तुम्हारी बातें याद आती हैं वो मुलाकाते याद आती हैं
माना की बहुत दूर हो हमसे फिर भी करीब हो दिल के
जाने किस बात की कमी है आँखों में हर पल नमी है
किसी बेवफा से हो गया मुझको प्यार जाता रहा एस दिल का करार
तुम आओगे लौट कर पलके बिछाए बैठे हैं इस दिल में तेरी तस्वीर छुपाए बैठे हैं
कभी सोचा न था दिल की ये हालत होगी वे वजह दिल में बेचैनी होगी
तुमसे मोहबत क्या हुई दिन का चैन गया रातों की नीद गई
आखों के रस्ते दिल में उतर गए जाने कब तुम दिल के मेहमान बन गए
तुमसे प्यार करूँ या नफरत करूँ दिल के कातिल बता क्या करूँ
वो पल बहुत हसीं थे जब तुम मेरे करीब थे
तुमसे ही प्य्सर है कश्म से तुमको ही बसाया है दिल में