आज  हिंदी दिवस  है  हिन्दी दिवस प्रत्येक वर्ष 14 सितम्बर को मनाया जाता है। 14 सितम्बर 1949 को संविधान सभा ने यह निर्णय लिया कि हिन्दी केन्द्र सरकार की आधिकारिक भाषा होगी।

जानिए हिंदी के बारे  हमारे जाने माने  विद्वानों के विचार

हिंदी पढ़ना और पढ़ाना हमारा कर्तव्य है। उसे हम सबको अपनाना है।  लाल बहादुर शास्त्री

हिंदी हमारे देश और भाषा की प्रभावशाली विरासत है। माखनलाल चतुर्वेदी

जिस देश को अपनी भाषा और साहित्य के गर्व का अनुभव नहीं है, वह उन्नत नहीं हो सकता। डॉ राजेंद्र प्रसाद

निज भाषा उन्नति अहै, सब उन्नति को मूल। भारतेंदु हरिश्चंद्र

हिंदी द्वारा सारे भारत को एक सूत्र में पिरोया जा सकता है। स्वामी दयानंद सरस्वती

मैं दुनिया की सभी भाषाओं की इज्जत करता हूं, पर मेरे देश में हिंदी की इज्जत न हो, ये मैं सह नहीं सकता। आचार्य विनोबा भावे

मैं दुनिया की सभी भाषाओं की इज्जत करता हूं, पर मेरे देश में हिंदी की इज्जत न हो, ये मैं सह नहीं सकता। आचार्य विनोबा भावे

मैं दुनिया की सभी भाषाओं की इज्जत करता हूं, पर मेरे देश में हिंदी की इज्जत न हो, ये मैं सह नहीं सकता। आचार्य विनोबा भावे

देश के सबसे बड़े भूभाग में बोली जाने वाली हिंदी राष्ट्रभाषा-पद की अधिकारिणी है। सुभाष चंद्र बोस

मैं दुनिया की सभी भाषाओं की इज्जत करता हूं, पर मेरे देश में हिंदी की इज्जत न हो, ये मैं सह नहीं सकता। आचार्य विनोबा भावे

राष्ट्रीय एकता की कड़ी हिंदी ही जोड़ सकती है। बालकृष्ण शर्मा नवीन

मैं दुनिया की सभी भाषाओं की इज्जत करता हूं, पर मेरे देश में हिंदी की इज्जत न हो, ये मैं सह नहीं सकता। आचार्य विनोबा भावे

“हिंदी ही हमारी संस्कृति की सच्ची पहचान है।” – मुंशी प्रेमचंद

मैं दुनिया की सभी भाषाओं की इज्जत करता हूं, पर मेरे देश में हिंदी की इज्जत न हो, ये मैं सह नहीं सकता। आचार्य विनोबा भावे

“हिंदी भाषा नहीं, यह आत्मा है भारतीयता की।” – रामधारी सिंह दिनकर

मैं दुनिया की सभी भाषाओं की इज्जत करता हूं, पर मेरे देश में हिंदी की इज्जत न हो, ये मैं सह नहीं सकता। आचार्य विनोबा भावे

"हमारी नागरी दुनिया की सबसे अधिक वैज्ञानिक लिपि है।" राहुल सांकृत्यायन।