आँखें शायरी हिंदी

मार डालती है तेरी ये बोलती आखें    दिल  में उत्तर जाती हैं तेरी  आँखें

तेरी आखों  का निशाना   चुका कहाँ   जिसने भी देखी तैरती ऑंखें वो घायल हुआ

यूँ तो  बेहतर मुझे  तैरना आता है   बात जब  इन आखों की हो तो    इनमे डूब जाता हूँ

तेरी आँखों  में छुपा दर्द  पढ़ा है  मैंने  तू  छुपा  लाख  अश्क  नजर आये हैं मुझे

लाख  छिपाए  कोई दर्द  अपना  कमबख्त आँखे बोल देती हैं

हम तो चुप थे  पर ये आखें   सबकुछ  बोल देती है

तुम कुछ  न कहो खामोस रहो  तुम्हारी ाख्ने सब बोलती हैं

लबो  से कुछ हम कह न सके   आखों  में  छुपा दर्द वो बेवफा पढ़ न सके

हमें  तुझसे सिखायत  नही है  तेरी आखों  से  सिखायत  है   जो दीवाना कर देती हैं मुझे

उनसे  कौन  जितिएगा  जनाब  उनकी आखं अक्सर बात कर के  खामोस करदेती हैं

खता दिल ने की सजा   आखों को मिली