तेरी आँखों में जो कशिश है, मुझे बस वहीं खींचती है।

एक नजर तेरी, दिल को इतनी गहराई तक छू गई।

तेरी मुस्कान की कशिश, हर दर्द को भुला देती है।

तेरी आँखों की चमक, मेरे दिल की धड़कनों को तेज कर देती है।

तेरी आँखों की कशिश में, खुद को खो बैठा हूँ मैं।

तेरे ख्यालों की कशिश, हर रात मुझे जागा देती है।

तुम्हारी यादों की कशिश, धड़कन में समा गई है।

तेरे प्यार की कशिश, मेरी रूह तक उतर गई

तेरी आँखों की गहराई में, मैंने खुद को खो दिया है।

तेरी आवाज़ की कशिश, मेरे दिल को छू जाती है।

कशिश इतनी कि हर पल तुझे महसूस करूँ

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तेरे ख्यालों की मिठास, मेरी तन्हाई को छू जाती है।