BHUL JANA SHAYARI

उसे  भूलने की कोशिस  नकाम हो रही है   दिल गहराइयों में वो उतरते जा रही है

कोई   दर्द  ए  दिल की दवा बता दे   उसे भूल जाने की  कोई दवा बता दे

याद आया है बहुत  दूर जान के बाद    कहता है वो अक्सर हमे भूल जाने की बात

उसे  भूलने को क्या क्या नहीं किया        गली  छोड़ी मोहल्ला छोड़ा अब     दुनिया को छोड़ने का फैसलाकर लिया

किसी और के लिए उसने दगा दिया   मेरी मोहब्त को उसने भुला दिया

जा बेवफा  हमने तुझे भुला दिया  तेरी बेवफाई ने  मुझको रुला दिया

मालुम  नहीं उसने कैसी मोहबत्त की    मुझे भलकर  किसी और की दुनिया बसा ली

वो कहता है मुझे भूल जा    मगर  केसे  भूलें  उसे  जिसे  हमने  जान से ज्यादा चाहा

उसे  भूलने की के लिए मैंने  सबकुछ किया      खुद को इक जिन्दा लाश बना दिया

भूलना इतन आंसा  होता तो भूल जातेहम  जिन्दगी  को पल पल मौत  की तरह नही जीते हम