क्या आप जानते हैं तिरंगे के बारे मैं ये बातें ?                 

तिरंगा पहली बार  कब अस्तित्व में आया  तिरंगा की पहली उपस्थिति 7 अगस्त 1906 को  कोलकाता केसरी बाग में हुई थी,  जब बाल गंगाधर तिलक ने उसे दिखाया। उन्होंने इसे " नीला, पीला, सफेद" के रंगों में बाँधकर दिखाया था और उसमें  "वन्दे मातरम्" लिखा था। फिर इसमें और सुधार किए गये

तिरंगे का निर्माण: तिरंगे का पहला प्रस्ताव श्रीपिंगली वेल्डनर ने किया था,  जो बाद में गुरु  रवींद्रनाथ टैगोर के निर्देशन में हुआ।  टैगोर ने तिरंगे की डिजाइन को बारीकी से तय किया और   इसके बाद, निर्माण कार्य लाहौर के भिकाजी कामा और  बाबू श्रीनिवास अय्यंगर के नेतृत्व में किया गया।

तिरंगे  में  तीन रंगों  का महत्व  सफेद रंग: सफेद रंग शांति और सद्भावना का प्रतीक   यह तिरंगे की शुरुआती रेखा का रंग है और  हमें एकता की महत्वपूर्णता को समझाता है। केसरिया (नारंगी) रंग: केसरिया रंग उत्साह  और जोश का प्रतीक होता है। यह भारतीय जनता  की आत्मविश्वास और समर्पण को प्रकट करता है। हरा रंग: हरा रंग विकास और प्रगति को दर्शाता है।  यह हमारे देश के अच्छे भविष्य की प्रतीक है।

तिरंगे  में  तीन रंगों  का महत्व  सफेद रंग: सफेद रंग शांति और सद्भावना का प्रतीक   यह तिरंगे की शुरुआती रेखा का रंग है और  हमें एकता की महत्वपूर्णता को समझाता है। केसरिया (नारंगी) रंग: केसरिया रंग उत्साह  और जोश का प्रतीक होता है। यह भारतीय जनता  की आत्मविश्वास और समर्पण को प्रकट करता है। हरा रंग: हरा रंग विकास और प्रगति को दर्शाता है।  यह हमारे देश के अच्छे भविष्य की प्रतीक है।

भारतीय झंडा का आधिकारिक अनुमोदन   भारतीय संसद ने 22 जुलाई 1947 को एक  विशेष कानून पास किया। इसके बाद ही  15 अगस्त 1947 को प्रधानमंत्री  जवाहरलाल नेहरू ने तिरंगा का उद्घाटन किया

अशोक चक्र  भारतीय तिरंगे में स्थित एक विशेष प्रतीक है,  जिसका महत्वपूर्ण रोल है।  यह चक्र भारतीय संस्कृति और  इतिहास में महत्वपूर्ण स्थान रखता है। अशोक  चक्र  का नाम भारतीय सम्राट अशोक से लिया गया है,  जिन्होंने इसे पहली बार अपने सिक्कों पर चिपकवाया था।  अशोक सम्राट ने मौर्य वंश के समय में भारत में शांति और  धर्म के प्रतीक के रूप में यह चक्र अपनाया था।   जिनमें वे नैतिकता, सद्भावना, और एकता की महत्वपूर्णता को प्रमोट करते थे।

अशोक चक्र का डिजाइन  एक सर्कुलर चक्र होता है,  जिसमें २४ बूँदें होती हैं, जो आकार में बराबर होती हैं  यह चक्र महान धर्मिकता, समरसता, और वैशिष्ट्य की प्रतीक होती है। अशोक चक्र के प्रतीक का उपयोग भारतीय तिरंगे में किया गया है,  जो हमारे देश के मौलिक मूल्यों और सिद्धांतों को प्रकट करता है

अशोक चक्र का डिजाइन  एक सर्कुलर चक्र होता है,  जिसमें २४ बूँदें होती हैं, जो आकार में बराबर होती हैं  यह चक्र महान धर्मिकता, समरसता, और वैशिष्ट्य की प्रतीक होती है। अशोक चक्र के प्रतीक का उपयोग भारतीय तिरंगे में किया गया है,  जो हमारे देश के मौलिक मूल्यों और सिद्धांतों को प्रकट करता है

🌹झंडे  का  समान्न्न   हमें  अपने तिरंगे  को हमेशा आदर  स्मान्न्न देना चाहिए   कहीं भी  सड़कों पर  इधर उधर  झंडे को मत फैंको    ये हमारी    आँन  बान और  शान  है जय हिन्द