तेरी यादों का सफर यूँ  चलता रहा, शेरों के ज़रिए दिल बहलता रहा।

इश्क़ की बातें जब लफ़्ज़ों में ढलती हैं, तो हर  शेर से रूहानी महक आती है।

दिल में बसी है एक शायरी की किताब, हर पन्ने पर तेरा नाम लाज़मी है जनाब।

तेरी आँखों में खो जाने का दिल करता है, हर ख़्वाब  देखने  का दिल करता है।

दिल  में बसा है नाम तेरा,  शेर बनकर हर धड़कन में उतरता है।

जिन लफ़्ज़ों में बयाँ होता था प्यार मेरा, आज उन्हीं लफ़्ज़ों में बसा है इंतज़ार तेरा।

वो लम्हे जो तेरे साथ बिताए थे कभी, अब शायरी में रहते हैंसाथ मेरे ।

दिल के जख्मों को शायरी में ढाल दिया, तेरी याद को ,हमने अल्फ़ाज़ बना लिया।

हर ग़ज़ल में बसी है तेरे लिए तड़प, शायरी में लफ़्ज़ों से  निकलती है कसक

शेरों में बयां हो गई है दिल की कहानी, तेरे बिना बस यही रह गई है निशानी।

इश्क़ की शायरी में तेरा ज़िक्र है   तू  साथ  नही  दिल  में सुरत तेरी है

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तेरी जुदाई ने हर शेर को  ख़ूबसूरत बना दिया, दिल की इस उदासी ने मुझे शायर बना दिया