"दर्द की शायरी | दिल की गहराइयों से"

"हर लफ़्ज़, एक टूटा एहसास"

तेरा नाम आज भी दिल की धड़कनों में है, फर्क बस इतना है, अब तू कहीं और है।

मुस्कुराते हैं लोग मेरी तन्हाई पर,  तू भी  भी, खुस है  मेरी हालत पर

दर्द से रिश्ता कुछ ऐसा हो गया, अब  दर्द ही मेरा हमसफर हो गया

जिसे जान से चाहा था, उसी ने जान ले ली मेरी

]कभी किसी को इतना मत चाहो, कि वो तुम्हारा सब कुछ बन जाए।

लोग कहते हैं भूल जा उसे, पर दिल  इजाज़त नहीं देता

जिसे छोड़ा नहीं कभी ख्वाबों में, वो हकीकत में बहुत दूर चला गया।

जो लफ़्ज़ तुझसे कहे न जा सके, वो अब शायरी में दर्दबन उभरते हैं।

तेरे नाम पर अब कलम रुकती नहीं, ये शायरी तेरी अधूरे इश्क की कहानी है

**अब तुझसे शिकायत नहीं कोई, तेरी बेवफाई से प्यार हो गया है।**

**कभी सुना था प्यार जीने की वजह होता है, अब समझ आया – मरने की भी  होता है ।**

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