एक वक़्त था, बातों से दिल नहीं भरता था, अब वही दिल एक बात के लिए तरसता है।
दूरियाँ कुछ इस क़दर बढ़ीं दरमियाँ हमारे, मुद्दत हुई उसकी आवाज़ सुने हुए।
बातें बंद होना, इश्क़ का अंत नहीं होता... पर ये बताता है कि अब ज़रूरतें भी बदल चुकी हैं।
तू बात नहीं करता, पर मेरा दिल अब भी तेरे "last seen" पर रुक जाता है।
तेरे "online" आने पर अब दिल नहीं धड़कता, क्योंकि अब तू "typing..." में भी मेरा नाम नहीं लिखता।