: गांधी जयंती और अहिंसा दिवस : सत्य और अहिंसा के आदर्शों पर  चलने वाले महात्मा गांधी का जीवन,  विश्व भर में प्रेरणा का स्रोत है।

: गांधी जयंती का महत्त्व  2 अक्टूबर को गांधी जी की जयंती मनाई जाती है, जिसे  अहिंसा दिवस के रूप में भी मनाया जाता है।  यह दिन शांति और सत्य के संदेश को आगे बढ़ाता है।

: : सत्य और अहिंसा के सिद्धांत : गांधी जी का जीवन सत्य और  अहिंसा के सिद्धांतों पर आधारित था।  उनका मानना था कि सत्य के बिना अहिंसा अधूरी है।

: संघर्षों में अहिंसा t: गांधी जी ने भारत को स्वतंत्र कराने के लिए अहिंसक  आंदोलन का रास्ता अपनाया। उनका मानना था कि बिना  हिंसा के भी जीत हासिल की जा सकती है।

: अहिंसा का अर्थ : गांधी जी के अनुसार,अहिंसा केवल शारीरिक  सा से नहीं, बल्कि मन, वाणी और विचारों  की शांति से भी जुड़ी है।

वैश्विक महत्व : गांधी जी के अहिंसा के सिद्धांतों ने  न केवल भारत, बल्कि दुनिया के कई हिस्सों में  सामाजिक आंदोलनों को प्रेरित किया।

स्वतंत्रता संग्राम में भूमिका : भारत के स्वतंत्रता संग्राम में गांधी  जी ने नमक सत्याग्रह और असहयोग  आंदोलन जैसे कई अहिंसक  आंदोलनों का नेतृत्व किया।

गांधीजी के प्रेरक शब्द : "अहिंसा सबसे बड़ा धर्म है," गांधी जी के इन शब्दों ने  लाखों लोगों को जीवन में शांति  और संयम का रास्ता दिखाया।

: सत्य और सेवा : गांधी जी ने सत्य की शक्ति पर हमेशा विश्वास रखा  और जीवन को सेवा के रूप में देखा।  उनका जीवन लोगों की सेवा के लिए समर्पित था।

: : विश्व अहिंसा दिवस   संयुक्त राष्ट्र ने 2 अक्टूबर  गांधी जयंती के दिन को विश्व अहिंसा दिवस घोषित किया,  ताकि दुनिया में शांति और एकता का संदेश फैलाया जा सके।

: गाँधी के विचारों की प्रासंगिकता : आज के समय में, गांधी जी के बताए   अहिंसा की दुनिया को  जरूरत  हैं,  जब दुनिया में अशांति और हिंसा फैली है।

Arrow

: गांधी जयंती पर प्रेरणा : इस गांधी जयंती पर, आइए हम गांधी जी के सत्य और अहिंसा  के संदेश को अपनाकर एक शांतिपूर्ण और  समाज का निर्माण करें।