Dard

Dard

Dard

Dard 💔

ख्यालों की दुनियाँ में दिल नभटकता  दर्द ए वेवफ़ाई मे  दिल न तड़फता

काश यादों पर कोई पहरा   होता   दिल का जख्म न गहरा होता 

-रात का समा  भी कुछ अजीब है  दूरी है फिर भी तू करीब है 

ये पतझड़ का मौसम गुजरता  नहीं इक पल को भी नजर से तू हठता नहीं

– हमे अब ये यकी हो चला है  – सदियों से महोबत्त मे दर्द का सिलसिला  है 

हजारों खवाइशें दिल मे दफन हो जाती  हैं  महज  इश्क की खवाइश दिल से नहीं जाती

दिल का हाल  हम उससे कहते नहीं  वो खुद समझ जाए  एसा उसका इश्क नहीं 

दर्द ए महोबत्त की किसी को न सजा  दे  देनी हो गर तुझको बस मौत की सजा दे

गुजरा वक्त कभी आता नहीं  यादों का कारवां  रुकता नहीं 

दिल का  क्या  है जनाब  दिल   तो  हर हाल मे  संभलता है      कभी    दर्द  में की तापिस तो  कभी यादों से बहलता है

पत्थर सा दिल है पत्थर का सनम  पत्थर की मूरत से महोबत्त कर बैठे हम 

दर्द में ही जीते रहते हैं 💔💔💔 हर पल तेरी बेवफाई के जहर से मरते रहे हैं