"जिगर में बसी मोहब्बत: एक अधूरी दास्तां"
जिगर में तेरी मोहब्बत है, दिल की हर धड़कन तु है।
तेरी यादों में भीगता रहा, हर रात तुझे सोचकर जागता रहा।
इश्क़ ने जिगर को तेरा बना दिया, तेरे बिना सुकून भुला दिया।
तेरी बातें अब भी जिगर में हैं, तेरे ख्वाब नज़र में हैं।
दिल की हालत अब और ना पूछो, इस इश्क़ में क्या खोया ये न पूछो।
हर धड़कन में तेरा नाम है, इश्क़ अब भी लाजवाब है।