r Nagasaki Day Shayari |नागासाकी दिवस शायरी2025 » Dard E Jazbaat Nagasaki Day Shayari |नागासाकी दिवस शायरी2025 Nagasaki Day Shayari |नागासाकी दिवस शायरी2025

Nagasaki Day Shayari |नागासाकी दिवस शायरी2025

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Nagasaki Day Shayari | नागासाकी दिवस शायरी2025-9 अगस्त 1945 को जापान के नागासाकी पर गिराया गया परमाणु बम मानवता के इतिहास का सबसे दर्दनाक अध्याय था। यह दिवस न केवल उस विनाश को याद करने का समय है, बल्कि एक मौका है दुनिया को शांति, सद्भाव और मानव मूल्यों की ओर लौटने का। इस पोस्ट में हम पेश कर रहे हैं नागासाकी दिवस पर आधारित 20 ऐसी शायरी, जो दिल को छूती हैं और इंसानियत को झकझोरती हैं।

नागासाकी दिवस का इतिहास

तारीख: 9 अगस्त 1945
स्थान: नागासाकी, जापान
घटना: अमेरिका द्वारा ‘Fat Man’ नामक परमाणु बम गिराया गया
परिणाम: लगभग 75,000 से अधिक लोग मारे गए, हजारों घायल हुए
कारण: द्वितीय विश्व युद्ध को समाप्त करने का उद्देश्य
महत्त्व: आज यह दिवस परमाणु हथियारों के खिलाफ जागरूकता और विश्व शांति की मांग को याद दिलाता है।


Nagasaki Shanti Sandesh Shayariशांति की पुकार और इतिहास की राख में दबी आवाज़ें

Nagasaki Shanti Sandesh Shayariशांति की पुकार और इतिहास की राख में दबी आवाज़ें
Nagasaki Shanti Sandesh Shayariशांति की पुकार और इतिहास की राख में दबी आवाज़ें

1. राख में सिसकती ज़िंदगी
बचपन वहाँ मर गया जहाँ बादल भी आग बन गया।
जहाँ आसमान से बरसी मौत, वहाँ सन्नाटा रह गया।

Bachpan wahan mar gaya jahan baadal bhi aag ban gaya,
Jahan aasmaan se barasi maut, wahan sannata reh gaya.

2. शांति का सबक
हथियारों ने जो जलाया था,
वो सबक आज भी सिखाया था।

Hathiyaron ne jo jalaya tha,
Wo sabak aaj bhi sikhaya tha.

3. शहर की खामोशी
दीवारें टूटीं, सपने जले,
फिर भी सब चुपचाप खड़े।

Deewarein tooti, sapne jale,
Phir bhi sab chupchaap khade.

4. समय का न्याय
इतिहास जब पलटेगा पन्ना,
माफ नहीं करेगा

Itihas jab paltega panna,
Maaf nahi karega

5. मासूमियत की चीख
खिलौनों की जगह हाथों में जलते अंगारे थे,
बच्चों के आँसू उस दिन लाचार थे।

Khilonon ki jagah haathon mein jalte angare the,
Bachchon ke aansu i us din lachaar the.

Nagasaki Shanti Sandesh Shayariशांति की पुकार और इतिहास की राख में दबी आवाज़ें
Nagasaki Shanti Sandesh Shayariशांति की पुकार और इतिहास की राख में दबी आवाज़ें

6. बर्बादी का मौन
मौत बरसी थी उस शहर में,
आज भी डरते हैं वो सहर में।

Maut barasi thi us sheher mein,
Aaj bhi darte hain wo seher mein.

7. दिलों की पुकार
नफरत के इस युद्ध को अब विराम दो,
इंसानों को फिर से इंसान बना दो।

Nafrat ke is yudh ko ab viraam do,
Insanon ko fir se insaan bana do.

8. इतिहास की राख
नागासाकी की धूल में दबे सपनों की कहानी है,
हर कण चीख रहा – ये बर्बादी नहीं जानी है।

Nagasaki ki dhool mein dabe sapno ki kahani hai,
Har kan cheekh raha – ye barbaadi nahi jaani hai.

9. मरते हुए शब्द
जहाँ शब्द खत्म हो गए,
वहाँ सिर्फ आहों के स्वर रह गए।

Jahan shabd khatam ho gaye,
Wahan sirf aahon ke swar reh gaye.

10. शांति की चीख
शांति की जरूरत तब महसूस होती है,
जब युद्ध हर चीज़ को राख में बदल देता है।

Shanti ki zarurat tab mehsoos hoti hai,
Jab yudh har cheez ko rakh mein badal deta hai.

11. काले धुएं की गवाही
सिर्फ लाशें नहीं जलीं थीं,
उम्मीदें भी जल के राख हो गईं थीं।

Sirf laashein nahi jali thi,
Umeedein bhi jal ke rakh ho gayi thi.

12. एक घड़ी की पुकार
वो घड़ी रुकी नहीं थी,
पर उस दिन वक़्त थम गया था।

Wo ghadi ruki nahi thi,
Par us din waqt tham gaya tha.

13. सवालों की आग
किसने कहा था मौत को उड़ते देखो,
बचपन की खिलखिलाहट को इस तरह न रौंदो।

Kisne kaha tha maut ko udte dekho,
Bachpan ki khilkhilahat ko is tarah na raundo.

14. ज़िंदा लाशें
चलते-फिरते लोग थे,
पर रूहें मर चुकी थीं।

Chalte-firte log the,
Par roohen mar chuki thi.

15. आँखों का सूनापन
आँखों में पानी नहीं था,
वो धुंआ ही था जो आंसू बन बह गया।

Aankhon mein paani nahi tha,
Wo dhuaan hi tha jo aansoo ban bah gaya.

16. सदी की गलती
जो हुआ उसे ‘गलती’ मत कहो,
वो एक सोच की सजा थी।

Jo hua use ‘galti’ mat kaho,
Wo ek soch ki saza thi.

17. शांति की गूंज
आज भी शांति की सिसकियाँ,
उस राख में गूंजती हैं।

Aaj bhi shanti ki siskiyaan,
Us rakh mein goonjti hain.

18. अब कोई नागासाकी न हो
इतिहास ने दिखा दिया एक चेहरा,
अब कोई नागासाकी दोबारा न हो दोहरा।

Itihas ne dikha diya ek chehra,
Ab koi Nagasaki dobara na ho dohra.

19. मानवता की हार
जब रौशनी ने तबाही लाई,
तब इंसानियत की सांस भी बुझ पाई।

Jab roshni ne tabaahi laayi,
Tab insaniyat ki saans bhi bujh paayi.

20. उम्मीद की लौ
उस राख में भी एक चिंगारी थी,
शायद वही अब इंसानियत की असली तैयारी थी।

Us rakh mein bhi ek chingaari thi,
Shayad wahi ab insaniyat ki asli taiyaari thi.

🔰 Hiroshima Day Shayari

🔰 Hiroshima Day Shayari
🔰 Hiroshima Day Shayari

1. इतिहास की चीख
हवा में आज भी जहर है बाकी,
हिरोशिमा की चीखें हैं हवाएं सुनाती ।

Hawa mein aaj bhi zeher hai baaki,
Hiroshima ki cheekhein hain saaki.

2. राख हुआ हर सपना
जहाँ बग़ीचे खिले थे कल,
आज वहाँ राख की चादर है छल।

Jahan bageeche khile the kal,
Aaj wahan rakh ki chaadar hai chal.

3. एक बटन की तबाही
एक बटन ने मिटा दिया जहाँ,
सोचो कितनी खोखली थी वो शान।

Ek button ne mita diya jahaan,
Socho kitni khokhli thi wo shaan.

4. इंसानियत का अंत
तबाही की रौशनी इतनी तेज़ थी,
कि आँखें भी शर्मसार हो गईं थीं।

Tabaahi ki roshni itni tez thi,
Ki aankhen bhi sharmshaar ho gayi thi.

5. मासूमियत की आग
बच्चों की हँसी राख में तब्दील हुई,
हिरोशिमा की वो सुबह कभी नहीं ढली।

Bachchon ki hansi rakh mein tabdeel hui,
Hiroshima ki wo subah kabhi nahi dhali.

6. वो सुबह
सूरज नहीं उगा उस रोज़,
आग और धुआं ही था हर ओर।

Sooraj nahi uga us roz,
Aag aur dhuaan hi tha har or.

7. चुप्पी की दीवारें
हर ईंट चीख रही थी,
हर खंडहर कुछ कह रहा था।

Har eet cheekh rahi thi,
Har khandhar kuch keh raha tha.

8. युद्ध नहीं, संवाद चाहिए
जहाँ शब्द रुकते हैं,
वहाँ युद्ध शुरू होता है।

Jahan shabd rukte hain,
Wahan yudh shuru hota hai.

9. सबक जो अब भी अधूरा है
इतिहास ने बताया जो,
वो आज भी हम दोहराते हैं।

Itihas ne bataya jo,
Wo aaj bhi hum dohrate hain.

10. शांति की धूप
बम नहीं, सूरज उगने दो,
नफरत नहीं, मोहब्बत बहने दो।

Bomb nahi, sooraj ugne do,
Nafrat nahi, mohabbat bahne do.

11. इंसानी चुप्पी
कोई चिल्लाया नहीं,
क्योंकि सब राख हो चुके थे।

Koi chillaaya nahi,
Kyunki sab rakh ho chuke the.

12. घड़ी जो थम गई
हिरोशिमा की वो घड़ी अब भी टिकी है,
उसका कांटा बस मौत दिखा रहा है।

Hiroshima ki wo ghadi ab bhi tiki hai,
Uska kaanta bas maut dikha raha hai.

13. आंसुओं का शहर
वो शहर जहाँ आंसू भी सूख चुके थे,
और चूल्हे भी डर के मारे बुझ चुके थे।

Wo sheher jahan aansu bhi sookh chuke the,
Aur choolhe bhi dar ke maare bujh chuke the.

14. डर की ज़मीन
जहाँ ज़मीन भी थरथरा रही थी,
वहाँ उम्मीद कैसे टिकती?

Jahan zameen bhi thar-thara rahi thi,
Wahan umeed kaise tikti?

15. बचे जो बोलते हैं
जो बच गए, वे अब इतिहास हैं,
उनकी साँसों में सिसकती आवाज़ है।

Jo bach gaye, ve ab itihaas hain,
Unki saanson mein sisakti awaaz hai.

16. युद्ध की असली कीमत
विजय वो नहीं, जो लाशों से मिलती है,
शांति वो है, जो सबको जीने देती है।

Vijay wo nahi, jo laashon se milti hai,
Shanti wo hai, jo sabko jeene deti hai.

17. राख से उठती दुआ
कभी इस राख से दुआ भी उठे,
ऐ खुदा, अब ऐसा मंज़र न रचे।

Kabhi is rakh se dua bhi uthe,
Ae Khuda, ab aisa manzar na rache.

18. हर दिल हिरोशिमा है
हर वो दिल जो पीड़ा में है,
वो एक नया हिरोशिमा है।

Har wo dil jo peeda mein hai,
Wo ek naya Hiroshima hai.

19. रंग नहीं रहे
बम ने रंग भी जला दिए,
अब तितलियाँ डरती हैं उड़ने से।

Bomb ne rang bhi jala diye,
Ab titliyaan darti hain udne se.

20. अंत की शुरुआत
उस दिन सिर्फ एक शहर नहीं जला,
इंसानियत का भरोसा भी खाक हुआ।

Us din sirf ek sheher nahi jala,
Insaniyat ka bharosa bhi khaak hua.

1. शांति की परिभाषा
जिस जगह दिल जुड़े, वो जगह जंग नहीं होती।
जहाँ प्रेम बस जाए, वहाँ दुश्मनी नहीं होती।

Jis jagah dil jude, wo jagah jung nahi hoti.
Jahan prem bas jaaye, wahan dushmani nahi hoti.

2. हथियार नहीं, संवाद चाहिए
बात से हल निकले तो बम क्यों?
मुस्कान से रास्ता निकले तो ग़म क्यों?

Baat se hal nikle to bomb kyun?
Muskaan se raasta nikle to gham kyun?

3. एक ही धरती, एक ही आसमान
कहाँ जाओगे छोड़कर इस धरती को,
यही तो है हर किसी का आशियाना।

Kahan jaaoge chhodkar is dharti ko,
Yahi to hai har kisi ka aashiyaana.

4. चुप मत रहो
जंग के खिलाफ उठाओ आवाज़,
शांति के लिए बनो आवाज़।

Jung ke khilaaf uthao aawaaz,
Shanti ke liye bano aawaaz.

5. युद्ध की जगह यारियाँ
सीमाओं पर खून क्यों बहे,
मिल बैठ कर चाय क्यों न पिएँ?

Seemaaon par khoon kyon bahe,
Mil baith kar chai kyon na piyein?

6. जब बंदूकें सो जाएं
जब बंदूकें थक जाएं,
तब कविता बोलने लगे।

Jab bandookein thak jaayein,
Tab kavita bolne lage.

7. शांति ही असली ताक़त है
जो शांति से जीतता है,
वो ही सच्चा वीर कहलाता है।

Jo shanti se jeetta hai,
Wahi saccha veer kehlata hai.

8. गोलियों से नहीं जीत
दुनिया बात से चलती है,
गोलियों से सिर्फ दीवारें गिरती हैं।

Duniya baat se chalti hai,
Goliyon se sirf deewarein girti hain.

9. नफरत की हार
जब प्रेम जीते और घृणा हारे,
तभी असली सवेरा उगता है प्यारे।

Jab prem jeete aur ghrina haare,
Tabhi asli savera ugta hai pyaare.

10. दो देशों की दोस्ती
दुश्मन क्यों बने, जब हाथ मिल सकते हैं?
सीमा पर भी दोस्ती के फूल खिल सकते हैं।

Dushman kyon bane, jab haath mil sakte hain?
Seema par bhi dosti ke phool khil sakte hain.

11. असली जीत
वो जीत क्या, जो लाशों से मिले?
वो जीत जो आँसू दे, उसे जीत न कहें।

Wo jeet kya, jo laashon se mile?
Wo jeet jo aansoo de, use jeet na kahen.

12. इंसान बनो
धर्म, जात, देश के नाम पर मत लड़ो,
पहले इंसान बनो, फिर बात करो।

Dharm, jaat, desh ke naam par mat lado,
Pehle insaan bano, fir baat karo.

13. नज़रों की नहीं, नजरिए की लड़ाई
दुनिया को देखने का नजरिया बदलो,
हर इंसान को अपना समझो।

Duniya ko dekhne ka nazariya badlo,
Har insaan ko apna samjho.

14. मौन की भाषा
कभी-कभी शांति सबसे ऊँची आवाज़ होती है।

Kabhi-kabhi shanti sabse oonchi aawaaz hoti hai.

15. बच्चों का हक़
बच्चों को बंदूक नहीं, किताब दो,
उनका भविष्य मत छीनो।

Bachchon ko bandook nahi, kitaab do,
Unka bhavishya mat cheeno.

16. प्रकृति भी थकती है
पेड़ों ने भी देखी है जंग,
अब उन्हें भी थोड़ा चैन चाहिए।

Pedon ne bhi dekhi hai jung,
Ab unhein bhi thoda chain chahiye.

17. सच्चा धर्म
जिस धर्म में हिंसा हो,
वो धर्म नहीं, भ्रम है।

Jis dharm mein hinsa ho,
Wo dharm nahi, bhram hai.

18. एक नया सवेरा
जंग का अंत हो अब कहीं,
शांति से शुरू हो हर दिन यहीं।

Jang ka ant ho ab kahin,
Shanti se shuru ho har din yahin.

19. प्यार की भाषा
हथियारों से नहीं,
दिलों से दुनिया जीती जाती है।

Hathiyaaron se nahi,
Dilon se duniya jeeti jaati hai.

20. अंत में शांति ही बचती है
जब सब खत्म होता है,
शांति ही हमारी अंतिम जरूरत बनती है।

Jab sab khatam hota hai,
Shanti hi hamari antim zarurat banti hai.

🔰 Anti War Shayari

🔰 Anti War Shayari
🔰 Anti War Shayari

1. युद्ध की भाषा नहीं समझती ज़मीन
खेत खून से सींचोगे तो क्या उगेगा?
अनाज नहीं, बस मातम सजेगा।

Khet khoon se seenchoge to kya ugega?
Anaaj nahi, bas maatam sajaega.

2. बंदूकें बोली नहीं बोलतीं
जहाँ बंदूकें बोलती हैं,
वहाँ माँओं की कोखें सूनी हो जाती हैं।

Jahan bandooken bolti hain,
Wahan maaon ki kokhen sooni ho jaati hain.

3. हर युद्ध हार ही है
युद्ध में कोई नहीं जीतता,
दोनों ओर बस रोटियाँ जलती हैं।

Yudh mein koi nahi jeetta,
Dono or bas rotiyaan jalti hain.

4. लहू का रंग सबका एक
कौन कहता है मज़हबों में फर्क है?
जंग में सबका लहू लाल होता है।

Kaun kehta hai mazhabon mein farq hai?
Jang mein sabka lahoo laal hota hai.

5. वीरता नहीं, विवेक चाहिए
बंदूकें उठाने से वीर नहीं बनते,
जो उन्हें नीचे रखें, वही सच्चे सिपाही हैं।

Bandooken uthane se veer nahi bante,
Jo unhe neeche rakhein, wahi sacche sipahi hain.

6. तर्क नहीं, तलवार
जहाँ बात नहीं सुनी जाती,
वहाँ युद्ध जन्म लेता है।

Jahan baat nahi suni jaati,
Wahan yudh janm leta hai.

7. राख बनते सपने
युद्ध वो आँधी है,
जो सपनों को भी राख बना देती है।

Yudh wo aandhi hai,
Jo sapnon ko bhi rakh bana deti hai.

8. कफन का व्यापार
युद्ध सिर्फ कफन वालों का व्यापार है,
इंसानियत उसका बाज़ार है।

Yudh sirf kafan waalon ka vyapaar hai,
Insaniyat uska bazaar hai.

9. आवाज़ दो संवाद को
तलवार नहीं, संवाद चलाओ,
युद्ध से पहले शांति को आज़माओ।

Talwaar nahi, samvaad chalaao,
Yudh se pehle shanti ko aazmaao.

10. खून से लकीरें
सीमा खून से नहीं बनती,
सीमा दिलों से मिटती है।

Seema khoon se nahi banti,
Seema dilon se mit’ti hai.

11. इतिहास की गलती
इतिहास से नहीं सीखा,
तो फिर वही गलती दोहराओगे।

Itihas se nahi seekha,
Toh fir wahi galti dohraoge.

12. मातम की जीत
वो क्या जीत होती है,
जहाँ जश्न में मातम गूंजता है?

Wo kya jeet hoti hai,
Jahan jashn mein maatam goonjta hai?

13. बच्चों की लड़ाई नहीं
ये जंगें बड़ों की हैं,
मगर मरते बच्चे हैं।

Ye jangen badon ki hain,
Magar marte bachche hain.

14. मौतों का हिसाब
किसी देश की ताक़त उसकी मौतों में नहीं,
बल्कि उसकी ज़िंदगी बचाने की कला में होती है।

Kisi desh ki taaqat uski mauton mein nahi,
Balki uski zindagi bachane ki kala mein hoti hai.

15. घावों की बोली
युद्ध के घाव, इतिहास में नहीं भरते।
वो पीढ़ियों तक रोते हैं।

Yudh ke ghaav, itihaas mein nahi bharte.
Wo peedhiyon tak rote hain.

16. प्रेम की क्रांति
एक प्रेम की क्रांति चलाओ,
शांति का झंडा लहराओ।

Ek prem ki kraanti chalaao,
Shanti ka jhanda lahraao.

17. बंदूकें नहीं बोलती
जुबान से हल निकले,
तो गोलियां क्यों चलें?

Zubaan se hal nikle,
Toh goliyan kyon chalein?

18. सीमाएं नक्शे की हैं
सीमाएं नक्शे की होती हैं,
दिल में नहीं।

Seemaayein nakshon ki hoti hain,
Dil mein nahi.

19. ध्वस्त घर
युद्ध के बाद क्या बचा?
बस धुआं, आँसू और टूटी छतें।

Yudh ke baad kya bacha?
Bas dhuaan, aansoo aur tooti chhatein.

20. हथियार रखो नीचे
हथियारों को अब आराम दो,
दिलों को फिर प्यार दो।

Hathiyaaron ko ab aaraam do,
Dilon ko fir pyaar do.

hiroshima nagasaki day poster

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20.
हिरोशिमा-नागासाकी की राख से उठी पुकार,
युद्ध नहीं, चाहिए हम सबको प्यार।

21.
जहाँ बम गिरे थे, वहाँ अब खामोशी बोलती है,
युद्ध की आग सिर्फ इंसानियत को डोलती है।

22.
वो शहर आज भी दर्द की गवाही देते हैं,
कि युद्ध में सबके सपने जलकर राख हो जाते हैं।

23.
परमाणु की आग ने मासूमियत को निगल लिया,
नन्हे-नन्हे चेहरों ने भी जीवन से मुँह मोड़ लिया।

24.
हिरोशिमा-नागासाकी का इतिहास कहता है,
युद्ध इंसान को नहीं, इंसानियत को खत्म करता है।

25.
खून और आँसुओं से सना हुआ वो दिन,
शांति का संदेश है, युद्ध का नहीं कोई किन।

26.
जहाँ कभी खुशियों की गलियाँ थीं,
वहाँ सिर्फ राख और तन्हाइयाँ रह गईं।

27.
युद्ध की जीत में हार सिर्फ इंसान की होती है,
हर पीढ़ी उस दर्द की गवाही देती है।

28.
बम ने घर जलाए, सपनों को भी तोड़ा,
युद्ध ने रिश्तों का हर बंधन तोड़ा।

29.
हिरोशिमा की राख हमें समझाती है,
कि शांति ही जीवन को बचाती है।

30.
नागासाकी का दर्द हमें पुकारता है,
युद्ध की जंजीरों से निकलने को कहता है।

31.
हिरोशिमा की राख में छुपा है सवाल,
क्या इंसानियत इतनी हुई बेहाल?

32.
नागासाकी के आँसू अब भी बहते हैं,
खामोश गगन में जख्म कहते हैं।

33.
एक बम ने लूट लिया जीवन का गीत,
अब भी गूंजता है उसका असीम प्रीत।

34.
युद्ध नहीं, शांति का हो प्रचार,
यही है दुनिया को बचाने का आधार।

35.
बचपन की हँसी राख में बदल गई,
मानवता की आँखें हमेशा के लिए छल गई।

36.
हिरोशिमा की धरती आज भी पूछे सवाल,
क्या कभी खत्म होगा यह परमाणु जाल?

37.
नागासाकी की पुकार अब भी आती है,
मानवता को शांति की राह दिखाती है।

38.
युद्ध की आग ने सपनों को जलाया,
इंसानियत ने खुद को ठगा और सताया।

39.
परमाणु की शक्ति ने दिल तोड़ दिए,
नन्हीं मासूम आँखों से आँसू मोड़ दिए।

40.
धरती की कोख ने कराहा उस दिन,
जब राख बना हर जीवन, हर बिन।

41.
नन्हें फूल खिलने से पहले ही मुरझा गए,
युद्ध के साये में सपने बुझा गए।

42.
कितनी मासूम जानें राख हो गईं,
इंसानियत की राहें ख़ाक हो गईं।

43.
आज भी इतिहास सिसक कर कहता है,
शांति ही सच्चा जीवन देता है।

44.
ग़लतियों से सबक हमें लेना होगा,
युद्ध नहीं, प्रेम ही चुनना होगा।

45.
हिरोशिमा का दर्द एक सबक है,
शांति का दीप ही असली रबक है।

46.
नागासाकी की धूप धुंधली हो गई,
मानवता की लौ फीकी हो गई।

47.
एक विस्फोट ने सदा के लिए जगा दिया,
युद्ध की राह गलत है ये सिखा दिया।

48.
धरती पुकारती है – मत दो ये घाव,
शांति से ही मिलेगा जीवन का नव-भाव।

49.
हिरोशिमा का हर पत्थर गवाही देता है,
युद्ध सिर्फ विनाश लाता है, ये बताता है।

50.
नागासाकी की राख से आवाज़ आती है,
मानवता शांति से ही मुस्कुराती है।

🌍 Nagasaki Day Quotes

🌍 Nagasaki Day Quotes
🌍 Nagasaki Day Quotes


51.
नागासाकी की राख हमें याद दिलाती है –
युद्ध में कोई जीतता नहीं, सब हार जाते हैं।

52.
जो बम गिरा था, उसने सिर्फ शहर नहीं जलाया,
मानवता के दिलों को भी राख बनाया।

53.
नागासाकी का हर पत्थर ये पुकार करता है –
शांति ही असली ताक़त है।

54.
जहाँ मासूमियत राख में बदली हो,
वहाँ शांति का दीप जलाना ज़रूरी है।

55.
नागासाकी की त्रासदी हमें सिखाती है –
युद्ध इंसानियत का सबसे बड़ा दुश्मन है।

56.
विनाश की उस रात से दुनिया ने सीखा,
प्रेम ही जीवन का सच्चा रास्ता है।

57.
नागासाकी की पुकार –
कभी न दो ऐसा घाव, जो इंसानियत को मिटा दे।

58.
हर 9 अगस्त को याद करो –
शांति चुनना ही असली इंसानियत है।

59.
नागासाकी सिर्फ एक शहर नहीं,
बल्कि युद्ध के खिलाफ एक गवाही है।

60.
युद्ध की राख में इंसानियत जलती है,
शांति के दीप से ही दुनिया खिलती है।

61.
नागासाकी की मिट्टी आज भी कहती है –
नफरत नहीं, मोहब्बत बोओ।

62.
एक विस्फोट ने सदा के लिए दुनिया को जगा दिया –
अब शांति ही मार्ग है।

63.
नागासाकी का नाम सुनते ही सवाल उठता है –
क्या यही सभ्यता की पहचान है?

64.
जिन्होंने शांति चुनी, उन्होंने ही जीवन बचाया,
जिन्होंने युद्ध चुना, उन्होंने सिर्फ विनाश पाया।

65.
नागासाकी हमें चेतावनी देता है –
मानवता से बड़ा कोई हथियार नहीं।

66.
आज भी गूंजती है वो चीखें –
युद्ध मत चुनो, शांति चुनो।

67.
नागासाकी का सबक यही है –
हिंसा से नहीं, संवाद से हल निकलता है।

68.
जहाँ युद्ध है वहाँ आँसू हैं,
जहाँ शांति है वहाँ मुस्कान है।

69.
नागासाकी की राख में छुपा संदेश है –
प्रेम ही सबसे बड़ा अस्त्र है।

70.
मानवता को बचाना है तो,
नागासाकी की त्रासदी को कभी मत भूलना।

✍️ Nagasaki Day Slogans

✍️ Nagasaki Day Slogans
✍️ Nagasaki Day Slogans

71.
युद्ध नहीं, शांति चाहिए।

72.
नागासाकी की राख – मानवता की चेतावनी।

73.
जहाँ बम गिरते हैं, वहाँ सपने मरते हैं।

74.
नागासाकी कहता है – प्यार ही शक्ति है।

75.
शांति ही असली विजय है।

76.
नफरत से नहीं, संवाद से रास्ता बनता है।

77.
नागासाकी याद रखो – फिर कभी युद्ध मत चुनो।

78.
हथियार नहीं, इंसानियत चाहिए।

79.
जहाँ शांति है, वहीं जीवन है।

80.
नागासाकी की पुकार – शांति अपनाओ।

81.
युद्ध जलाता है, प्रेम खिलाता है।

82.
मानवता बचाओ, शांति अपनाओ।

83.
नागासाकी – एक घाव, एक सबक।

84.
विनाश नहीं, विश्वास चुनो।

85.
जहाँ युद्ध है, वहाँ अंधकार है।

86.
जहाँ शांति है, वहाँ उजाला है।

87.
नागासाकी हमें याद दिलाता है –
युद्ध का कोई विजेता नहीं होता।

88.
बमों से नहीं, बातों से जीत होती है।

89.
नागासाकी से सबक लो,
शांति को जीवन में उतारो।

90.
एक दुनिया, एक सपना – शांति का आलम।

हिरोशिमा सहर

दर्द हिरोशिमा का

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