"दिल की फरियादें बिना आवाज़ के सुनाई देती हैं, कभी गहरे अंधेरे में, कभी चांदनी रातों में।"
"आंसू बनकर बहते हैं अरमान, फरियादों का ये कैसा अंजाम।"
"तेरी यादों में जब दिल ने फरियाद की, आंसुओं ने मेरी आंखों से बगावत की।"
"फरियादों की ज़ुबान नहीं होती, पर हर फरियाद में तेरा ही जिक्र है ।"
"फरियादों का वो दर्द भरा गीत, सुन ले अगर तू, मेरा दर्द समझे ।"
"दिल ने फरियाद की तेरी यादों ने उसे किया दिल बेताब ।
"जब फरियादों में असर न रहा, दिल ने मोहब्बत में ही दर्द सहा।