जब से आँख खुली इम्तिहान दे रहे हैं पल पल जिंदगी आजमा रही है
कब तलक लेगी जिंदगी इम्तिहान जाने कब तक रुकेगा मुश्किलों का तूफान
इम्तिहान खत्म नहीं होते जिंदगी के सुकून मिला नहीं मुद्द्त से
अश्कों के समंदर हैं बैचेनी बेहिसाब हर पल ले रहा वक़्त मेरा इम्तिहान
कभी तो मेरा इम्तिहान लेना छोड़ दे जिंदगी कभी तो सुकून के पल दे जिंदगी
न जिंदगी इम्तिहान लेकर थक रही है न मेरे हौसले कम हो रहे हैं
कुछ तो बता जिंदगी तेरे इम्तिहान कितने बाकि हैं तेरा मेरा हिसाब कितना बाकि है
जब से आँख खुली इम्तिहान दे रहे हैं पल पल जिंदगी आजमा रही है
कितने भी कठिन इम्तिहान हो बस तुम सब्र से काम लो
इम्तिहानों का ये मुश्किल डोर भी गुजर जाएगा कभी तो इस दिल को आराम आएगा