दिल में बसी है एक शायरी की किताब, हर पन्ने पर तेरा नाम लाज़मी है जनाब।
दिल के जख्मों को शायरी में ढाल दिया, तेरी याद को ,हमने अल्फ़ाज़ बना लिया।
हर ग़ज़ल में बसी है तेरे लिए तड़प, शायरी में लफ़्ज़ों से निकलती है कसक
शेरों में बयां हो गई है दिल की कहानी, तेरे बिना बस यही रह गई है निशानी।
तेरी जुदाई ने हर शेर को ख़ूबसूरत बना दिया, दिल की इस उदासी ने मुझे शायर बना दिया