाए,
तू पास हो, मैं पास हूं, दोनों एक-दूसरे की धड़कन में खो जाए।

95.
प्यार की गहराई में जो रूहानी ताजगी थी,
वो कभी शब्दों से बयां नहीं हो सकती थी, सिर्फ दिल से महसूस की जा सकती थी।

96.
प्यार की कशिश में गहराई थी, जैसे नदी की लहरें सागर से मिलती हैं,
जितनी गहरी हों, उतना ही जुड़ाव बढ़ता जाता है, जैसे दो आत्माएँ मिलती हैं।

97.
प्यार की गहराई में वो राज़ छुपा था,
जो कभी आंखों में चमक, कभी होंठों पर मुस्कान बनकर छलकता था।

98.
प्यार की कशिश में छुपा एक संसार था,
जिसमें दिल से दिल का मिलन होता था, और कोई वादा नहीं, सिर्फ इश्क़ का सार था।

99.
प्यार की गहराई में छुपे थे हर ख्वाब,
जो दिल की धड़कनों से ही महसूस होते थे, जैसे कोई रहस्य सब समझ पाते थे।

100.
प्यार की कशिश ने हमें जो सिखाया,
वो था किसी के साथ रहकर उसकी गहराई में खो जाने का एहसास, जैसे हर वादा निभाया।

कुछ पढ़ें

एतबार शायरी

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