दर्द ए दिल की कहानी

दर्द ही दर्द है जिंदगी में   जाने क्यों  इतने दर्द हैं जिंदगी में

हमने तुझे चाहा यही खता हमारी थी   तुझसे  जुदा होकर  मौत ही सजा हमारी थी

जाने क्यों  इतने राज छुपाते हैं लोग  चेहरों पर  शराफत का नकाब लगाते हैं लोग

दर्द ए दिल  हम  बताते  किसे    जिसे अपना समझा उसी से जख्म मिले

उसकी बेवफाई ने   मेरा दिल तोड़ा है  बीच सफर में उसने हमको छोड़ा है

मुझे खुद से जयदा उसका ऐतबार था    जाने  क्यों मुझे उस बेवफा से प्यार बेसुमार था

हम तो उसीके थे  मगर वो मेरी न थी      उसने मेरी बेपनाह मोहबत्त की तौहीन की

कभी किसी   भोली सूरत पर ऐतवार मत करना    मर  के भी  किसी बेवफा  से कभी प्यार न करना

रास्ते हम दोनों के जुदा जुदा  से थे  हम तो उसी के थे वो हमारे न थे

अब तू लाख सफाई दे  फर्क नहीं पड़ता  सीसा ए दिल टूटकर  फिर नहीं जुड़ता

Arrow

Read More

बहुत दर्द मिलते हैं मोहबत्त में यहां         सच्चे  दिलवालों की मोहबत्त की कदर नहीं यहां