28 नवंबर, 2012 को संयुक्त राष्ट्र महासभा के प्रस्ताव द्वारा अंतर्राष्ट्रीय वन दिवस की स्थापना की गई थी।
अंतर्राष्ट्रीय वन दिवस पहली बार 21 मार्च 2013 को मनाया गया।
क्या आप जानते हैं प्रत्येक वर्ष 13 मिलियन हेक्टेयर से अधिक वन नष्ट हो जाते हैं, जो लगभग इंग्लैंड के आकार का क्षेत्र है
दोस्तों वन दिवस तो पहली बार 2013 में मनाया गया परन्तु वनों के प्रति जागरूकता का अभियान हमारे देश में उत्तराखंड राज्य में वर्ष 1964 में गांधीवादी सामाजिक कार्यकर्ता चंडी प्रसाद भट्ट द्वारा चमोली गोपेश्वर में दशोली ग्राम स्वराज्य संघ जिसका उद्देश्य वनसंसाधनो का संरक्ष्ण करना था
70 के दशक में वनों को कटने से रोकने के लिए उत्तराखंड के पर्यावरण विद सुंदरलाल बहुगुणा के चिपको आंदोलन को भला कौन भूल सकता है
उत्तराखंड की इन जगरुक महिलाओं ने पेड़ों से लिप्त क्र पेड़ों को कटने से बचाया
जब तक हम अपने वनों को इस तरह संरक्ष्ण नहीं देंगे नष्ट हो जाएंगे
दोस्तों अगर आंकड़ों की बात करें तो क्या आप जानते हैं हमारे उत्तरप्रदेश राज्य और महानगरों में एक भी जंगल नहीं है
क्या आपको अहसास है की हमारे जंगलों के अस्तित्व खत्म होने के साथ हमारा और सभी जीव जंतुओं का अश्तित्व खत्म होने की कगार पर है
जंगल बचाइए अपने आने वाले पीढ़ी का जीवन बचाइए