2 अक्टूबर, को  अहिंसा के   पुजारी माहंमा गाँधी जी  का जन्म हुआ था  इसे गाँधी जयंती के  रूप में मनाते हैं   यह दिन हमें अहिंसा, सादगी और सत्य की शक्ति की याद दिलाती है, ।इसलिए इस दिन को विश्व अहिंसा दिवस के रूप में भी मनाया जाता है

गांधीजी का जीवन सत्य के प्रति उनकी अटूट आस्था का प्रतीक था।  वे मानते थे कि जीवन में सच्चाई से बढ़कर कुछ नहीं है , और सत्य ही समाज को सही दिशा दे सकता है।

गांधीजी ने कहा "अहिंसा सबसे बड़ा धर्म है।"  उनके लिए अहिंसा सिर्फ हिंसा से दूर रहना नहीं था,  बल्कि दिल से प्यार और सहनशीलता का व्यवहार करना

: सादगी का महत्व महात्मा गांधी ने सादगी से भरे जीवन को अपनाया  उनकी सफेद धोती और लाठी उनकी पहचान बन गई।  वह अपने हर काम में सादगी और स्वावलंबन का संदेश देते थे।

दांडी यात्रा: एक क्रांति 1930 में गांधीजी ने अंग्रेजों के नमक कानून के खिलाफ दांडी यात्रा की  यह यात्रा अहिंसात्मक क्रांति की मिसाल बन गई,  जहां लाखों भारतीयों ने उनके नेतृत्व में अन्याय के खिलाफ आवाज उठाई।

: स्वदेशी और आत्मनिर्भरता गांधीजी ने स्वदेशी का नारा दिया और लोगों से कहा कि  वे विदेशी वस्त्रों का बहिष्कार करें।  उन्होंने खादी को अपनाया, जो आत्मनिर्भरता  और भारतीय गौरव का प्रतीक बन गया।

: ग्राम स्वराज की नींव महात्मा गांधी ने स्वराज की कल्पना की  जिसमें ग्राम स्वराज उनकी आत्मा थी।  उन्होंने कहा था कि जब तक गाँव आत्मनिर्भर नहीं होंगे,  तब तक देश की वास्तविक स्वतंत्रता अधूरी है।

: शांति और प्रेम  गांधीजी ने दुनिया को शांति और प्रेम का पाठ पढ़ाया।  उनका जीवन दिखाता है कि नफरत और हिंसा का जवाब केवल प्रेम  और सहिष्णुता से दिया जा सकता है।

गांधीजी के प्रेरणादायक विचार महात्मा गांधी का मानना था कि  "तुम वह परिवर्तन बनो, जो तुम दुनिया में देखना चाहते हो।"  उनके यह शब्द आज भी हर व्यक्ति को खुद  में बदलाव लाने के लिए प्रेरित करते हैं।

: युवाओं के लिए गांधीजी का संदेश गांधीजी ने हमेशा युवाओं को सिखाया कि  वे जीवन में सत्य और अहिंसा के मार्ग पर चलें।  उनके विचार आज भी युवा पीढ़ी को प्रेरित करते हैं

महात्मा गांधी की अहिंसा  सिर्फ  भारत तक सीमित नहीं है। उन्होंने  दुनिया को दिखाया कि कैसे एक साधारण व्यक्ति अपने विचारों और कर्मों से इतिहास बदल सकता है।

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इस गांधी जयंती पर आइए, हम बापू के  आदर्शों को अपनाने का संकल्प लें। सत्य,  अहिंसा, और सादगी के मार्ग पर चलकर हम उनके सपनों का भारत बना सकते हैं।