हसरत है तुमसे इक मुलाकात की और इंतजार है कभी खत्म न होने वाली बात कि
गुजरे हुए वक्त का हर लम्हा याद आरहा है तुझसे मुलाकात का हर लम्हा याद आरहा है
कुछ कहानी अधूरी रह जाती हैं यहाँ जेसे तेरी मेरी मोहबत्त की अदुरी मुलाकात
यादों कि भवर मे खो गए मेरे जज्बात अदुरी रह गई मोहबत्त में मुलाकात
गर हो जाए कभी तुझसे इत्तफाक से मुलाकात पेश करेंगे तुझे खून मे नहाए जज़्बात
जाने कब तुजसे मुलाकात होगी जाने कब पूरी अधूरी बात होगी
ओ मोहब्बत इक मुलाकात अधूरी रह गयी छोड़ गयी इक खलिस इक तड़प बस बेकरारी रह गयी
ये मुलाक़ात भी कितनी जरूरी होती है दो दिलों में आखिर क्यूँ इतनी दुरी होती है
इक मुलाकात को तरसते रह गए मोहबत्त के मारे प्यासे रह गए
होगी कभी मुलाकात तो बताएँगे दर्द दिल का दूर से तो यही कहेंगे अच्छा है हाल
कोई तो ऐसी मुलाकात की रात हो जिसकी रात कभी खत्म न हो