हर साल 8 सितंबर को अंतर्राष्ट्रीय साक्षरता दिवस मनाया जाता है, जिससे हम शिक्षा और साक्षरता का महत्व समझते हैं।

अंतर्राष्ट्रीय साक्षरता दिवस 1966 में UNESCO द्वारा शुरू किया गया था। यह दिन पहली बार 1967 में मनाया गया।

अंतर्राष्ट्रीय साक्षरता दिवस 1966 में UNESCO द्वारा शुरू किया गया था। यह दिन पहली बार 1967 में मनाया गया।

अंतर्राष्ट्रीय साक्षरता दिवस 1966 में UNESCO द्वारा शुरू किया गया था। यह दिन पहली बार 1967 में मनाया गया।

अफ्रीका में साक्षरता की दर सबसे कम है।

अफ्रीका में साक्षरता की दर सबसे कम है।

अफ्रीका में साक्षरता की दर सबसे कम है।

भारत में 74% लोगों की साक्षरता दर है।

अफ्रीका में साक्षरता की दर सबसे कम है।

शिक्षा न केवल आत्मनिर्भर बनाती है, बल्कि यह समानता, स्वास्थ्य और संवेदनशीलता में भी बदलाव लाती है।

अफ्रीका में साक्षरता की दर सबसे कम है।

साक्षर व्यक्ति समाज में सकारात्मक बदलाव लाता है।

अफ्रीका में साक्षरता की दर सबसे कम है।

जब किसी समाज में साक्षरता का स्तर उच्च होता है, तो उसका असर आर्थिक विकास पर भी पड़ता है।

अफ्रीका में साक्षरता की दर सबसे कम है।

साक्षरता से रोजगार के अवसर बढ़ते हैं, और गरीबी घटती है।

अफ्रीका में साक्षरता की दर सबसे कम है।

दुनिया भर में कई संगठन और सरकारें साक्षरता की स्थिति सुधारने के लिए कार्य कर रही हैं। जैसे UNESCO, World Literacy Foundation, और The Reading Agency।

अधिक पढ़ें

अफ्रीका में साक्षरता की दर सबसे कम है।

साक्षरता का मानसिक स्वास्थ्य से भी गहरा संबंध है। शिक्षित व्यक्ति मानसिक रूप से मजबूत होता है और बेहतर निर्णय ले सकता है।