ऋषि पंचमी का पर्व है तप, त्याग और श्रद्धा का प्रतीक यह दिन समर्पित है सप्त ऋषियों की महानता को जिन्होंने जीवन से सिखाया – धर्म, ज्ञान और सेवा का पथ उनकी साधना से ही शुरू हुआ भारत का वैदिक युग
कश्यप ऋषि – सृष्टि के मूल संचालक माने जाते हैं उन्होंने देव, दानव, मनुष्य, पशु और जीव-जंतुओं की रचना की उनका कार्य था सृष्टि में संतुलन बनाए रखना
अत्रि ऋषि – तप और ज्ञान के पुंज उन्होंने ब्रह्मा, विष्णु और महेश के अंश से जन्म लिया
भारद्वाज ऋषि आयुर्वेद, नीति और विज्ञान के ज्ञाता उन्होंने चिकित्सा शास्त्र और विमान शास्त्र पर भी ग्रंथ लिखे
विश्वामित्र ऋषि – राजा से ऋषि बनने की प्रेरणा उन्होंने कठोर तप कर ब्रह्मर्षि पद प्राप्त किया उन्होंने ही गायत्री मंत्र की रचना की – ज्ञान का अमृत
जमदग्नि ऋषि – परशुराम के पिता और तेजस्वी तपस्वी उन्होंने क्रोध को संयम में बदलना सिखाया
वशिष्ठ ऋषि – राम के कुलगुरु और ब्रह्मज्ञानी ऋषि उन्होंने योग, ज्ञान और नीति पर गहन शिक्षा दी
सप्त ऋषियों ने वेदों की रचना और संरक्षण किया
उन्होंने जात-पात से परे होकर समस्त मानवता को शिक्षा दी
ऋषि पंचमी पर हम उन्हीं को स्मरण करते हैं – जिनके कारण धर्म आज भी जीवित है
ऋषि पंचमी की शुभकामनाएं – सप्त ऋषियों के चरणों में कोटि बार नमस्कार