Long Distance Relationship Quote

दूर रहकर  भी तुम मेरे इतने करीब  रहते हो    जाती है नजर जहां जहाँ  तुम ही तुम नजर आते हो

इश्क़ में फर्क नहीं पड़ता दूर हो या पास  ये  इश्क़  का इत्र है   इसकी  महक  है लाजवाब

कभी तो  वो पल भी आएगा  जब तू मेरे करीब आएगा   आखिर कब तलक वो खुदा हमें आजमाएगा

तेरे इश्क की महक से  महकती है मेरी सुबह शाम        जैसे  महकते हैं  खुशबु से महकते   गुलाब

दूर  होकरभी उससे  कितनी गहरी  मोहबत्त हो गई     जबकि मालूम है   मिलना  हमारा मुमकिन ही नहीं

रात दिन इक तड़प  इक कमी सी है   तेरी याद में  हर पल आखों में नमी सी है

काश तुझसे इतनी मोहबत्त न हुई होती  अगर हुई  तो फिर इतनी दर्मिया दुरी न होती

दूर होकर   कैसे  रश्म ए  मोहबत्त  निभाई जाती है      मेरे दिल से पूछो  जिसे   महज यादें  तड़पाती हैं

क्यों  खुदा तूने  इतनी  दुरी लिख दी ???  नसीब में हमारे  उम्र भर की जुदाई लिख दी

दूर रहने का दर्द क्या होता है  पूछो उनसे   इक पल की भी दुरी  सही नहीं जाती जिनसे

जिस्मों की दूरियां तो इक दिन खत्म हो भी जाती है  दिलों की दूरियां कभी खत्म नहीं होती हैं

आ भी जाओ किसी बहाने से   इक तेरा इंतजार है जमाने से

मोहबत्त निभाने वालों को फर्क नहीं पड़ता  दुरी का          मोहबत्त  नाम है दूजा  इन्तजार  और ऐतबार का