Guru Purnima Quotes/गुरु पूर्णिमा उद्धरण 2023गुरु पूर्णिमा के सुअवसर पर सभी को बहुत बहुत बधाई गुरु की महिमा आदि काल से हमारी संस्कृति और देश में चली आ रही है , गुरु जो की हमको अध्यात्म और जीवन यापन के क्षेत्र में जीने की कला सिखाता है , इसीलिए गुरु की महिमा का हम शब्दों बखान नहीं कर सकते हैं गुरु पूर्णिमा सनातन धर्म संस्कृति है। आदिगुरु परमेश्वर शिव दक्षिणामूर्ति रूप में समस्त ऋषि मुनि को शिष्यके रूप शिवज्ञान प्रदान किया था। उन्हीं के याद में गुरुपूर्णिमा मानाया जाता है। गुरु पूर्णिमा उन सभी आध्यात्मिक और अकादमिक गुरुजनों को समर्पित परम्परा है जिन्होंने कर्म योग आधारित व्यक्तित्व विकास और प्रबुद्ध को विकसित करने में बहुत कम अथवा बिना किसी मौद्रिक खर्चे के अपनी बुद्धिमता को साझा करने के लिए तैयार हों।यह दिन महाभारत के रचयिता कृष्ण द्वैपायन व्यास का जन्मदिन भी है। वे संस्कृत के प्रकांड विद्वान थे। उनका एक नाम वेद व्यास भी है। उन्हुने चार वेदऔर अठारह पुरानों की रचना की थी इन्हें आदि गुरु कहा जाता है और उनके सम्मान में गुरु पूर्णिमा को व्यास पूर्णिमा नाम से भी जाना जाता है। इसको भारत, नेपाल और भूटान में हिन्दू, जैन और बोद्ध धर्म के अनुयायी उत्सव के रूप में मनाते हैं। यह पर्व हिन्दू, बौद्ध और जैन अपने आध्यात्मिक शिक्षकों / अधिनायकों के सम्मान और उन्हें अपनी कृतज्ञता दिखाने के रूप में मनाया जाता है। यह पर्व हिन्दू पंचांग के हिन्दू माह आषाढ़ की पूर्णिमा (जून-जुलाई) मनाया जाता है।शास्त्रों में गु का अर्थ बताया गया है- अंधकार या मूल अज्ञान और रु का का अर्थ किया गया है- उसका निरोधक। गुरु को गुरु इसलिए कहा जाता है कि वह अज्ञान तिमिर का ज्ञानांजन-शलाका से निवारण कर देता है।[9] अर्थात अंधकार को हटाकर प्रकाश की ओर ले जाने वाले को ‘गुरु’ कहा जाता है।
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1-
गुरू पूर्णिमा:गुरू ब्रह्मा गुरू विष्णु, गुरु देवो महेश्वरा गुरु साक्षात परब्रह्म, तस्मै श्री गुरुवे नमः
संत कवीर गुरु महिमा बताते हुए कहते हैं
. 2-
सब धरती कागद करूँ, लेखनि सब बनराय। सात समुंद की मसि करूँ, गुरु गुन लिखा न जाय।।
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दोस्तों यूंतो बड़े बड़े कवियों संतों ने अपने शब्दों में गुरु को महिमा मंडित किया है परन्तु इस पोस्टमें मेरी खुद के कुछ कोट्स हैं उम्मीद कर्त्री हूँ मेरे द्वारा लिखित
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3-
जो गुरु मुझे तुम मिलाओ गोबिंद
जो गुरु तुम मिटाओ तिमिर
जो गुरु तुम मिटाओ बघव बंधन
ऐसे गुरु के चरणों में करूं कोटि बंदन🙏🙏
jo guru mujhe tum milao gobind
jo guru tum mitao timir
jo guru tum mitao baghav bandhan
aise guru ke charanon mein karoon koti bandan🙏🙏
4-
गुरु अन्धकार मिटाता है
सत्य की राह दिखाता है
गुरु जिन्दगी बनाता है
गुरु गोबिंद से मिलाता है
guru andhakaar mitaata hai
saty kee raah dikhaata hai
guru jindagee banaata hai
guru gobind se milaata hai
5-
हो रही है सब जग गुरु की बंदना 🌹🌹🙏🙏
कर ले रे मन मन से गुरु की अर्चना 🌹🌹🙏🙏
गुरु मिले जिसे उसे फिर किस बात का दुःख ???
गुरु की राह सत्य की राह है सत्य में ही है सब सुख||
ho rahee hai sab jag guru kee bandana 🌹🌹🙏🙏
kar le re man man se guru kee archana 🌹🌹🙏🙏
guru mile jise use phir kis baat ka duhkh ???
guru kee raah saty kee raah hai saty mein hee hai sab sukh
6-
जब जब कभी राह में भटक जाऊं
जीवन में सत्य की राह भुल जाऊं
उस पल गुरु की शरण में जाऊं 🌹🌹🙏🙏
उस पल गुरु की शरण जाकर शीस झुकाऊं 🙏🙏
jab jab kabhee raah mein bhatak jaoon
jeevan mein saty kee raah bhul jaoon
us pal guru kee sharan mein jaoon 🌹🌹🙏🙏
us pal guru kee sharan jaakar shis jhukaau
7-
गुरु की महिमा अनंत है
गुरु के चरणों में नमन है 🙏🙏
जब जब जिसपर गुरु कृपा हुई है
जीवन में खुशिया भरपूर हुई हैं
guru kee mahima anant hai
guru ke charanon mein naman hai 🙏🙏
jab jab jisapar guru krpa huee hai
jeevan mein khushiya bharapoor huee hain
8-
गुरु पारस मैं पत्थर हूँ
गुरु उजियारा मैं तिमिर हूँ
मिट जाएगा सब असत्य निसचिंत हूँ
गुरु सत्य मैं सत्य की शरण हूँ 🌹🌹🙏🙏
guru paaras main patthar hoon
guru ujiyaara main timir hoon
mit jaega sab asaty nisachint hoon
guru saty main saty kee sharan hoon 🌹🌹🙏🙏
happy guru purnima
9-
गुरु ने ज्ञान जगाया गोबिंद से मिलाया
गुरु ने कृपा क्र के अन्धकार मिटाया
guru ne gyaan jagaaya gobind se milaaya
guru ne krpa kr ke andhakaar mitaaya
Guru awakened knowledge and introduced him to Gobind.
The Guru kindly dispelled the darkness
10-
बड़े भाग से गुरु मिलते हैं
शिष्य के सारे दोष हरते हैं
गुरु महिमा हम सब गाते हैं
गुरु को हम सत सत नमन करते हैं 🙏🙏
bade bhaag se guru milate hain
shishy ke saare dosh harate hain
guru mahima ham sab gaate hain
guru ko ham sat sat naman karate hain 🙏🙏
Guru is found in large part
removes all the faults of the disciple
Guru Mahima we all sing
We salute our Guru with all our hearts.
11-
देखो आई गुरु पूर्णिमा
गाएं हम सब गुरु की महिमा
आप सबको हैप्पी गुरु पूर्णिमा 🙏🙏
dekho aaee guru poornima
gaen ham sab guru kee mahima
aap sabako haippee guru poornima 🙏🙏
Look Guru Purnima has come!
let us all sing the glory of the Guru
Happy Guru Purnima to all of you 🙏🙏
12
गुरु अन्धकार मिटाते हैं
हमको राह दिखाते हैं
गुरु की महिमा सारे संत भी गाते हैं
सत्य दिखाने वाले गुरु को हम सब सीस झुकाते हैं
guru andhakaar mitaate hain
hamako raah dikhaate hain
guru kee mahima saare sant bhee gaate hain
saty dikhaane vaale guru ko ham sab sees jhukaate hain
Guru removes darkness
show us the way
All the saints also sing the glory of the Guru.
We all bow our heads to the Guru who shows us the truth.
13
जब जब राह भटकते हैं
गुरु हमें राह दिखाते हैं
हे गुरु देव् हम सीस झुकाते हैं
हम गुरु पूर्णिमा मनाते हैं 🙏🙏
jab jab raah bhatakate hain
guru hamen raah dikhaate hain
he guru dev ham sees jhukaate hain
ham guru poornima manaate hain 🙏🙏
whenever you lose your way
Guru shows us the way
O Guru Dev, we bow down
We celebrate Guru Purnima 🙏🙏
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संत कबीर जी के दोहे इमेज सहित
14
गुरु पारस को अन्तरो, जानत हैं सब सन्त।
वह लोहा कंचन करे, ये करि लये महन्त॥॥
||संत कबीर जी||
guru paaras ko antaro, jaanat hain sab sant.
vah loha kanchan kare, ye kari laye mahant..
||sant kabeer jee||
15
सतगुरु मिला जु जानिये, ज्ञान उजाला होय।
भ्रम का भाँडा तोड़ी करि, रहै निराला होय
||संत कबीर जी||
sataguru mila ju jaaniye, gyaan ujaala hoy.
bhram ka bhaanda todee kari, rahai niraala hoy
||sant kabeer jee||
16
गुरु कुम्हार शिष्य कुंभ है, गढ़ि – गढ़ि काढ़ै खोट।
अन्तर हाथ सहार दै, बाहर बाहै चोट॥॥
||संत कबीर जी||
guru kumhaar hai aur shishy kumbh hai.
bheetaree haath sahaara dete hain,
baaharee bhujaen chot pahunchaatee hain.
||sant kabeer jee||
17
गुरु पारस को अन्तरो, जानत हैं सब सन्त।
वह लोहा कंचन करे, ये करि लये महन्त॥॥
||संत कबीर जी||
guru paaras ko antaro, jaanat hain sab sant.
vah loha kanchan kare, ye kari laaye mahant..
||sant kabeer||
18
कुमति कीच चेला भरा, गुरु ज्ञान जल होय।
जनम – जनम का मोरचा, पल में डारे धोया॥
||संत कबीर जी||
kumati keech chela bhara, guru gyaan jal hoy.
janam – janam ka moracha, pal mein daare dhoya.
||sant kabeer jee||
19-
गुरु समान दाता नहीं, याचक शीष समान।
तीन लोक की सम्पदा, सो गुरु दीन्ही दान
||संत कबीर जी||
guru samaan daata nahin, yaachak sheesh samaan.
teen lok kee sampada, so guru deenhee daan
||sant kabeer jee||
guru purnima 21 Jul 2024
20
गुरु की करुना बरसती है बार बार
गुरुपूर्णिमा मनाते हैं हम हर बार
बना रहे गुरुदेव आपका हमेशा प्यार
मनाते रहें हम गुरुपूर्णिमा का त्यौहार
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21
सच्चा सतगुरु वही है जो सिष्य को आडम्बरों प्रपंचों से मुक्त करे और ज्ञान का प्रकास दे संत कबीर कहते हैं कि यदि सद्गुरु की कृपा न हुई होती तो मैं भी पत्थर की पूजा करता और जैसे जंगल में नील गाय भटकती है, वैसे ही मैं व्यर्थ तीर्थों में भटकता फिरता। सद्गुरु की कृपा से ही मेरे सिर से आडंबरों का बोझ उतर गया
हम भी पांहन पूजते, होते रन के रोझ।
सतगुरु की कृपा भई, डार्या सिर पैं बोझ॥
22
आमिर ख़ुसरो कहते हैं कि आत्मा रूपी गोरी सेज पर सो रही है, उसने अपने मुख पर केश डाल लिए हैं, अर्थात वह दिखाई नहीं दे रही है। तब ख़ुसरो ने मन में निश्चय किया कि अब चारों ओर अँधेरा हो गया है, रात्रि की व्याप्ति दिखाई दे रही है। अतः उसे भी अपने घर अर्थात परमात्मा के घर चलना चाहिए।
गोरी सोवै सेज पर, मुख पर डारे केस।
चल ख़ुसरो घर आपने, रैन भई चहुँ देस॥
23
संत रैदास कहते हैं कि वे प्रेम−मार्ग रूपी पालकी में बैठकर अपने सच्चे स्वामी से मिलने के लिए चले हैं। उनसे मिलने की चाह का आनंद ही निर्वचनीय है, तो उनसे मिलकर आनंद की अनुभूति का तो कहना ही क्या!
प्रेम पंथ की पालकी, रैदास बैठियो आय।
सांचे सामी मिलन कूं, आनंद कह्यो न जाय॥
24
सहजो बाई कहती हैं सद्गुरु के चरणों में सारे अड़सठ पवित्र तीर्थ रहते हैं, अर्थात उनके चरण अड़सठ तीर्थों के समान पवित्र एवं पूज्य है। उनका पुण्यफल पवित्रतम है। इस समस्त संसार में ऐसा कोई धाम या तीर्थ नहीं है जो सद्गुरु के चरणों में नहीं है
अड़सठ तीरथ गुरु चरण, परवी होत अखंड।
सहजो ऐसो धामना, सकल अंड ब्रह्मंड॥
24
सतगुरु हम सूँ रीझि करि, एक कह्या प्रसंग।
बरस्या बादल प्रेम का, भीजि गया सब अंग॥
दादू कहते हैं सद्गुरु ने मुझ पर प्रसन्न होकर एक रसपूर्ण वार्ता सुनाई जिससे प्रेम रस की वर्षा हुई और मेरे अंग-प्रत्यंग उस रस से भीग गए।
25
क्या गंगा क्या गोमती, बदरी गया पिराग।
सतगुर में सब ही आया, रहे चरण लिव लाग॥
संत जमाल कहते हैं पर्वत में स्थित रत्नों के समान राम प्रत्येक शरीर में व्याप्त है। किंतु, बिना गुरु से ज्ञान प्राप्त किए वह (राम) प्रकट नहीं होता।
26
सब घट माँही राम है, ज्यौं गिरिसुत में लाल।
ज्ञान गुरु चकमक बिना, प्रकट न होत जमाल॥