“रहिमन पानी राखिए, बिन पानी सब सून।
पानी गए न ऊबरे, मोती मानुष चून।”
world water day quotes in hindi2024/inspirational world water day quotesहेल्लो दोस्तों रहीम जी के इस दोहे का का दार्शनिक अर्थ तो बहुत गहरा है परंतु आज लगता है यह दोहा उनहुने हमारी इस पानी के संकट की त्रासदी को सोचकर ही लिखा होगा बात है न एकदम सत्य बिन पानी सब सुन् भला पानी के बिना जीवन की कल्पना भी की जा सकती है ? हमारे सनातन धर्म मे
मनुष्य का शरीर पंचतत्वों से बना है पृथ्वी , जल, आकाश, वायु, अग्नि,
अब और तत्वों की बात न भी करें तो कोई खास बात नहीं है परंतु जल, और वायु के बिन हम केसे जीवन की कल्पना कर सकते हैं जल है तो सबकुछ है जल एक महत्वपूर्ण तत्व और परम आवश्यक होने के व्यवजूद इसके लिएइक दिवस को चुनने की संयुक्त राष्ट्र संघ को जरूरत पड़ी जेसे इंसान ने
महत्वपूर्ण चीजों को एक शौक की तरह दिन निश्चित कर दिए बहरहाल जल दिवस यानि विश्व जल दिवसबनाने के पीछे जल के गहराते संकटकी तरफ ध्यान केंद्रित करने की जल दिवस मनाने का प्रस्ताव सबसे पहले 1992 में संयुक्त राष्ट्र के Rio de Geneiro में Environment and Development के मुद्दे पर आयोजित कॉन्फ्रेंस में रखा गया था। 19932 के दिसंबर महीने में संयुक्त राष्ट्र महासभा ने इस प्रस्ताव को स्वीकार करते हुए विश्व भर में इसे मनाने की स्वीकृति दी। इसके तहत घोषणा की गई कि संयुक्त राष्ट्र के सदस्य देशों के साथ साथ विश्व भर के अन्य देशों में भी 22 मार्च को विश्व जल दिवस के रूप में मनाया जाएगा। 1993 में पहली बार विश्व जल दिवस मनाया गया था
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2
जल प्रक्रति का अनुपम उपहार है
बिना जल जीवन बेकार है
jal prakrati ka anupam upahaar hai
bina jal jeevan bekaar hai
3
जल ही जीवन जल ही असली धन है
जिस देश में जल है सफल उसी का कल है
jal hee jeevan jal hee asalee dhan hai
jis desh mein jal hai saphal usee ka kal hai
4
संचय जिस देश का जल होगा
सुरक्षित ुउस राष्ट्र का कल होगा
sanchay jis desh ka jal hoga
surakshit uus raashtr ka kal hoga
5
जल की हर एक बूंद कीमती है
इसे ब्यर्थ न जाने दें जल बेस्किमती है
jal kee har ek boond keematee hai
ise byarth na jaane den jal beskimatee hai
6
जल किसी की निजी सम्पति नहीं
प्राणी मात्र पर धरती का उपहार यही
jal kisee kee nijee sampati nahin
praanee maatr par dharatee ka upahaar yahee
7
जल बिन जीवन की कल्पना व्यर्थ है
जिसके पास जल सम्पदा है वो समर्थ है
jal bin jeevan kee kalpana vyarth hai
jisake paas jal sampada hai vo samarth hai
8
आने वाले पल में जिसके पास जल है
उसका जल ही उस राष्ट की शक्ति है
aane vaale pal mein jisake paas jal hai
usaka jal hee us raasht kee shakti hai
जल संकट के प्रमुख कारण —
आखिर क्यू हम जल संकट झेल रहे है इसके मुख्य कारण क्या है ?
1– पानी का अत्यधिक दोहन –— मनुष्य का जीवन ही नहीं अपितु प्राणी मात्र का जीवन जल से सुरू हुआ है इतनी अमूल्य धरोहर होने के बाद भी
हमने इसका अत्यधिक बर्बादी की है आज हम आधुनिकता के युग मे
पानी की बर्बादी करते है घरों मे नल लगाते है और कपड़े , बर्तन , गाड़ीं
आदि को खुले पाइप से पानी की बर्बादी करते है घरों मे नल बहता
या टपकता है तो उसे बंद करने की जरूरत ही नहीं समझते है
परंपरागत जल स्रोतों का नष्ट होना — हमारे बड़े बुजुर्ग पानी को सहेज कर रखते थे प्रत्येक गावों मे पानी संचय के लिए कुवे , बावड़ी, पोखर, होते
थे जिससे पूरे गावं के लोग वर्षा का जल संचय करतेथे जिससे पानी का स्तर ऊपर रहता था और जमीन मे नमी रहती थी जिससे वाष्पीकरण होता था और वर्षा होती थी आज हमने सभी कुवे बावडी पोखरों की जगह
सीमेंट के कंक्रीट खड़े कर दिए जिससे न तो जमीन मे नमी रही न ही
वर्षा होती
बढ़ती जनसंख्या — आज निरंतर बढ़ती जनसंख्या से पानी की आपूर्ति
नहीं हो पाती है सभी आधुनिकता मे जीने के आदी हो गए है किसी का ध्यान पानी के संचय की तरफ नहीं जाता बस जरूरत ही जरूरत बढ़ती जाने के कारण और बढ़ती जनसंख्या के लिए अधिक उपज की जरूरत
है जरूरत की आपूर्ति के लिए अधिक अनाज अधिक अनाज के लिए अधिक पानी
जंगलों की कटाई –– जहां जंगल होते है वहाँ वर्षा भी होती है हमने जंगल नष्ट कर दिए है जिससे वर्षा कम होती है और जल संचय नहीं होता
कंक्रीट के जाल का बिछना – आज के युग मे परंपरागत घर नष्ट हो गए है उनकी जगह सीमेंट के घरों ने ले लिया है जहां देखो सीमेंट का जाल बिछा हुआ है बड़े बड़े भवन से लेकर फैक्ट्री मिल सीमेंट ही सीमेंट ये सेमेन्ट हमारे भूमीमगत होने वाले जल को रोक लेता है एक तो आज के समय मे बारिश कम हो रही है उस पर सीमेंट का जाल जल को भूमि के अंदर नहीं जाने देता इससे जलस्तर और घटता जारहा है और जल संचय न होने से जल का संकट निरंतर बध रहा है
जलसंकट से बचने के उपाय —
– आखिर एसा क्या कीया जाए की जल के संकट से बच सके –
1— परंपरागत शैली अपनाकर जल संचय करे — आज हमसभी धरती वासियों को और सरकार को चाहिए की कुवे , पोखर , वावड़ियों का जीर्णोद्धार कर वर्षा का जल संचय किया जाए जो हमारी देश की संस्करति थी हमने उसे छोड़ दिया परंतु विकसित देसों ने अपना लि वहाँ तालाबों मे जलसंचय किया जाता है
पारंपरिक तालाब और कुओं को जीवित करना होगा — हमारे बड़े बुजुर्ग इतने जयदा बैज्ञानिक थे की उनहुने जल का एक प्रकर्तिक समाधान निकाला था हर गावं मे तालाब होता था जिससे पूरा गावं और मवेशी साल भर जल पीते थे और इससे जलस्तर भी बना रहता था परंतु आज आधुनिकता ने हमे अंधा कर दिया हमने सारे ताला और कुओं को खो दिया कंक्रीट के जंगल बना दिये जिस कारण जल जमीनमे नहीं जाता और जल स्तर गिरता चला गया
वर्षा के पानी का संचय — अधिक से अधिक जल संचय करना होगा प्रत्येक घर की छत पर जलसंचय की व्यवस्था जरूरी है
पानी को व्यर्थथ जाने दें — हम लोग पानी को बचाकर अपनी धरती को बचा सकते है हमे कपड़े और बर्तन धोने के लिए नल का सीधा प्रयोग न कर एक बर्तन मे से जल लेना चाहिए और गाड़ी बाइक्ल को बाल्टी के पानी से धोए न की पाइप से इस तरह हम जल बचा सकते हैं
अधिक से अधिक पेड़ लगाएं — धरती को हरा भरा रखेंगे तो अछि वर्षा होगी क्युकी पेड़ वर्षा को अपनी तरफ खिचते हैं
जलसंचय को एक आवश्यक विषय बनाकर शिक्षित किया जाए —
हमारी शिक्षा पद्धति मे जल संचय इक प्रमुख विषय बनाने का समय आ चुका है
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9
जल है तो जीवन है
जीवन है तो हम हैं
al hai to jeevan hai
jeevan hai to ham hain
10
जल है कल है
jal hai kal hai
11
स्वच्छ जल सुरक्षित कल
संचित जल सुरक्षित कल
svachchh jal surakshit kal
sanchit jal surakshit kal
12
जल ही जीवन है
jal hee jeevan hai
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13
पेड़ पौधे जंगल लगाओ इनको नष्ट होने से बचाओ
धरती पर ज्जीवन बचाओ जल को ब्यर्थ मत बहाओ
ped paudhe jangal lagao inako nasht hone se bachao
dharatee par jjeevan bachao jal ko byarth mat bahao
14
जंगल नदियां पेड़ पौधे धरती का है शृंगार
स्वच्छ जल सुरक्षित कल है प्रकृति का उपहार
jangal nadiyaan ped paudhe dharatee ka hai shrngaar
svachchh jal surakshit kal hai prakrti ka upahaar
15
जल की हर एक बून्द में हमारा जीवन है
धरती का हर प्राणी जल बिन कुछ भी नहीं है
16
धीरे धीरे धरती इतनी गर्म हो रही है
जल की इक इक बून्द सूखती जा रही है
FAQ
विश्व जल दिवस पर निबंध
जल जीवन है यह परम सत्य है पहली बार विश्व जल दिवस का आयोजन 1993 में किया गया। धरति पर 100% जल है परंतु पीने का पानी मात्र 1% है बाकी जल खारा है या बर्फ के रूप मे है मनुष्य का अस्तित्व पानी से है केवल मनुष्य ही नहीं प्राणीमात्र पानी से उत्पन्न हुआ है सभी मानव सभ्यता नदी के किनारे विकसित हुईं और फली फुली है आज के बैज्ञानिकों की नए ग्रह पर सबसे पहली खोज पानी से सुरू होती है
सनातन धर्म मे तो जल के देवता वरुण देव हैं और उनका वेदों मे बड़ी महिमा बताई गई है जो जल हम मनुष्यों को जीवंन देता है आज हमारी
लापरवाही से जल संकट एक गंभीर चिंता का विषय बन गया है आज हमारे देश मे कई गावं और सहर पानी के लिए त्राहि त्राहि कर रहे हैं
गर्मी की सुरुवात होते ही पानी का संकट गहराने लगता है और आए दिन पानी के कारण लड़ाई होती है आज हमारी धरती का जलस्तर गिर गया
है हम इंसान इतने स्वार्थी हो गए की हमने हमारे पूर्वजों से जो जल रूपी
पूंजी विरासत मे पाइ थी हम अपनी आने वालीपीढ़ी को मात्र सुखी धरती और सूखे नल देकर जाएंगे हमने अपने जल स्रोतों को जेसे की नदी, कुवे बावड़ी ,झरने नष्ट कर दिया है , धरती पर निरंतर बढती जनसंख्या और , बढ़ते प्र्दुष्ण जंगलों की कटाई से जल लुप्त होता जा रहा है , जल संकट पर तुरंत राष्टीय स्तर पर कार्य करना होगा जल सकत रोकना होगा हमरे बैज्ञानिकों के शोध से ज्ञात हुआ सबसे अधिक पानी की खपत मांस उद्योग के कारन से हुआ है ,मांस उद्योग बंद करिये शाकाहारी बनिये और जल संकट से विश्व को बचाइये
राष्ट्रीय जल दिवस
पहली बार विश्व जल दिवस कब मनाया गया था
पहली बार विश्व जल दिवस का आयोजन 1993 मेंमनाया गया था
विश्व जल दिवस क्यों मनाया जाता है
धरती को जल संकट से बबचाने के लिए जल दिवस मनाया जाता है
राष्ट्रीय जल दिवस 14 April
भारत में जल दिवस कब मनाया जाता है
14 अप्रैलको “राष्ट्रीय जल दिवस” (‘National Water Day’)मनाया जाता है
अंतर्राष्ट्रीय स्वच्छ जल वर्ष कब घोषित किया गया
2010: स्वस्थ विश्व के लिए स्वच्छ जलघोषित किया गया
विश्व जल दिवस 2023 की थीम
वर्ष 2023 की थीम थी इस थीम थी “एक्सीलरेटिंग चेंज”- तेज़ी से परिवर्तन इस थीम के द्वारा द्वारा जल क्षेत्र में तेज़ी और तत्कालीनता के महत्व पर ज़ोर दिया गया