तू था पास, और दुनिया ठहर गई थी।

तेरी हँसी में जो सुकून था, वो किसी जन्नत से कम न था।

तेरे कंधे पर सिर रख कर, वक्त को रुकते देखा था।

मोहब्बत के लम्हों में हमने, ज़िंदगी से ज्यादा जिया था।

तेरे साथ बिताया एक पल भी, पूरी ज़िंदगी के बराबर था।

वो लम्हे अब याद बन गए हैं, पर दिल में आज भी सांस लेते हैं।

हम साथ थे तो हर शाम गुलाब लगती थी, अब यादों में कांटे चुभते हैं।

तेरे स्पर्श में वो जादू था, हर लम्हा जैसे खुदा की नेमत हो।

तेरी मुस्कान जब मेरी थी, हर लम्हा मेरे ख्वाब जैसा था।

अब जब सिर्फ यादें रह गई हैं, वो लम्हे और भी कीमती लगते हैं।

तेरे साथ बिताए वो लम्हे, अब दुआ बनकर पलकों पे ठहरते हैं।

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तू पास हो या ना हो, वो लम्हे हर सांस में ज़िंदा हैं।