हम तो चुप थे पर ये आखें सबकुछ बोल देती है
लबो से कुछ हम कह न सके आखों में छुपा दर्द वो बेवफा पढ़ न सके
हमें तुझसे सिखायत नही है तेरी आखों से सिखायत है जो दीवाना कर देती हैं मुझे
खता दिल ने की सजा आखों को मिली