दिल बेहिसाब ख्वाइशे मत पाल हालात से समझौता करने की आदत तो डाल
कभी तो ये ख्वाईशें खत्म हों कभी तो इंसा को सकूनसीब हो
तुम्हें पाने की ख्वाइश में हर तमन्ना छोड़ दी हम तेरा इन्तजार करते रह गए तू कहीं नही
क्यूँ न करे हम तेरी ख्वाइश तू ही तो है मेरी जिन्दगी की फरमाइश
पाकर तुझे लगता है हर ख्वाइश पूरी हो गई मेरे इश्क की दुनियां मुक्कमल हो गई