वन्य जीव हैं तो जंगल हैं जंगल हैं तो हम हैं

वन्य जीवन  और  जंगल  प्रकृति की अमूल्य देन है।

वर्ष 1956 से वन्य प्राणी सप्ताह मनाया जा रहा है इस अभियान  कौद्देश्य प्रत्येक वन्यप्राणी, पशु-पक्षियों और पौधों को पूर्ण रूप से सुरक्षा प्रदान करना

वन्य जीवों की सुरक्षा के लिये प्रत्येक व्यक्ति को आगे लाने के लिए भारतीय वन्य जीव बोर्ड ने वन्यजीव सप्ताह मनाने का निर्णय लिया और तब से यह 2 से 8 अक्टूबर तक प्रत्येक वर्ष मनाया जाता है

मानव हस्‍तक्षेप के द्वारा आज लगभग 41 हजार से भी अधिक जीवों की प्रजातियां विलुप्‍त होने की कगार पर पहुंच गई हैं

इस अभियान की उद्देशिका यह है.की हमें हमेशा प्रत्येक वन्य-प्राणी,पशु -पक्षियों और पौधों को पूर्ण रूप से सुरक्षा प्रदान करना चाहिए

अनुमान है कि हर दिन 100 प्रजातियाँ विलुप्त हो जाती हैं और 2050 तक दस लाख से ज़्यादा प्रजातियाँ विलुप्त  होने का अनुमान है

वन्य जीव सप्ताह के दौरान वन्यजीवों के महत्व और उनके संरक्षण के लिए उपायों पर चर्चा की जाती है.

२ अक्टूबर से  ८ अक्टूबर  तक चलने वाले इस सप्ताह  से वन्य जीव सप्ताह के ज़रिए, आम लोगों को वन्यजीवों के बारे में जागरूक किया जाता है.

वन्य जीव सप्ताह के द्वारा  सरकार के काम करने के तरीके और नीतियों को बेहतर बनाने में मदद मिलती है

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