दुनियां भर की खुसी मुझे हासिल हो जाती हैं जब जब तेरी नजर मोहबत्त का इजहार करती है
धोखा खा गया दिल मेरा तेरे इजहार से तू फरेबी बेवफा निकला प्यार में
अलफाज लिखूं या ख्वाब लिखूं तेरी अंदाज ए महोंबत्त को क्या कहूं तुम लफ्ज लफ्ज इजहार करते गए हम बर्फ बर्फ बन पिघलते गए
हम दामन छुड़ाएं भी तो गोया किससे रूह तो जन्मों तलक इजहार ए महोबत्त कर गई उनसे
भरी महफ़िल मे वो इजहारे महोंबत्त कर गए महफ़िल मे कई दिवाने उनकी दिवानगी के कायल हो गए