Mahakal Ki Shayari
- तीन लोक मे मेरे महाकाल सा कौन महादानी बाबा महाकाल जग से न्यारा बर्दानी
करते हो आरंभ तुम और करते अंत पाप जब हद से बढ़े महांकाल करते पाप का अंत
मेरे महांकाल की महिमा निराली है तन पर बाघंबर लपेटे भस्म भभूति लगाते त्रिपुण्ड मस्तक पर सोहे रूप मन को मोहे
जब कुछ न था मेरा महांकाल था जब कुछ न होगा मेरा महांकाल रहेगा जय महाकाल 🙏🏼🙏🏼
मस्तक है त्रिपुण्ड शक्ति है प्रचण्ड महादेव के भक्तों का तेज रहता अखंड जय महाकाल 🙏🏼🙏🏼
भक्त हैं महाकाल के डरते नही काल से रखते महादेव भक्तों को संभालके जय महाकाल 🙏🏼🙏🏼
जिंदगी की नाव है महाकाल के हाथ चिंता मत कर प्राणी महांकाल हैं साथ जय महाकाल 🙏🏼🙏🏼\
मेरे महाकाल तुम हो मेरे देव क्षमा अपराध हो रक्षा करो महादेव जय महाकाल 🙏🏼🙏🏼
महाकाल के जैसा देव नहीं दूजा देव दानव मानव करते इनकी पूजा जय महकाल 🙏🏼🙏🏼
भक्त हैं महाकाल के स्वामी वे त्रिकाल के क्षण भर मे संघार करे भक्तों का उद्धार करे जय महाकाल 🙏🏼🙏🏼
तीनों लोक के स्वामी हैं बाबा महाकाल भक्तों के भयहारी हैं मेरे महाकाल जय महाकाल 🙏🏼🙏🏼