नज़ाकत में छुपी मोहब्बत 💫 जहाँ हर अदा, इश्क़ की जुबान बन जाए...

नज़ाकत तेरी यूँ दिल में उतर जाए, जैसे बारिश में  धूप मुस्कुराए।

तेरी हर मुस्कान में कुछ बात है, नज़ाकत में लिपटी सौगात है।

जिस अदा से तू निगाहें चुराए, वो अदा हमें बेबस कर जाए।

तेरे लबों की खामोशी भी बोलती है, नज़ाकत से मोहब्बत  घोलती  है।

तेरे नक्श में खुदा की कलाकारी है, नज़ाकत से भरी तेरी अदाकारी है।

एक झलक में बस जाए तू दिल में, तेरी नज़ाकत का असर इस कदर है।

लहजा, वो सलीका, वो नज़रें, हर चीज़ में नज़ाकत   है तुझमे

हर अंदाज़ में कुछ खास है, तेरी नज़ाकत ही मेरी प्यास है।

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तेरी खामोशी में भी गुफ़्तगू है, नज़ाकत की  जुबान शब्दों से परे है।

तेरा पलकें झुकाना भी इक फसाना है, नज़ाकत में लिपटी मोहब्बत का तराना है

हर अल्फ़ाज़ में तेरा एहसास है, तेरी नज़ाकत ही मेरी साँस है।