Vishv Dak Divas Rashtriya Dak Saptah| डाकिया के नाम शायरी-“हर खत में छुपी होती है एक कहानी, और हर डाकिया लाता है यादों की खुशबू। 9 अक्टूबर को मनाया जाने वाला विश्व डाक दिवस और 9-13 अक्टूबर तक चलने वाला राष्ट्रीय डाक सप्ताह हमें याद दिलाते हैं कि पत्र केवल शब्द नहीं, बल्कि दिल की भावनाओं का आईना हैं। इस पोस्ट में हम लेकर आए हैं डाकिया के नाम स्वरचित शायरी, जो खतों, संदेशों और डाकिया के महत्व को खूबसूरती से बयां करती हैं। पढ़िए और शेयर कीजिए ये प्यारी शायरी अपने दोस्तों और परिवार के साथ।”
H2: पुराने समय में डाकिया और खतों की यादें

1
वो भी क्या दिन थे जब डाक से खत आते थे
एक खत के इंतजार में महीनों आस लगाते थे
2
डाकिया की मुस्कान में बसते थे अरमान
हर खत में मिलती थी प्रेम की जान
3
कागज़ के पन्नों में बिखरी खुशबू
हर अक्षर में घुला था प्यार का जादू
4
वो छोटे छोटे लिफ़ाफ़े, बड़े बड़े एहसास
डाक में बसती थी हमारी बचपन की आवाज़
5
हर खत खोलते ही दिल धड़कता था जोर से
हर शब्द लिखते थे प्यार के संग हर मोड़ पर
6
खत आते ही महसूस होती थी दूरी कम
डाकिया की आवाज़ जैसे जीवन का हरदम धड़कन
7
लिफ़ाफ़े में छुपी होती थी हमारी कहानी
हर अक्षर कहता था “तुम पास हो पर फिज़िकली नज़दीकी ज़रूरी नहीं”

8
हर खत की खुशबू में बसते थे सपने
और डाकिया लाता था यादों के रंगीन ताने-बाने
9
वो दिन जब हाथों में खत थामे रहते
दिल में हजारों जज़्बात बसाए रहते
10
डाकिया के आने से घर में हो जाती थी हलचल
हर खत में छुपा होता था प्यार का छल
11
खत पढ़ते ही आंखों में चमक आ जाती
हर शब्द हमारे दिल को छू जाता
12
महीनों की दूरी में भी लगते थे पास
बस डाक के पन्नों में ही मिलते थे खास
13
हर लिफ़ाफ़े में मिली थी मोहब्बत की खुशबू
और हर खत ने दिल में जगह बना ली अपनी जज़्बू
14
वो दिन याद आते हैं जब डाकिया आता
हर खत में बसता था प्यार का सफर नाता
15
डाक के रास्ते भी अब कितने खामोश हैं
खतों में बसी यादें अब भी अनमोल हैं
16
खत खोलते ही महसूस होती थी ख़ुशी की बौछार
हर शब्द में छुपी थी मोहब्बत की पुकार
17
डाकिया लाया संदेश दिल का प्यारा
हर खत में बसी थी यादों का सहारा
18
लिफ़ाफ़ा खुलते ही महक फैल जाती
हर अक्षर में बसती थी दिल की बात
19
वो दिन याद आते हैं जब हर खत खास था
हर पन्ना हमारे लिए जैसे खुदा का विश्वास था
20
डाकिया के कदमों की आवाज़ जैसे संगीत
हर खत में छुपा हुआ था हमारी मोहब्बत का गीत
H3: प्रेमी-प्रेमिका का डाक का इंतजार

22
डाकिये के कदमों की आवाज़ सुनते थे
हर मोड़ पर सिर्फ उनके खत का इंतजार करते थे
23
एक छोटा सा लिफ़ाफ़ा, हजारों जज़्बात
खोलते ही भर जाता था दिल प्यार से अपार
24
महीनों की दूरी में भी पास लगते थे
सिर्फ डाक के पन्नों में ही वो पल बसते थे
25
हर खत में छुपे थे प्यार के इशारे
हर अक्षर में बसी यादें हमारे सहारे
26
वो घंटों बैठकर खत पढ़ते थे
हर लफ़्ज़ में बसते थे सपने और जज़्बात
27
खत खोलते ही महकती थी खुशी की बौछार
हर शब्द कहता था, “तुम हो मेरे प्यार का संसार”
28
डाकिया लाता संदेश हमारी तन्हाई का
हर पन्ने में बसती थी हमारी यादों की चाबी का
29
वो छोटे छोटे लिफ़ाफ़े, बड़े बड़े अहसास
हर खत में बसती थी मोहब्बत की खास बात
30
महीनों की दूरी में भी दिल पास लगता
हर खत पढ़ते ही दिल सारा आशियाँ बनता
31
खत में बसी थी उनकी मुस्कान की झलक
हर शब्द में उनके प्यार की मीठी महक
32
डाकिया आते ही लगता जैसे कोई खुशबू आई
हर पन्ना कहता, “तुम पास हो, पर दिल में समाई”
33
हर लिफ़ाफ़ा, हर अक्षर, हर इशारा
बस कहता था “तुम मेरे पास हो, यह प्यार हमारा”
34
डाक के रास्ते में छुपा था इंतजार का गीत
हर खत में बसी थी सच्ची मोहब्बत की प्रीत
35
हर खत खोलते ही हसरतें हंसती थी
हर शब्द पढ़ते ही जज़्बात बिंधते थे
36
वो लिफ़ाफ़ा जो हाथों में थामा
दिल में बस गया जैसे कोई सपना हमारा
37
डाकिया की आवाज़ सुनते ही दिल झूमता
हर खत में प्यार का नया रंग घूमता
38
एक छोटा सा खत, लाखों अहसास समेटे
हर अक्षर में बसते थे यादों के मीठे गीत
39
महीनों की दूरी भी अब कम लगती थी
जब डाकिया लाता था उनका संदेश हमारी झोली में
40
हर पन्ना पढ़ते ही दिल में बसती थी खुशी
हर शब्द कहता था, “तुम ही हो मेरी ज़िंदगी की पूरी खुशी”
H4: डाक में समेटी प्यार की खुशबू

41
हर खत की खुशबू में महकते थे जज़्बात
हर लफ्ज़ बयां करता था अनकहे प्यार के बात
42
डाकिया लाता संदेशों का गुलदस्ता
हर पन्ने में लिखी थी मोहब्बत की हस्ताक्षर की रस्ता
43
वो छोटी छोटी बातें, वो प्यार के इशारे
हर खत में बसी थी हमारी यादों की सैर
44
डाकिये की आवाज़ आती जैसे गीत
हर खत में छुपा होता था दिल का मीत
45
महीनों की दूरी का हर ग़म मिट जाता
डाकिया लाए जब खत, दिल बस उसी में रमता
46
हर पन्ने में छुपी थी एक कहानी
हर अक्षर में बसता था हमारा प्यार पुरानी
47
लिफ़ाफ़ा खुलते ही महक फैल जाती
हर शब्द में बसती थी दिल की बात
48
डाकिया के आने से शुरू होती थी खुशी
हर खत में छुपी थी जीवन की सच्ची जुज़्बात की पुड़ी
49
हर खत में बसती थी मोहब्बत की खुशबू
और हर लिफ़ाफ़ा लाता था यादों की बहार दू
50
डाक के रास्ते बुनते थे हमारी यादों की डोर
हर खत में बसता था एक नया प्यार का जोर
51
हर पन्ना कहता था हमारी मोहब्बत की बात
हर अक्षर में बसती थी हज़ारों यादों की सौगात
52
खत खोलते ही दिल में होती थी हलचल
हर शब्द पढ़ते ही बसी खुशियों की छल
53
डाकिया लाता संदेश दूरियों का हश्र मिटाने
हर खत में बसी थी मोहब्बत का प्यारा पैगाम लाने
54
वो लिफ़ाफ़ा जो बस हाथ में लिए
दिल में बसते थे जज़्बात कई अजीब-सी रीतें
55
हर पन्ना पढ़ते ही दिल में उमंग छा जाती
हर शब्द कहते थे, “तुम मेरे करीब हो जाती”
56
डाकिया लाता जैसे खुशियों का झोला
हर खत में बसी थी हमारी मोहब्बत की गोल-धोला
57
महीनों की दूरी भी अब थी कम लगती
हर खत पढ़ते ही दिल में बसती मिठास भरती
58
हर अक्षर में छुपी थी हमारी बात
डाकिया लाता जैसे सच्ची मोहब्बत की सौगात
59
वो दिन याद आते हैं जब हर खत खास था
हर पन्ना हमारे लिए जैसे खुदा का विश्वास था
60
डाकिया के कदमों की आवाज़ जैसे संगीत
हर खत में छुपा हुआ था हमारी मोहब्बत का गीत
H5: डाकिया और यादों का सफर

61
खत खोलते ही यादों की बौछार होती
हर अक्षर में बसती थी मोहब्बत की छांव
62
डाकिया लाया संदेश दिल का प्यारा
हर खत में बसी थी यादों का सहारा
63
लिफ़ाफ़ा खुलते ही महक फैल जाती
हर शब्द में बसती थी दिल की बात
64
वो छोटी छोटी खुशियाँ, वो प्यार के गीत
हर खत में बसती थी जीवन की प्रीत
65
डाकिया की आवाज़ सुनते ही दिल झूमता
हर खत में प्यार का नया रंग घूमता
66
महीनों की दूरी भी अब कम लगती
जब डाकिया लाता संदेश हमारी झोली में
67
हर पन्ना पढ़ते ही दिल में बसती थी खुशी
हर शब्द कहता था, “तुम हो मेरी ज़िंदगी की पूरी खुशी”
68
वो लिफ़ाफ़ा जो हाथों में थामा
दिल में बस गया जैसे कोई सपना हमारा
69
हर अक्षर में छुपा था प्यार का इशारा
हर खत में बसी थी हमारी मोहब्बत का किनारा
70
डाक के रास्ते में बसी थी हमारी यादों की डोर
हर खत में छुपा था एक नया प्यार का जोर
71
खत पढ़ते ही महसूस होती थी दिल की धड़कन
हर शब्द में बसती थी हमारी प्रेम कहानी की पकड़न
72
डाकिया लाता संदेश दूरियों का हल
हर पन्ना बुनता था प्यार का कमाल
73
हर लिफ़ाफ़ा जैसे जीवन का छोटा सा खजाना
हर अक्षर में लिखा था प्यार का दीवाना
74
महीनों की दूरी भी अब थी आसान
हर खत पढ़ते ही बन जाता था दिल का गगन
75
हर पन्ना खोलते ही आँखों में चमक आ जाती
हर शब्द दिल की धड़कन को छू जाती
76
डाकिया के आने से घर में हो जाती हलचल
हर खत में छुपा होता था प्यार का छल
77
वो दिन याद आते हैं जब हर खत खास था
हर पन्ना हमारे लिए जैसे खुदा का विश्वास था
78
खत में छुपी होती थी हमारी यादों की खुशबू
हर अक्षर में बसी थी सच्ची मोहब्बत की धुन
79
डाकिया लाता जैसे सपनों का संदेश
हर खत पढ़ते ही भर जाता था दिल प्रेम से अधेश
80
हर पन्ना पढ़ते ही दिल में उमंग छा जाती
हर शब्द कहते थे, “तुम मेरे करीब हो जाती”
विश्व डाक दिवस की हार्दिक शुभकामनाएं

81
विश्व डाक दिवस की हार्दिक शुभकामनाएं
हर खत में बसी रहे प्यार की खुशबू हमारी ये दुवाएं
||विश्व डाक दिवस की हार्दिक शुभकामनाएं||
82
डाकिया लाया संदेश हमारे दिल का प्यारा
हर पन्ना बुनता है मोहब्बत का सहारा
||विश्व डाक दिवस की हार्दिक शुभकामनाएं||
83
खत खोलते ही महकती थी खुशियों की बौछार
हर शब्द में छुपा होता था प्यार का संसार
||विश्व डाक दिवस की हार्दिक शुभकामनाएं||
84
महीनों की दूरी भी अब लगती कम
जब डाकिया लाता संदेश हमारे दिल केदम
||विश्व डाक दिवस की हार्दिक शुभकामनाएं||
85
हर लिफ़ाफ़ा बसा देता था यादों की खुशबू
हर पन्ने में लिखा था प्यार का जज़्बात नया और जुड़वू
||विश्व डाक दिवस की हार्दिक शुभकामनाएं||
86
विश्व डाक दिवस पर भेजें प्रेम भरा संदेश
हर खत में बसी रहे मोहब्बत की अनमोल खोज
||विश्व डाक दिवस की हार्दिक शुभकामनाएं||
87
डाकिया की आवाज़ जैसे सतरंगी संगीत
हर खत में बसती थी सच्ची मोहब्बत की प्रीत
||विश्व डाक दिवस की हार्दिक शुभकामनाएं||
88
हर पन्ना पढ़ते ही दिल में उमंग छा जाती
हर शब्द कहता था, “तुम मेरे करीब हो जाती”
||विश्व डाक दिवस की हार्दिक शुभकामनाएं||
89
खतों में बसती थी हमारी प्रेम कहानी
हर अक्षर में छुपा था जज़्बातों का पानी
||विश्व डाक दिवस की हार्दिक शुभकामनाएं||
90
डाकिया लाता हर बार खुशी का पैगाम
हर पन्ना बनता था दिल का सबसे प्यारा नाम
||विश्व डाक दिवस की हार्दिक शुभकामनाएं||
91
विश्व डाक दिवस की खुशियों से भरा हर पल
हर खत में बसती थी प्यार की अनमोल चमकिल
||विश्व डाक दिवस की हार्दिक शुभकामनाएं||
92
हर लिफ़ाफ़ा जैसे जीवन का छोटा सा खजाना
हर अक्षर में लिखा था मोहब्बत का दीवाना
||विश्व डाक दिवस की हार्दिक शुभकामनाएं||
93
डाकिया की मेहनत और प्यार का पैगाम
हर खत में बसी रहे हमारी यादों का नाम
||विश्व डाक दिवस की हार्दिक शुभकामनाएं||
94
खत पढ़ते ही महसूस होती थी दिल की धड़कन
हर शब्द में बसी थी हमारे प्यार की पकड़न
||विश्व डाक दिवस की हार्दिक शुभकामनाएं||
95
हर पन्ना खोलते ही महकती थी खुशबू
हर लिफ़ाफ़ा लाता था यादों की बहार दू
||विश्व डाक दिवस की हार्दिक शुभकामनाएं||
96
डाकिया लाया संदेश दूरियों का हल
हर खत पढ़ते ही भर जाता था प्यार का कमाल
||विश्व डाक दिवस की हार्दिक शुभकामनाएं||
97
महीनों की दूरी में भी लगते थे पास
हर खत में बसते थे सपने हमारे खास
||विश्व डाक दिवस की हार्दिक शुभकामनाएं||
98
खत खोलते ही यादों की बौछार होती
हर अक्षर में बसती थी मोहब्बत की छांव
||विश्व डाक दिवस की हार्दिक शुभकामनाएं||
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विश्व डाक दिवस की हार्दिक शुभकामनाएं
हर खत में बसी रहे प्यार की खुशबू अनमोल, प्यारे
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हर पन्ना पढ़ते ही दिल में उमंग छा जाती
हर शब्द कहता था, “तुम मेरे करीब हो जाती”
||विश्व डाक दिवस की हार्दिक शुभकामनाएं||
FAQ

1. भारत में डाक सेवा की शुरुआत किसने की?
भारत में डाक सेवा की शुरुआत ब्रिटिश ईस्ट इंडिया कंपनी द्वारा की गई थी। वारेन हेस्टिंग्स (Warren Hastings), जो ब्रिटिश भारत के गवर्नर जनरल थे, ने 1774 में कोलकाता में पहला सार्वजनिक डाकघर स्थापित किया था। (postalmuseum.org)
2. भारत में डाक सेवा की शुरुआत कब हुई थी?
भारत में डाक सेवा की शुरुआत 1774 में हुई थी, जब वारेन हेस्टिंग्स ने कोलकाता में पहला सार्वजनिक डाकघर स्थापित किया। (postalmuseum.org)
3. राष्ट्रीय डाक दिवस कब मनाया जाता है?
राष्ट्रीय डाक दिवस 10 अक्टूबर को मनाया जाता है। यह दिन भारतीय डाक सेवा की स्थापना की वर्षगांठ के रूप में मनाया जाता है। (Business Standard)
4. राष्ट्रीय डाक कर्मचारी दिवस कब मनाया जाता है?
राष्ट्रीय डाक कर्मचारी दिवस 1 जुलाई को मनाया जाता है। यह दिन डाक विभाग के कर्मचारियों की मेहनत और समर्पण को सम्मानित करने के लिए मनाया जाता है। (India Today)
5. भारत का प्रथम डाकघर कब और कहां खुला?
भारत का प्रथम डाकघर 1774 में कोलकाता में खुला था। यह डाकघर ब्रिटिश शासन के दौरान स्थापित किया गया था। (India Post)
6. डाक विभाग का प्रमुख कौन है?
डाक विभाग का प्रमुख ‘भारत सरकार के सचिव’ के पद पर कार्यरत होता है। वर्तमान में, डाक विभाग के सचिव का नाम ‘श्री आलोक श्रीवास्तव’ है। (India Post)