2 अक्टूबर गाँधी जयंती पर महात्मा गाँधी जी के विचार
"व्यक्ति अपने विचारों के सिवाय कुछ नहीं है. वह जो सोचता है, वह बन जाता है."
"कमजोर कभी क्षमाशील नहीं हो सकता है. क्षमाशीलता ताकतवर की निशानी है."
"धैर्य का छोटा हिस्सा भी एक टन उपदेश से बेहतर है"
"हम जो करते हैं और हम जो कर सकते हैं, इसके बीच का अंतर दुनिया की ज्यादातर समस्याओं के समाधान के लिए पर्याप्त होगा."
"किसी देश की महानता और उसकी नैतिक उन्नति का अंदाजा हम वहां जानवरों के साथ होने वाले व्यवहार से लगा सकते हैं."
"गौरव लक्ष्य पाने के लिए कोशिश करने में हैं, न कि लक्ष्य तक पहुंचने में."
"ताकत शारीरिक शक्ति से नहीं आती है. यह अदम्य इच्छाशक्ति से आती है."
"हम जिसकी पूजा करते हैं उसी के समान हो जाते हैं "
" कुछ लोग सफलता के लिए केवल सपने देखते हैं जबकि अन्य लोग जागते हैं और कड़ी मेहनत करते हैं "
" अहिंसा ही धर्म है वही जिंदगी का रास्ता है "
" जब तक गलती करने की स्वतंत्रता न हो तब तक स्वतंत्रता का कोई अर्थ नहीं है | "