जब सारी दुनिया सो रही होती है… उस वक़्त कोई तेरी यादों में रो रहा होता है।

रातें सिर्फ नींद नहीं छीनती… ये मोहब्बत की गवाही देती हैं।

रात की चुप्पी में तेरा नाम गूंजता है दिल हर धड़कन पे तुझे ढूंढता है...

नींदें रूठ गई हैं जबसे तू दूर हुआ अब तो चाँद भी बेगाना सा लगता है...

तेरी यादों की बारिश में आज भी भीगता हूँ रात के सन्नाटे में तुझे ही सोचता हूँ...

तेरे बिना अधूरी सी है ये रात तेरा ख्याल से भीगते हैं जज्बात

मैं चाँद से बातें करता हूँ टेरा हाल ए  दिल पूछता हूँ

तन्हा रातों में तेरे ख्वाबों की चादर ओढ़े हर करवट में आहें भरते हैं

तेरा Last Seen देखे बिना अब मेरी रात पूरी नहीं होती...

Late Night Chat अब Past बन चुकी है पर यादें आज भी Online हैं...

शायद किसी रात तू भी जागे और तुझे मेरी ये शायरी याद आ जाए...

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रात की खामोशी में अब तेरे नाम की चुप्पी बसी है...