ख्वाब तेरे, बेचैनी मेरी...
दिल तो बहुत किया रोने का, पर मुस्कुराकर छोड़ दिया!
तू कहीं और मस्त है, और मैं तुझमें उलझी हूँ
तू खुश रहना, अब हमने दर्द से निभा लिया है!
तेरी फ़ुर्सत के एक पल के लिए हमने कीमत उम्र भर चुकाई है!
इश्क़ तुझसे नहीं, तेरी रूह से था...
तेरी यादें हैं या साज़िशें, रोज दिल दुखा जाती हैं!
तू Online है, पर किसी और के लिए
तेरा नाम अब भी दिल में है, बस जुबां से लेना छोड़ दिया