Fill in some tt

जिस प्रकार   घुप  अँधेरे से लड़ने के लिए  थोड सा उजाला काफी होता है  ठीक  इसी तरह  जिन्दगी  मेंबुराई से लड़ने के लिए   सत्य क्र मार्ग पर चलना  काफी है

सुविचार

जीवन  को उच्चतम स्तर  तक ले जाने के लिए   सुरुवात  अपने स्वार्थ  से ऊपर  सोचना चाहिए

प्रक्रति  के करीब रहिएआपको इक जादुई संगीत मिलेगा  तब आपको अहसास होगा प्रक्रति का संरक्ष्ण कितना जरूरी है

जब  हम प्रकृति के करीब होते हैं   तो  उस पल हमे महसूस होता है   उस परम्  ईश्वर  ने हमको कितनी   चीजे  उपहार दि हैं  हम उन उपहारों का  दुरूपयोग क करते हुए  प्रकति का तिरष्कार करते हैं

कोई है कलाकार जिसने  प्रकृति  में अनुपम  छटा   बिखेर दी है

एकांत  में आप खुद से बात कर सकते हो  और खुद से बड़ा  तुम्हारा कोई हमदर्द नही है

प्रक्रति  इश्वर की  सबसे सुंदर  कृति है  इन्सान को प्रक्रति के संरक्ष्ण का भार सौपा है 

ये निरीह मासूम पशु हैं  मनुष्य  सिर्फ अपने स्वाद के लिए  इनका  शिकार करता है शाकाहारी बनिए

हमारी  अंदर की प्रकृति को सुधार की जरूरत है  अंदर की प्रकृति  काम, क्रोध मोह हैं  अंदर की प्रकति सुधरेगी तभी बाहर  की प्रकृति को सवांर सकेंगे