लाख सितम कर के भी उसे मेरा दर्द न महसूस हुआ जाने क्यों ये दिल उस सितमगर पर आ गया
उस सितमगर की बेवफाई का आलम मत पूछ हर रोज इक नया जख्म देता है मुझे