कितना भी छुपाए छिपाए नहीं छुपता खशबू इश्क़ की महकती जरूर है
सम्भल कर रखना कदम इश्क़ की गलियों में बैठे हैं नकाब पहने शरीफों के 💘💘
दर्द से तदप उठते है बेवफाई से तेरी अधूरी रह गई इश्क की कहानी मेरी
अब मोहब्बत क्या होती है उसे भला हम उसे क्या समझाएं उसने जिश्म की चाहत में जाने कितने दिल जलाए