जाने क्यों इतने राज छुपाते हैं लोग चेहरों पर शराफत का नकाब लगाते हैं लोग
दर्द ए दिल हम बताते किसे जिसे अपना समझा उसी से जख्म मिले
मुझे खुद से जयदा उसका ऐतबार था जाने क्यों मुझे उस बेवफा से प्यार बेसुमार था
हम तो उसीके थे मगर वो मेरी न थी उसने मेरी बेपनाह मोहबत्त की तौहीन की
कभी किसी भोली सूरत पर ऐतवार मत करना मर के भी किसी बेवफा से कभी प्यार न करना
रास्ते हम दोनों के जुदा जुदा से थे हम तो उसी के थे वो हमारे न थे
बहुत दर्द मिलते हैं मोहबत्त में यहां सच्चे दिलवालों की मोहबत्त की कदर नहीं यहां