ये आज क्यों बेमौसम बरसात हो रही है    जाने किसकी आखें  जुदाई में रो रही हैं

अभी अभी कोई इश्क का तूफान आया है बेमौसम ही बरसात का मौसम आया है

तुमको याद करने के लिए किसी मौसम की जरूरत नहीं  तुम इस दिल से कभी गए ही नहीं

जिंदगी को तेरे नाम कर दिया   हमने  हर मौसम इश्क पर कुर्बान किया

फिर वही बरसात का मौसम आया  फिर मेरी आखों से  बरसात  ले आया

जिंदगी की   कोई शाम ऐसी नहींहोती   जो तेरी यादों की मौसम नहीं  लाती

इस सावन में तुम्हारे साथ भीगना है      सावन की रुत को यादगार बनाना है

जीवन के  हर मोड़ पर    एक मोड़ आया  तुझसे मिलने का मौसम नहीं  आया

बन गए है सब मौसम पतझड़ मेरे लिए  मिलने से सारे रस्ते बंद हो गए मेरे लिए

तुम  तो मौसम कि तरह बदल गए  एक हम हैं तेरा इंतजार करते रह गए

आखों से बरसात का मौसम नहीं थमता  तेरे बिन दिल कहीं नहीं लगता

तू आए न आए  हम  इन्तजार करेंगे  हर मौसम में तेरा इंतजार करेंगे