Gazal In Hindi/ग़ज़ल हिंदी में –गजल जिंदगी का इक गीत है संगीत है ,यूँ कहें की मोहबत्त को इजहार ,इकरार और इश्क का ऐतबार , इकरार इंकार करने का इक जरिया है ,कोई भी भावना गजल के द्वारा सामने वाले तक पहुंचाई जा सकतीआज के इस आर्टिकल में गजल पर बात करेंगे ल एक ही बहर और वज़न के अनुसार लिखे गए शेरों का समूह है। इसके पहले शेर को मतला कहते हैं। ग़ज़ल के अंतिम शेर को मक़्ता कहते हैं। मक़्ते में सामान्यतः शायर अपना नाम रखता है। आम तौर पर ग़ज़लों में शेरों की विषम संख्या होती है जैसे तीन, पाँच, सात.एक ग़ज़ल में 5 से लेकर 25 तक शेर हो सकते हैं। ये शेर एक दूसरे से स्वतंत्र होते हैं। कभी-कभी एक से अधिक शेर मिलकर अर्थ देते हैं। ऐसे शेर कता बंद कहलाते हैं। उम्मीद करती हूँ आपको जरूर पसंद आएगी ग़ज़ल एक ही बहर और वज़न के अनुसार लिखे गए शेरों का समूह है। इसके पहले शेर को मतला कहते हैं। ग़ज़ल के अंतिम शेर को मक़्ता कहते हैं। मक़्ते में सामान्यतः शायर अपना नाम रखता है। आम तौर पर ग़ज़लों में शेरों की विषम संख्या होती है जैसे तीन, पाँच, सात.एक ग़ज़ल में 5 से लेकर 25 तक शेर हो सकते हैं। ये शेर एक दूसरे से स्वतंत्र होते हैं। कभी-कभी एक से अधिक शेर मिलकर अर्थ देते हैं। ऐसे शेर कता बंद कहलाते हैं।
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गजल हिन्दी /gazal hindi

मुसाफिर स बना दिया है जीने की चाह ने
चलते हैं उम्र भर सकूँ की तलाश मे
थकते नहीं कदम इक पल भी राह मे
मुसाफिर सा बना दिया जीने की चाह ने
करते हैं उम्र भर खुसियों की तलाश सब
होश भी न रहा जिंदगी गई है थम
न सकूँ मिला कभी जिंदगी तेरी पनाह मे
आखिर सफर थमा मौत के बांह मे
खुद से कभी हम जी भर के न मिल सके
खुद के लिए भी कभी दो पल न जी सके
कस्तूरी को मरग् की तरह खोजते
खुशियों को बाजारों मे देखते रहे
मुसाफिर हैं दो पल के हकीकत भुल गए
दुनियाँ की भीड़ मे दुनिया मे खो गए
पल दो पल की मंजिल को अपना कह गए
खाली ही आए थे खाली ही रह गए [
Ghazalगजल

मेरी रह गुजर तेरे करीब है मेरे हमसफ़र
रास्ते जुदा सही इश्क ही अपनी डगर
तेरा हर पल मुझमे मोजूद रहना
अश्क बन कर मेरी आँख से बहना
रुत की तरह बदलना नहीं
रहे वफ़ा ने रुकना नह
टूट कर बिखर जाए वादियूँ मे
है शर्त राहे उलफ़त मे झुकना नही
इश्क कोई वक्त नहीं जो गुजर जाए
झूठे हमसफ़र की तरह मुकर जाए
वो दर्द क्या जो हद से न गुजर जाए
है ये इबादत जो वक्त के साथ सवर जाए
कुछ सवाल मेरे अजीब थे
जो कभी मैंने पूछे न थे
कुछ सवाल तेरे अजीब थ
की जवाब हम भी दे न सके
रही दरमियां बंदिशें या वफ़ा की खलिश
रही वक्त की कुछ साजिश
रही पल पल यही रंजिशें
की तू इश्क के काबिल नहीं
गजल हमसफर

सुनो ए हमसफ़र
चलोगे किस मोड तक
कभी देख कर मेरी मुसकीलें
छोड़ दोगे बीच राह पर
सुनो ए हमसफ़र
कुछ दिल फरेब कहते हैं कसमें
झूठी खाकर चलेंगे यूं ही साथ
हम गम और खुसी मे उम्र भर
सुन ओ हमसफ़र
रंजिश रखेंगे न इक पल को भी दिल
मे चाहे लाख सिखवे सिखायते
हो दरमियां रंज गम न दिल में
कभी हम मे तुम मे तकरार हो
बंद इश्क का इजहार हो
एसा न हो की तू भूल जा
बदनाम इश्क सरे बजार हो
सुन ए हमसफ़र
होती हैं इश्क की कुछ रिवायते
चाहे लाख हो सिखायतें सुन हमसफ़र
तब इश्क की निभानी होती रियायतें
सुन ए हमसफ़र
याद ये रहे की ये है तेरी मेरी
महोबबते तब निभाओगे
वफ़ा तुम या करोगे तिजारत[[[ दिल से ]
हिंदी गजल तन्हा

हिंदी गजल तन्हा
अजब सी है कसक दिल मे कैसी गिला है
जब से ये दिल तुझसे मिला है
दिल की तड़फ दर्द का सिलसिला है
मोबत्त मे वफ़ा का कैसा सिला है
गैरों की महफ़िल में उसे हस्ते देखा
गैरों से उसे गले मिलते देखा
हर पल उसे रंग बदलते देखा
दिल का उसे पता बदलते देखा
महोबत्त दर्द की दासता बन गई
आखें दर्द की इक दरिया बन
ख्वाबों की इक इबारत बह गई
महोबत्त फिर से तन्हा रह गई
कहते क्या हम जुबां से उसको
महोबत्त तिजारत मे फरक न हो जि
कहता हमने कीदिल दि
महोबत्त के मीने पता न था जिसको
तेरा ख्याल {गजल}

तेरा खयाल दिल से जाता नहीं
कैसे समझाओं दिल समझता ही नहीं
एक खलिश सी हर पल दिल मे रहती
जुबां खामोश पर आँख चुपचाप है बहती
अंजाम महोबत्त का सोचा न था कभी
ता उम्र भर का गम मिलेगा था न यकी
इसी कसमकस मे बसर होगी सोचा नहीं
हंस देते थे दास्तान ए महोबत्त सुनकर हम कभी
हम भी इस दर्द ए महोबत्त से रूबरू होंगे सोचा ही नहीं
न पाने की चाह न महोबत्त की हमें आरजू थी
हर तरफ अपनी बस खुसी ही खुसी थी
जिस घड़ी जिंदगी मे महोबत्त नहीं थी
ये ख्याल ए महोबत्त सजा बन गई
हमको हमसे जुदा कर गई
गजल – कागज की कश्ती

कागज की कश्ती सा जीवन है अपना
एक महल बनाते नित बुनते है सपना
यहाँ कोई पराया नहीं है हर कोई है अपना
कागज की कसती सा जीवन
कागज की कश्ती सा जीवन हमारा
दूर बहुत मंजिल न कोई किनारा
सफर है दरिया का केसे पहुचें किनारा
कागज की कश्ती सा जीवन हमारा
कागज की कश्ती सा जीवन हमारा
है खौफ लहरों का नहीं कोई सहारा
कब मिट जाए हस्ती ये कागज की कश्ती
कागज की कश्ती सा जीवन हमारा
कागज की कश्ती का वजूद यहाँ क्या
एक झोंका वक्त की आंधी का
मिट जाए कागज की कश्ती
कागज कि कश्ती सा जीवन हमार
कागज की कश्ती सा जीवन हमारा
एक ख्वाब का महल है जीवन डोर
न इसका ठिकाना न इसका छोर
कागज की कश्ती सा जीवन हमारा
कागज की कश्ती सा जीवन का अंत
एक पल में छूटते जीवन रूपी बसंत
रहा कौन भला यहाँ जीवन पर्यन्त
कागज की कश्ती सा जीवन का बसंत
gulam ali gazal/sad gazal
ह म तेरे शहर में आये हैं, मुसाफिर की तरह
हम तेरे शहर में आये हैं, मुसाफिर की तरह
सिर्फ एक बार मुलाक़ात का मौक़ा दे दे
हम तेरे शहर में आये हैं, मुसाफिर की तरह
हम तेरे शहर में आये हैं, मुसाफिर की तरह
अपनी आंखों में छुपा राखें हैं जुगनू मैं ने
अपनी आंखों में छुपा राखें हैं जुगनू मैं ने
अपनी पलकों पे सजा रखे हैं आंसू मैं ने
मेरी आँखों को भी बरसात का मौका दे दे
हम तेरे शहर में आये हैं, मुसाफिर की तरह
हम तेरे शहर में आये हैं, मुसाफिर की तरह
भूलना था तो ये इकरार किया ही क्यों था
भूलना था तो ये इकरार किया ही क्यों था
बेवफा तूने मुझे प्यार किया ही क्यों था
सिर्फ दो-चार सवालात का मौका दे दे
हम तेरे शहर में आये हैं, मुसाफिर की तरह
हम तेरे शहर में आये हैं, मुसाफिर की तरह
सिर्फ एक बार मुलाक़ात का मौक़ा दे दे
हम तेरे शहर में आये हैं, मुसाफिर की तरह
हम तेरे शहर में आये हैं, मुसाफिर की तरह
हम तेरे शहर में आये हैं, मुसाफिर की तरह
jagjit singh ki gazalजगजीत सिहं / कैफ़ी आज़मी
तुम इतना जो मुस्कुरा रहे हो
तुम इतना जो मुस्कुरा रहे हो
क्या ग़म है जिस को छुपा रहे हो
आंखों में नमी हंसी लबों पर
क्या हाल है क्या दिखा रहे हो
बन जाएंगे ज़हर पीते पीते
ये अश्क जो पीते जा रहे हो
जिन ज़ख़्मों को वक़्त भर चला है
तुम क्यूं उन्हें छेड़े जा रहे हो
रेखाओं का खेल है मुक़द्दर
रेखाओं से मात खा रहे हो
pankaj udaas ki gazal/अनवर फ़रुखाबादी
सब को मालूम है मैं शराबी नहीं
फिर भी कोई पिलाए तो मैं क्या करूँ
सिर्फ़ एक बार नज़रों से नज़रें मिलें
और क़सम टूट जाए तो मैं क्या करूँ
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ग़ज़ल: “रंजिश ही सही” — शायर: अहमद फ़राज़ | प्रसिद्ध गायन: महदी हसन
(कुछ शेर उद्धरण):
रंजिश ही सही, दिल ही दुखाने के लिए आ
आ, फिर से मुझे छोड़ के जाने के लिए आ
पूरा पाठ और जानकारी: [Rekhta पर पढ़ें]
ग़ज़ल: “मुझसे पहली सी मोहब्बत मेरी महबूब न मांग” — शायर: फ़ैज़ अहमद फ़ैज़ | गायक: नूरजहाँ
उद्धरण: मुझसे पहली सी मोहब्बत मेरी महबूब न मांग, मैंने समझा था कि तू है तो दरख़्शाँ है हयात
पूरा पाठ पढ़ने के लिए: [Rekhta लिंक
Best Gazal Shayari
1.
दिल की खामोशी में तेरी यादें बसी हैं,
हर धड़कन में तेरी बातें लिखी हैं,
2.
वो वादे जो कभी मुस्कान में किए थे,
आज बस तन्हाई में गूंजते हैं,
3.
मोहब्बत की राह में मिले कुछ धोखे,
पर इश्क़ की मिठास आज भी बाकी है,
4.
आँखों में छुपा रखा है दर्द का सागर,
फिर भी चेहरे पर हंसी सजाई है,
5.
वो पल जो साथ जिए थे कभी,
अब सिर्फ याद बनकर आते हैं,
6.
तेरी मुस्कान ने दिल को बहलाया था,
अब वही यादें बस आँसू लाती हैं,
7.
हर रात तेरे ख्यालों में कटती है,
दिन भी तेरी कमी में अधूरा लगता है,
8.
हमने चाहा था सिर्फ तुझे अपनी दुनिया में,
पर धोखे ने सब कुछ बदल दिया,
9.
मोहब्बत में हर चेहरा सच नहीं होता,
सच्चे एहसास अब भी मेरे साथ हैं,
10.
तेरी आवाज़ कानों में गूंजती रहती है,
हर दर्द को मुस्कान में बदल देती है,
11.
वो जाने वाले कभी लौट कर नहीं आते,
फिर भी उनकी यादें दिल को छू जाती हैं,
12.
हर लम्हा तेरी कमी महसूस करता है,
हर पल बस तेरी यादों में खो जाता है,
13.
दिल ने चाहा उन्हें हमेशा अपना समझे,
पर मोहब्बत में धोखे भी साथ रहते हैं,
14.
वो बीते पल जो साथ जिए थे हम,
अब सिर्फ तस्वीरों में मुस्कुराते हैं,
15.
तेरी बातों में जो प्यार था, वह खो गया,
अब सिर्फ खामोशी का सन्नाटा बाकी है,
16.
मोहब्बत में हमने सब कुछ दे दिया,
पर धोखे ने सब कुछ छीन लिया,
17.
हर सुबह तेरी यादों से शुरू होती है,
हर रात तेरे ख्यालों में खत्म होती है,
18.
वो वादे जो निभाए नहीं गए कभी,
आज सिर्फ ग़म की तरह महसूस होते हैं,
19.
दिल की दुनिया अब अधूरी सी लगती है,
तेरे बिना हर खुशी फीकी लगती है,
20.
हर खुशी में भी बस तेरी याद आती है,
हर ग़म में तेरा नाम साथ रहता है,
21.
तन्हाई में बस तेरा ख्याल आता है,
तेरी आवाज़ हर पल कानों में गूंजती है,
22.
वो मोहब्बत जो कभी निभाई थी हम,
आज सिर्फ यादों में जीती है,
23.
हर लम्हा तेरा इंतजार करता है दिल,
हर पल तेरा ख्याल सताता है,
24.
दिल ने चाहा तुम्हें हमेशा पास पाएं,
पर धोखे ने सब कुछ दूर कर दिया,
25.
तेरी हर बात अब भी यादों में जिंदा है,
तेरी हर मुस्कान दिल को छू जाती है,
26.
मोहब्बत में जो खोया, वही अब याद आता है,
हर लम्हा बस उसके बिना अधूरा लगता है,
27.
हर साँस में तेरी खुशबू महसूस होती है,
हर पल तेरी यादें साथ चलती हैं,
28.
वो जो कभी अपना कहते थे हमें,
आज बस नाम और याद बन गए हैं,
29.
दिल की हर धड़कन अब तुझसे ही जुड़ी है,
तेरी कमी हर पल महसूस होती है,
30.
तेरी यादों ने दिल को इतनी चोट दी,
पर मोहब्बत की मिठास अभी भी बाकी है,
gazal shayari
31.
तेरे बिना ये ज़िंदगी अधूरी लगती है,
हर खुशी में भी तेरी कमी खलती है,
32.
हमने चाहा तुझे अपनी रूह की तरह,
पर तूने हमें परछाईं समझ लिया,
33.
हर रात तेरे ख्यालों में खो जाते हैं,
सपनों में भी तुझसे मिलने चले आते हैं,
34.
तेरी मोहब्बत अब भी दिल में बसती है,
भले ही तू अब किसी और की हक़ीक़त है,
35.
तेरे लौट आने की आस में जिए जाते हैं,
हर दिन तेरी यादों में खोए रहते हैं,
36.
तन्हाई में तेरे कदमों की आहट सुनाई देती है,
हर धड़कन में बस तेरा नाम आता है,
37.
इश्क़ में हमने खुद को मिटा दिया,
तूने मुस्कुराकर हमें भुला दिया,
38.
तेरी यादों ने हमें चैन से जीने नहीं दिया,
हर पल तेरी कमी ने रुला दिया,
39.
दिल को अब भी तेरे आने की उम्मीद है,
पर हक़ीक़त में बस सन्नाटा ही नसीब है,
40.
तेरे बिना हर रंग फीका लगता है,
हर लम्हा अब अधूरा लगता है,
41.
हमने चाहा तुझसे ज़्यादा किसी को नहीं,
पर तुझे चाहना ही गुनाह बन गया,
42.
तेरी हँसी आज भी यादों में खिलती है,
तेरे जाने के बाद तन्हाई बढ़ती है,
43.
हर ख्वाब में बस तेरा चेहरा दिखता है,
हर सुबह तेरा नाम जुबां पर आता है,
44.
वो लम्हे जो तेरे साथ बीते थे कभी,
अब बस तन्हाई में रुला जाते हैं सभी,
45.
हमने तेरी मोहब्बत को पूजा की तरह चाहा,
पर तूने हमें बस कहानी बना डाला,
46.
तेरे बिना अब कोई सुकून नहीं मिलता,
हर खुशी में भी ग़म का रंग घुलता है,
47.
तेरी यादों से रिश्ता अब तक टूटा नहीं,
तेरे जाने के बाद भी दिल रूठा नहीं,
48.
हर सांस में तेरी याद बसाई है हमने,
हर धड़कन में तेरा नाम लिखा है हमने,
49.
तेरी तन्हाई अब हमारी दुनिया बन गई,
तेरी याद ही हमारी सजा बन गई,
50.
वो इश्क़ जो अधूरा रह गया,
अब बस दर्द बनकर रह गया,
“बिछड़ने का दर्द”
51.
बिछड़ने की वो आख़िरी मुलाक़ात याद है,
तेरी खामोशी में भी हज़ार बातें थीं,
52.
तेरे जाने के बाद जो सन्नाटा छाया,
वो अब तक दिल में गूंजता है,
53.
हमने चाहा तुझसे बिछड़ना ना पड़े,
पर किस्मत ने हमसे तुझे छीन लिया,
54.
तेरे बिना अब हर लम्हा अधूरा लगता है,
जैसे ज़िंदगी का मक़सद ही खो गया है,
55.
वो आंसू अब भी आँखों में बसते हैं,
जब तेरे जाने की यादें पलटती हैं,
56.
हमने सोचा था तू साथ चलेगा उम्रभर,
पर तू तो बीच राह ही छोड़ गया,
57.
तेरे बिछड़ने से जो दर्द मिला है हमें,
वो किसी दवा से मिटता नहीं,
58.
तेरे जाने के बाद जो खालीपन आया,
वो अब हमारी दुनिया बन गया है,
59.
हर मोड़ पर तेरी यादें साथ चलती हैं,
हर राह तेरे बिना सुनसान लगती है,
60.
वो अलविदा जो तूने मुस्कुराकर कहा,
हमारे लिए उम्रभर का ग़म बन गया,
61.
हमने हर दर्द तेरे नाम कर दिया,
तूने हर खुशी किसी और को दे दी,
62.
तेरी जुदाई ने हमें तोड़ कर रख दिया,
अब दिल में बस आहें बाकी हैं,
63.
तेरे बिना अब कोई मौसम नहीं भाता,
हर रंग अब धुंधला नज़र आता है,
64.
तू चला गया तो कुछ भी ना रहा,
सांसें हैं मगर ज़िंदगी नहीं रही,
65.
वो वक़्त जब तू पास था,
अब बस यादों में रह गया है,
66.
तेरे बिना अब कोई अरमान नहीं,
हर ख्वाब बिखरा और वीरान है,
67.
तेरी जुदाई का ग़म यूँ दिल में बसा है,
जैसे साया हर पल साथ रहता है,
68.
हर पल तेरी कमी महसूस होती है,
हर सांस में तेरी याद आती है,
69.
तेरे जाने के बाद सुकून ना मिला,
हर खुशी में अब दर्द मिला,
70.
तेरी मोहब्बत का असर कुछ यूँ हुआ,
कि अब किसी और से दिल लगता नहीं,
💔 “खामोश मोहब्बत”
71.
खामोशियों में भी तेरा नाम गूंजता है,
दिल की हर धड़कन में तेरा एहसास होता है,
72.
कभी सोचा था तुझसे कुछ कहेंगे हम,
पर अब लफ़्ज़ भी तेरे बिना रोते हैं,
73.
तेरे जाने के बाद भी तेरा असर बाकी है,
हर खामोशी में तेरा जिक्र बाकी है,
74.
हमने चाहा भी तो कह न सके तुझसे,
तेरी मोहब्बत को खामोशी में जीते रहे,
75.
तू सामने हो फिर भी दूर लगता है,
तेरी आँखों में अब कोई नूर नहीं दिखता है,
76.
खामोश इश्क़ की दास्तान बड़ी दर्दभरी है,
कह नहीं सके जो दिल में वही अधूरी कहानी है,
77.
तेरे बिना लफ़्ज़ों का भी मतलब नहीं रहा,
अब तो खामोश रहना ही हमारी ज़ुबान बन गया,
78.
हर नज़र में तेरा चेहरा बसता है,
पर जुबां से तेरा नाम निकलता नहीं,
79.
दिल की दीवारों पर तेरा नाम लिखा है,
खामोशियों में भी तेरा प्यार जिया है,
80.
हमने तेरे लिए खामोश रहकर रोया,
हर आंसू ने तेरे इश्क़ का इज़हार किया,
81.
तू समझता नहीं हमारी खामोशी का मतलब,
वरना हर सन्नाटा तेरे नाम पुकारता है,
82.
बिन बोले ही तुझसे मोहब्बत की है,
तेरे हर दर्द को चुपचाप सीने में रख लिया है,
83.
तेरी मुस्कान आज भी दिल में बसी है,
पर खामोशियाँ अब हमारी किस्मत बन गई हैं,
84.
कभी चाहा था तुझे लफ़्ज़ों में बयां करें,
पर तेरी बेवफ़ाई ने हमें खामोश कर दिया,
85.
तेरे जाने के बाद जो सन्नाटा फैला,
वो अब हमारी दुनिया का हिस्सा बन गया,
86.
तेरी यादें अब हमारी जुबां बन गईं,
हमारी खामोशी अब तेरी निशानी बन गई,
87.
तेरे इश्क़ का असर कुछ यूँ हुआ,
हम बोलना भूल गए, बस जीना सीख लिया,
88.
तेरी खामोशी में भी एक दर्द छिपा है,
जो हमें हर लम्हा रुला जाता है,
89.
हमारी मोहब्बत अब खामोश रह गई,
तेरी बेपरवाही से दिल तन्हा रह गया,
90.
तेरे बिना अब कोई सुकून नहीं मिलता,
हर खामोशी अब तेरा नाम लेती है,
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❤️ Love Gazal Hindi – “बेइंतिहा मोहब्बत का इज़हार” ❤️
मोहब्बत है तुझसे बेइंतिहां, मगर इज़हार करना नहीं आता,
दिल में तू हर लम्हा है, पर जुबां से कहना नहीं आता।
हर ख्वाब में तेरी सूरत, हर साँस में तेरा नाम है,
तेरे बिना ये ज़िंदगी अधूरी, तेरा होना ही अरमान है।
तू पास हो या दूर, एहसास तेरा हमेशा रहता है,
तेरे बिना अब कोई पल सुकून का नहीं कहता है।
हमने चाहा तुझे रूह की गहराई से बेपनाह,
पर तूने कभी समझा ही नहीं, क्या है ये दिल की चाह।
तेरे जाने के बाद भी तेरी यादें महकती हैं,
तेरे प्यार की खुशबू हर लम्हा सजती हैं।
कभी तू भी महसूस कर, कैसी होती है चाहत सच्ची,
जिसमें सब कुछ दे दिया, पर बदले में खामोशी पाई।
तेरे बिना अब हर रंग फीका लगता है,
हर खुशी भी अब दर्द का टुकड़ा बनता है।
मोहब्बत मेरी खामोश सही, मगर सच्ची है,
तेरे बिना ये ज़िंदगी अब अधूरी सी है।