"जब लफ्ज़ कम पड़ जाएं, तब आँखें बोलती हैं.."
तेरी आँखों में कुछ तो बात है, जो लफ्ज़ों में नहीं, सिर्फ एहसास है।
जब तू सामने होता है, तो दुनिया खुद-ब-खुद खूबसूरत लगती है।
तेरी एक नज़र ने वो असर किया, ज़िंदगी भर किसी और का न हो सका।
तेरी बातों में कुछ तो था, जो दिल को छू गया
इश्क़ वो नहीं जो जताया जाए, इश्क़ वो है जो आँखों से बयां हो जाए।
ना तू रहा, ना तेरा एहसास, अब तो तन्हाई ही है मेरे पास।
तेरे बिना अधूरी है जिंदगी, जैसे बिना धड़कन के दिल।
पलकों में छुपे हैं कुछ अधूरे जज़्बात, जो बस तुझसे मिलकर पूरे होने थे।