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23 मार्च भगत सिंह, सुखदेव और राजगुरु की शहादत की गाथा”| पर शायरी कोट्स 

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23 मार्च भगत सिंह, सुखदेव और राजगुरु की शहादत की गाथा”| पर शायरी कोट्स हेल्लो दोस्तों आज हम याद करेंगे उन शहीदों को जिनके बलिदान को हम शहीद दिवस या बलिदान दिवस के रूप मेम मनाते हैं , ये वीर जवान थे हमारे आजादी के दीवाने , भगतसिहं राजगुरु , और सुखदेव दोस्तों अंग्रेजों ने हमारे इन सहिदों को23 1931 को फांसी की सजा दे दी और हमारे इन वीरों ने हँसते हँसते फांसी के फंदे को चूमते हुए , हमारी आजादी के लिए फांसी के फंदे पर शहादत पा लीसोचिए २३ साल की कम उम्र में अपने देश के लिए सहादत देने वाले इन बीरों के कितने अहसान हैं हम पर भला इनके ऋण से हम कभी उऋण हो पाएंगे ?? शायद कभी नहीं क्युकी इन शहीदों की सहादत के बदौलत आज हम आजादी की खुली हवा में साँस ले रहे हैं | आज की यह पोस्ट इन शहीदों को समर्पित हैआज के इस आर्टिकल में शहीदों के लिए शहीद दिवस स्टेटस , शहीदों पर शायरी , और भगतसिहं के विचार ,पर बात करेंगे उम्मीद करती हूँ आपको पसंद आएँगे जय हिन्द बंदे मातरम🙏🙏 तो चलिए सुरु करते हैं आज का आर्टिकल 23 मार्च भगतसिंह, सुखदेव व राजगुरू का बलिदान दिवस

शहीद दिवस स्टेटस
शहीदों पर शायरी ,
और भगतसिहं के विचार
शहीद दिवस
23 मार्च शहीद दिवस
शहीद दिवस कब मनाया जाता ह
शहीद दिवस 2023
शहीद दिवस फोटो
भगत सिंह शहीद दिवस
शहीद दिवस पर निबंध
शहीद दिवस पर सुविचार
23 मार्च शहीद दिवस status
 

शहीद दिवस स्टेटस

शहीदों की चिताओं पर जुड़ेंगे हर बरस मेले।
वतन पर मरनेवालों का यही बाक़ी निशाँ होगा॥

23 मार्च भगतसिंह, सुखदेव व राजगुरू का बलिदान दिवस
23 मार्च भगतसिंह, सुखदेव व राजगुरू का बलिदान दिवस

1

मेरा रँग दे बसन्ती चोला, मेरा रँग दे।मेरा रँग दे बसन्ती चोला। माय रँग दे बसन्ती चोला

23 मार्च भगतसिंह, सुखदेव व राजगुरू का बलिदान दिवस
23 मार्च भगतसिंह, सुखदेव व राजगुरू का बलिदान दिवस
23 मार्च भगतसिंह, सुखदेव व राजगुरू का बलिदान दिवस
23 मार्च भगतसिंह, सुखदेव व राजगुरू का बलिदान दिवस

2

उन्हें यह फ़िक्र है हरदम, नयी तर्ज़-ए-ज़फ़ा क्या है?
हमें यह शौक है देखें, सितम की इन्तहा क्या है?
दहर से क्यों ख़फ़ा रहें, चर्ख का क्या ग़िला करें।
सारा जहाँ अदू सही, आओ! मुक़ाबला करें॥ शहीद ए आजम भगत सिहं

3

“किसी ने सच ही कहा है, सुधार बूढ़े आदमी नहीं कर सकते । वे तो बहुत ही बुद्धिमान और समझदार होते हैं। सुधार तो होते हैं युवकों के परिश्रम, साहस, बलिदान और निष्ठा से, जिनको भयभीत होना आता ही नहीं और जो विचार कम और अनुभव अधिक करते हैं ।”~ भगत सिंह

23 मार्च भगतसिंह, सुखदेव व राजगुरू का बलिदान दिवस
23 मार्च भगतसिंह, सुखदेव व राजगुरू का बलिदान दिवस

4

“बम और पिस्तौल से क्रांति नहीं आती, बल्कि क्रांति की तलवार विचारों की सान पर तेज होती है।”भगत सिंह

5

“मैं एक इंसान हूं और जो भी चीजे इंसानियत पर प्रभाव डालती है मुझे उनसे फर्क पड़ता है।”भगत सिंह

6

“मैं महत्वाकांक्षा, आशा और आकर्षण से भरा हुआ हूं, लेकिन मैं जरूरत के समय सब कुछ त्याग सकता हूं।भगत सिंह

शहीदों पर शायरी ,

7

देश की खातिर मर मिटे अमर शहीद जवान
भगत राजगुरु और सुखदेव का याद करो वलिदान
इन देहस भक्तों के पथ पर चल के देखो नौजवान
अपनाओ अपने जीवन में इनके जेसा त्याग और स्वाभिमान
||इन्कलाब जिंदाबाद ||
desh kee khaatir mar mite amar shaheed javaan
bhagat raajaguru aur sukhadev ka yaad karo validaan
in dehas bhakton ke path par chal ke dekho naujavaan
apanao apane jeevan mein inake jesa tyaag aur svaabhimaan
inkalaab jindaabaad ||

23 मार्च भगतसिंह, सुखदेव व राजगुरू का बलिदान दिवस
23 मार्च भगतसिंह, सुखदेव व राजगुरू का बलिदान दिवस

8

“23 मार्च को आता है शाहिद दिवस का दिन
देश के लिए फांसी के फंदे चढ़ गए सहीद इस दिन
इन्कलाब जिंदाबाद ||”
23 maarch ko aata hai shaahid divas ka din
desh ke lie phaansee ke phande chadh gae saheed is din
inkalaab jindaabaad ||

9

23 मार्च के दिन जलाओ दिया उन शहीदों के नाम
आजादी के दीवानों के त्याग को करें याद
इन्कलाब जिंदाबाद ||
23 maarch ke din jalao diya un shaheedon ke naam
aajaadee ke deevaanon ke tyaag ko karen yaad
inkalaab jindaabaad ||

10

“अमर सहिदों के चरणों में करते कोटि प्रणाम
जिनके दम से स्वतन्त्रता की हवा में ले रहे स्वांस”
इन्कलाब जिंदाबाद ||

amar sahidon ke charanon mein karate koti pranaam
jinake dam se svatantrata kee hava mein le rahe svaans
inkalaab jindaabaad ||

11

शहीदों का वलिदान दिवस है 23 मार्च को
आओ श्रधांजलि दें भारत के वीर सपूतों को
इन्कलाब जिंदाबाद ||
shaheedon ka validaan divas hai 23 maarch ko
aao shradhaanjali den bhaarat ke veer sapooton ko
inkalaab jindaabaad ||

12.
“DP में तिरंगा – ना कोई दिखावा
ये दिल से निकला देशप्रेम का दावा”
DP mein tiranga – na koi dikhawa
Ye dil se nikla deshprem ka daawa

13.
“हर बार DP लगाई, इस बार तिरंगे को चुन लिया
देश के लिए दिल ने proudly salute कर लिया”
Har baar DP lagaayi, is baar tirange ko chun liya
Desh ke liye dil ne proudly salute kar liya

14.
“देश के वीरों की शहादत पर हम सलाम करें,
उन्हीं के रास्तों पर हम अपना कदम बढ़ाएं”
Desh ke veeron ki shahadat par hum salaam karein,
Unhi ke raaston par hum apna kadam badhayein

15.
“जब देश को चाहिए हो वीर जवान,
तभी खड़ा हो जाता है भगत सिंह, सुखदेव, राजगुरु जैसे महान”
Jab desh ko chahiye ho veer jawan,
Tabhi khada ho jata hai Bhagat Singh, Sukhdev, Rajguru jaise mahaan

16.
“जो देश के लिए शहीद हुए,
उनकी शहादत से हम प्रेरणा पाएंगे”
Jo desh ke liye shaheed hue,
Unki shahadat se hum prerna paayenge

17.
“देश की आज़ादी के लिए जो शहीद हुए,
उनकी कुर्बानी को हम हमेशा याद करेंगे”
Desh ki azaadi ke liye jo shaheed hue,
Unki kurbani ko hum hamesha yaad karenge

18.
“भगत सिंह ने जो सपना देखा था,
वो आज़ादी हम सबके दिलों में रहेगा”
Bhagat Singh ne jo sapna dekha tha,
Woh azaadi hum sabke dilon mein rahega

19.
“शहीदों की शहादत से जो ताकत मिलती है,
वो देश की एकता और अखंडता को बढ़ाती है”
Shaheedon ki shahadat se jo taqat milti hai,
Woh desh ki ekta aur akhandata ko badhati hai

20.
“सिर्फ तिरंगा नहीं, उनके खून से है आज़ादी का रंग,
हमेशा उन्हें सलाम, जिनके बलिदान से यह आज़ादी का संग”
Sirf tiranga nahi, shaheedon ke khoon se hai azaadi ka rang,
Hamesha unhe salaam, jin ke balidaan se yeh azaadi ka sang
21.
“सच्चे नायक वे हैं, जो देश के लिए अपने प्राणों की आहुति देते हैं,
उनकी शहादत कभी बेकार नहीं जाती, उनका नाम अमर हो जाता है।”
Sachche nayak ve hain, jo desh ke liye apne pranon ki aahuti dete hain,
Unki shahadat kabhi bekaar nahi jaati, unka naam amar ho jaata hai.

22.
“शहीदों की धरती पर हम जीते हैं,
उनकी कुर्बानी से ही हम आज़ादी की हवा में सांस लेते हैं।”
Shaheedon ki dharti par hum jeete hain,
Unki kurbani se hi hum azaadi ki hawa mein saans lete hain.

23.
“कभी कोई मुश्किल नहीं, जब शहीदों की प्रेरणा हो साथ,
आजादी की राह में हर शहीद ने दिखाया हमें एक नया रुख़।”
Kabhi koi mushkil nahi, jab shaheedon ki prerna ho saath,
Azaadi ki raah mein har shaheed ne dikhaya humein ek naya rukh.

24.
“शहीदों के बलिदान से ही देश ने सम्मान पाया,
उनके खून से ही तिरंगे का रंग और गहरा हुआ।”
Shaheedon ke balidaan se hi desh ne samman paaya,
Unke khoon se hi tirange ka rang aur gehra hua.

25.
“जिन्हें शहीदों की शहादत की क़ीमत न समझ आये,
उन्हें कभी भी अपने देश का तिरंगा नहीं समझ पाये।”
Jinhe shaheedon ki shahadat ki keemat na samajh aaye,
Unhe kabhi bhi apne desh ka tiranga nahi samajh paaye.

26.
“आजादी के दीवाने थे भगत सिंह, सुखदेव और राजगुरु,
उनकी शहादत ने ही हमे आज़ादी का सही रास्ता दिखाया।”
Azaadi ke deewane the Bhagat Singh, Sukhdev aur Rajguru,
Unki shahadat ne hi humein azaadi ka sahi rasta dikhaya.

27.
“उनकी शहादत से ही हर एक घर में तिरंगा लहराया,
अब हर भारतवासी ने अपनी आज़ादी का सही महत्त्व जाना।”
Unki shahadat se hi har ek ghar mein tiranga lehraaya,
Ab har Bharatvasi ne apni azaadi ka sahi mahatva jaana.

28.
“जिन्होंने देश के लिए अपनी जान दी,
उनकी यादें और उनकी शहादत हमारी धड़कन में बसी है।”
Jinhone desh ke liye apni jaan di,
Unki yaadein aur unki shahadat hamari dhadkan mein basi hai.

29.
“देश की स्वतंत्रता के लिए शहीद हुए वीरों का बलिदान,
उनके बिना हमारा यह आज़ादी का सपना अधूरा रहता था।”
Desh ki swatantrata ke liye shaheed hue veeron ka balidan,
Unke bina hamara yeh azaadi ka sapna adhoora rehta tha.

30.
“उनकी शहादत ही हमारे दिलों में हमेशा गूंजती रहेगी,
हमेशा उनका नाम लिया जाएगा, क्योंकि वो हमारे लिए अमर रहेंगे।”
Unki shahadat hi humare dilon mein hamesha goonjti rahegi,
Hamesha unka naam liya jaayega, kyunki woh hamare liye amar rahenge.

22. भगत सिंह के विचार (Bhagat Singh ke Vichar)

22. भगत सिंह के विचार (Bhagat Singh ke Vichar)
22. भगत सिंह के विचार (Bhagat Singh ke Vichar)


31.
“मैं नास्तिक हूं, मुझे अपने धर्म पर विश्वास नहीं है।”
Main aatmiik hoon, mujhe apne dharm par vishwas nahi hai.

32.
“जो क्रांति नहीं लाता, वह स्वतंत्रता नहीं प्राप्त कर सकता।”
Jo kranti nahi laata, woh swatantrata nahi praapt kar sakta.

33.
“जिन्हें दूसरों की स्वतंत्रता में भरोसा नहीं होता, उन्हें खुद की स्वतंत्रता में विश्वास नहीं हो सकता।”
Jinhe doosron ki swatantrata mein bharosa nahi hota, unhe khud ki swatantrata mein vishwas nahi ho sakta.

34.
“मुझे किसी और के लिए मरने का कोई अफसोस नहीं है, मैं स्वतंत्रता के लिए मरने को तैयार हूं।”
Mujhe kisi aur ke liye marne ka koi afsos nahi hai, main swatantrata ke liye marne ko tayaar hoon.

35.
“आत्मनिर्भर होना, यही सबसे बड़ा देशभक्ति का रूप है।”
Aatmanirbhar hona, yahi sabse bada deshbhakti ka roop hai.

36.
“कभी भी किसी के सामने सिर झुकाना नहीं चाहिए, अपनी आस्थाओं पर विश्वास रखो।”
Kabhi bhi kisi ke samne sir jhukana nahi chahiye, apni aasthaon par vishwas rakho.

37.
“शक्ति का वास्तविक रूप केवल एक उद्देश्य के लिए होना चाहिए: किसी के खिलाफ संघर्ष!”
Shakti ka vaastavik roop keval ek uddeshya ke liye hona chahiye: kisi ke khilaaf sangharsh!

38.
“हमारे आदर्श और संघर्ष के बीच कोई अंतर नहीं होना चाहिए।”
Hamare aadarsh aur sangharsh ke beech koi antar nahi hona chahiye.

39.
“जो दूसरों की भलाई के लिए जीता है, वही असल में खुद को पाता है।”
Jo doosron ki bhalaai ke liye jeeta hai, wahi asal mein khud ko paata hai.

40.
“वह जो शहीद होते हैं, उनकी क़ीमत कभी नहीं मापी जा सकती, उनका बलिदान अमूल्य होता है।”
Woh jo shaheed hote hain, unki keemat kabhi nahi maapi ja sakti, unka balidan amoolya hota hai.

23. शहीद दिवस पर सुविचार (Shaheed Diwas Par Suvichar)

23. शहीद दिवस पर सुविचार (Shaheed Diwas Par Suvichar)
23. शहीद दिवस पर सुविचार (Shaheed Diwas Par Suvichar)


41.
“शहीदों की शहादत कभी बेकार नहीं जाती, वो हमारे दिलों में हमेशा अमर रहते हैं।”
Shaheedon ki shahadat kabhi bekaar nahi jaati, woh hamare dilon mein hamesha amar rehte hain.

42.
“शहीदों के बलिदान का क़ीमत हमें हमेशा समझनी चाहिए, क्योंकि उनके बिना हम आज़ाद नहीं होते।”
Shaheedon ke balidan ki keemat humein hamesha samajhni chahiye, kyunki unke bina hum azaad nahi hote.

43.
“वे शहीद ही नहीं, वो तो हमारे आदर्श बन गए हैं, जिनकी कुर्बानी हमें सच्ची आज़ादी दिलाई।”
Woh shaheed hi nahi, woh to hamare aadarsh ban gaye hain, jinki kurbani humein sachchi azaadi dilayi.

44.
“शहीदों के बिना हमारे पास ये देश नहीं होता, उनके बलिदान से हम खड़े हुए हैं।”
Shaheedon ke bina hamare paas yeh desh nahi hota, unke balidan se hum khade hue hain.

45.
“उनकी कुर्बानी ने हमें एक ऐसा आज़ादी का सपना दिखाया, जिसे पूरा करने के लिए हम क़दम बढ़ाते हैं।”
Unki kurbani ne humein ek aisa azaadi ka sapna dikhaya, jise poora karne ke liye hum kadam badhaate hain.

46.
“हमारे शहीदों ने अपनी जान दी, लेकिन उनका सपना हम सबके दिलों में जिंदा है।”
Hamare shaheedon ne apni jaan di, lekin unka sapna hum sabke dilon mein zinda hai.

47.
“शहीदों की शहादत के बिना यह स्वतंत्रता अधूरी रहती, उनके बलिदान ने हमें यह महान तोहफा दिया।”
*Shaheedon ki shahadat ke bina yeh sw

48. शहीद दिवस फोटो (Shaheed Diwas Photo)

48. शहीद दिवस फोटो (Shaheed Diwas Photo)


48.
“जिन्हें देखकर हर दिल को प्रेरणा मिले, शहीदों की तस्वीरें हमारी धड़कन बन जाएं।”
Jinhein dekhkar har dil ko prerna mile, woh shaheedon ki tasveeren humari dhadkan ban jaayein.

49.
“उनकी आँखों में संघर्ष की झलक थी, वो वीर हमारे दिलों में तस्वीर बनकर रहते हैं।”
Unki aankhon mein sangharsh ki jhalak thi, woh veer hamare dilon mein tasveer ban kar rehte hain.

50.
“शहीदों के चेहरे की मुस्कान, उनकी तस्वीरों में हमारे दिलों में बस जाती है।”
Shaheedon ke chehre ki muskaan, unki tasveeren humare dilon mein bas jaati hai.

51.
“जिन्हें हम शहीद मानते हैं, उनकी तस्वीरों में हम अपने नायक देखते हैं।”
Jinhein hum shaheed maante hain, unki tasveeren mein hum apne nayak dekhte hain.

52.
“हर तस्वीर की कहानी एक बलिदान है, हर शहीद के चेहरे पर गहरी आस्था का पता है।”
Har tasveer ki kahani ek balidan hai, har shaheed ke chehre par gehri aastha ka pata hai.

53.
“शहीदों की तस्वीरें हमें याद दिलाती हैं कि आज़ादी का सपना उनके खून से सजा था।”
Shaheedon ki tasveeren humein yaad dilati hain ki azaadi ka sapna unke khoon se saja tha.

54.
“उनकी तस्वीरें आज भी हमारी प्रेरणा हैं, और हम उनके बलिदान को कभी नहीं भूल सकते।”
Unki tasveeren aaj bhi hamari prerna hain, aur hum unke balidan ko kabhi nahi bhool sakte.

55.
“शहीदों की तस्वीरें हमें यह सिखाती हैं कि हमें अपने देश के लिए हमेशा संघर्ष करना चाहिए।”
Shaheedon ki tasveeren humein yeh sikhati hain ki humein apne desh ke liye hamesha sangharsh karna chahiye.

56.
“उनकी तस्वीरों से हमें यह समझ में आता है कि एक सच्चा नायक वही है जो देश के लिए अपना सब कुछ दे देता है।”
Unki tasveeren se humein yeh samajh mein aata hai ki ek sachcha nayak wahi hai jo desh ke liye apna sab kuch de deta hai.

.57
“शहीदों के संघर्ष और बलिदान से ही हमें सच्ची स्वतंत्रता मिली।”
Shaheedon ke sangharsh aur balidan se hi humein sachchi svatantrata mili.

58
“आजादी के लिए अपने प्राणों की आहुति देने वाले शहीदों को हम हमेशा श्रद्धांजलि अर्पित करेंगे।”
Azaadi ke liye apne pranon ki aahuti dene wale shaheedon ko hum hamesha shraddhanjali arpit karenge.

59
“देश की स्वतंत्रता के लिए जो शहीद हुए, उनका क़ीमत हम शब्दों से नहीं, अपने कार्यों से अदा कर सकते हैं।”
Desh ki svatantrata ke liye jo shaheed hue, unka keemat hum shabdon se nahi, apne karyo se ada kar sakte hain.

60.
“शहीदों की शहादत को याद करके हम अपने कर्तव्यों को निभाते रहेंगे।”
Shaheedon ki shahadat ko yaad karke hum apne kartavya ko nibhaate rahenge.

61
“जो देश के लिए मरते हैं, उनकी आत्मा को हमेशा शांति मिलती है।”
Jo desh ke liye marte hain, unki aatma ko hamesha shaanti milti hai.

 शहीद दिवस पर निबंध: स्वतंत्रता संग्राम के नायक

 शहीद दिवस पर निबंध: स्वतंत्रता संग्राम के नायक
 शहीद दिवस पर निबंध: स्वतंत्रता संग्राम के नायक


शहीद दिवस (23 मार्च) वह दिन है, जब भारतीय स्वतंत्रता संग्राम के महान नायकों—भगत सिंह, सुखदेव, और राजगुरु को शहीद किया गया था। यह दिन न केवल हमारे लिए एक दुख का दिन है, बल्कि यह हमें हमारे कर्तव्यों की याद भी दिलाता है। यह दिन हमें उन वीर सेनानियों के बलिदान और संघर्ष के बारे में सोचने पर मजबूर करता है, जिन्होंने स्वतंत्रता की खातिर अपनी जान दी। उनका योगदान हमारे दिलों में हमेशा जिंदा रहेगा।

इतिहास में शहीद दिवस का महत्व:
23 मार्च 1931 को, भारतीय स्वतंत्रता संग्राम के महानायक भगत सिंह, सुखदेव, और राजगुरु को ब्रिटिश हुकूमत ने शहीद कर दिया था। यह घटना भारतीय इतिहास में एक काले दिन के रूप में दर्ज है, क्योंकि इस दिन तीन युवा शहीदों ने न केवल ब्रिटिश शासन के खिलाफ अपनी आवाज़ उठाई, बल्कि देश के लिए अपने प्राणों की आहुति दी।

भगत सिंह, सुखदेव और राजगुरु ने यह सिद्ध कर दिया कि जब तक इंसान अपनी जान की परवाह किए बिना किसी विचारधारा के लिए लड़ता है, तब तक वह कभी भी हार नहीं सकता। इन शहीदों ने अपने संघर्ष और बलिदान से हमें यह दिखाया कि स्वतंत्रता एक अमूल्य धरोहर है, जिसे पाने के लिए संघर्ष और बलिदान की आवश्यकता होती है।

शहीदों का बलिदान:
हमारे देश की स्वतंत्रता का रास्ता जितना कठिन था, उतना ही संघर्षमय। यह केवल हमारे वीर शहीदों की वजह से संभव हो पाया था, जिन्होंने अपने जीवन की कीमत पर देश को स्वतंत्रता दिलवाई। भगत सिंह का नाम आते ही हमारे मन में साहस और जोश की भावना उत्पन्न होती है। उन्होंने सिर्फ 23 साल की उम्र में फांसी के फंदे को गले लगाया, लेकिन उनका संघर्ष, उनका जुनून, और उनका आदर्श आज भी हमारे दिलों में जीवित है।

सुखदेव और राजगुरु का योगदान भी उतना ही महत्वपूर्ण है। सुखदेव ने हमेशा अपने देश के लिए संघर्ष किया और अपनी जान की परवाह किए बिना स्वतंत्रता संग्राम में भाग लिया। राजगुरु का योगदान भी संघर्ष के हर मोर्चे पर अविस्मरणीय है। इन तीनों वीरों ने हमसे बहुत कुछ सीखा है—साहस, बलिदान, और देश के प्रति प्रेम।

मुझे शहीदों से क्या प्रेरणा मिलती है:
आज जब हम शहीद दिवस मनाते हैं, तो यह सिर्फ एक दिन नहीं होता, बल्कि यह हमारे जीवन का एक महत्वपूर्ण हिस्सा बन जाता है। उनके बलिदान को याद करते हुए हमें यह समझने की आवश्यकता है कि आज जो स्वतंत्रता हमें मिली है, वह किसी चमत्कारी घटना का परिणाम नहीं है। इसके पीछे अनगिनत शहीदों का खून और संघर्ष छुपा हुआ है।

हमारे पास जो स्वतंत्रता है, वह इन शहीदों की कुर्बानी का परिणाम है। अगर हम आज़ाद हैं तो यह उनके संघर्ष और बलिदान का ही फल है। यही कारण है कि हम शहीद दिवस को न केवल एक राष्ट्रीय दिन के रूप में मनाते हैं, बल्कि यह हमारे कर्तव्यों का अहसास भी कराता है। हमें अपने शहीदों के पदचिह्नों पर चलते हुए अपने देश की सेवा करनी चाहिए और उनके बलिदान को सही मायने में सम्मान देना चाहिए।

सामाजिक जिम्मेदारी:
आज के दौर में हमें यह समझना चाहिए कि सिर्फ याद करना ही पर्याप्त नहीं है। हमें अपने शहीदों से सच्ची श्रद्धांजलि तभी मिल सकती है, जब हम अपने कर्तव्यों को पूरी निष्ठा से निभाएं। हम अपने देश के लिए जो कुछ भी कर सकते हैं, वही हमारे शहीदों के लिए सबसे अच्छा सम्मान होगा। यह हमारी जिम्मेदारी बनती है कि हम उनके दिखाए गए रास्ते पर चलें और अपने देश को प्रगति की ओर अग्रसर करें।

निष्कर्ष:
23 मार्च का दिन हम सभी के लिए प्रेरणा का दिन है। यह हमें याद दिलाता है कि हम अपनी स्वतंत्रता की क़ीमत को समझें और हमेशा अपने शहीदों की याद रखें। उनके बलिदान को सम्मानित करने का सबसे अच्छा तरीका यह है कि हम अपने देश को और अपने समाज को प्रगति की दिशा में आगे बढ़ाएं। उनका संघर्ष हमें यह सिखाता है कि हमें कभी भी अपने देश के प्रति अपनी जिम्मेदारी से भागना नहीं चाहिए। जब तक हम उनके संघर्ष और बलिदान को याद रखेंगे, तब तक हमारे दिलों में उनका नाम अमर रहेगा।

“इंकलाब जिंदाबाद!”

जलियावाला बाग़

देशप्रेम पर

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