Sitam Shayari In Hindi

मेरे दर्द   दिल का हाल  जाने क्या वो सितमगर          दर्द  ही दर्द दे गया वो   सितमगर

लाख सितम कर  के भी उसे   मेरा दर्द न महसूस हुआ   जाने क्यों  ये दिल  उस सितमगर पर  आ गया

वो सितमगर खेल गया मेरे दिल से      दिल गमजदा  है उसके सितम से

उस सितमगर की बेवफाई  का आलम मत पूछ          हर रोज  इक नया जख्म  देता है  मुझे

उसके मुझपर सितम कम नहीं होते   मेरी  उससे मोहबत्त कम  नहीं होती

मेरा उस सितमगर पर दिल आया      उसने हर बार मेरा दिल  दुखाया

सितम  तेरा अब सहा नहीं जाता  मुश्किल ये है  तुझ बिन रहा जाता

सितमगर   है  महबूब मेरा     बेवफा के नाम से मशहूर है महबूब मेरा

याद आता  है वो सितमगर  मुझे   मोहबत्त में सो दर्द  दे गए जो मुझे

ए  दिल  ये कैसा सितम है    वो  सितमगर अब तक दिल में क्यों है

जिए जा रहे हहैं गम ए  जिंदगी हर हाल में         सितम  जिंदगी ने  लाख दिए  हमें

हर रोज जिंदगी के नए सितम  हर रोज दिल पर इक न्य जख्म