Dard Bhari Bewafa Shayari
बड़ी बैचेन हैं धड़कन जख्म ताजा है अभी इक वेवफ़ा का दिया जख्म गहरा है अभी
हमने किसी बेवफा को प्यार किया तो क्या गुनाह किया वो हमको भूल जाए ये हो नहीं सकता \ किसी और का होकर अब वो रह नहीं सकता
गुजरता है हर रोज यादों का कारवाँ पर ओ बेबफा फिर कभी ना गुजरा इधर से
पूछे कोई महोबत्त में वफ़ा का पैमाना क्या है दिल की धड़कन ने बस नाम तेरा लिया है
-इनायत ए वफ़ा करू तुझसे तौबा ये कयामत होगी बेवफ़ाओं की दुनियाँ मे फिर दहस्त होगी