Shayari Ki Diary/

रूह  मे  जो उतर  जाए वो इश्क है  पल पल जो याद आए वो इश्क है

उसने की दिल्लगी हम  महोंबत्त समझ बैठे  बस इतनी सी बात  से हम सकूँ  गवां बैठे

लबों की तवसूम  हो गई है कहीं गुम   आज मुद्दत से  आईना  से  रूबरू हुए हम

खौफ किसे है  दिल  के  बर्बाद होने का    तभी तो बेवफा से दिल का सौदा किया\

लाख  छुपाओ दर्द  फिर भी बयां हो जाता है   इश्क तो इश्क है  आँखों  मे उतर आता है

आखें सब भर जगी तेरे इंतजार  मे  कब सहर हुई   हमे खबर न हुई

मुद्दत हुई की  ख्वाब मे तू आया नहीं  सुना है बहुत रातों से तू सोया नहीं

इश्क मे दास्तां  बनी और मिटगई  महोबत्त फिर तन्हा रह गई

हम इस जहां में मिले न  मिले गम नहीं  रूह  तो रूह से मिल गई   फिर मिलेंगे उस जहां में कहीं

बरसात हो  तेरा साथ हो   इश्क की बात हो  बस तेरे हाथों   मे मेरा हाथ हो

सबसे हसीन पल थे  जब हम तुम करीब थे