Rishi Panchami Status |और बधाई संदेश ऋषियों के महान कार्यों पर आधारित 2025–सप्त ऋषियों का संक्षिप्त परिचयऋषि पंचमी उन महान सप्त ऋषियों की स्मृति में मनाया जाता है जिन्होंने न केवल वैदिक ज्ञान को समाज में फैलाया, बल्कि मानवता के मार्गदर्शक बनें। ये सात ऋषि – कश्यप, ऋषि अत्रि, भारद्वाज, विश्वामित्र, गौतम, जमदग्नि और वशिष्ठ – युगों तक भारतीय धर्म, संस्कृति और ज्ञान की नींव बने रहे।कश्यप ऋषि: समस्त जीव-जंतुओं और देवताओं के सृष्टिकर्ता के रूप में विख्यात।अत्रिऋषि:ब्रह्मा, विष्णु, महेश के अंशों से उत्पन्न त्रिदेव स्वरूप के पिता।भारद्वाज ऋषि: आयुर्वेद, विज्ञान, और शिक्षाशास्त्रमहाज्ञानीविश्वामित्र ऋषि: राजर्षि से ब्रह्मर्षि बनने की प्रेरक कथा, जिन्होंने गायत्री मंत्र दिया।गौतम ऋषि: धर्म औरसंयमकेप्रतीक, न्याय और मर्यादा के प्रवर्तक।जमदग्नि ऋषि: परशुराम जी के पिता, तपस्या और क्रोध संयम के प्रतीक।
वशिष्ठ ऋषि: रामायण कालीन महान गुरू, जिनकी बुद्धि और नीति आज भी आदर्श है।
📅 ऋषि पंचमी व्रत क्यों और कब
ऋषि पंचमी का व्रत विशेष रूप से भाद्रपद शुक्ल पक्ष की पंचमी तिथि को किया जाता है। यह व्रत मुख्यतः स्त्रियाँ करती हैं, जिससे उन्हें मासिक धर्म में अनजाने में हुए किसी भी धार्मिक दोष या अशुद्धता से मुक्ति मिलती है। साथ ही यह दिन सभी मानवों के लिए तप, सेवा और आभार व्यक्त करने का भी प्रतीक है।
➡️ वर्ष 2025 में ऋषि पंचमी का पर्व 29 अगस्त शुक्रवार को मनाया जाएगा।
कश्यप ऋषि – सृष्टि के मूल संचालक माने जाते हैं
उन्होंने देव, दानव, मनुष्य, पशु और जीव-जंतुओं की रचना की
अत्रि ऋषि – तप और ज्ञान के पुंज
उन्होंने ब्रह्मा, विष्णु और महेश के अंश से जन्म लिया
उनकी पत्नी थीं माता अनसूया – पतिव्रता का आदर्श
अत्रि ऋषि ने योग, ध्यान और मोक्ष की शिक्षा दी
भारद्वाज ऋषि – आयुर्वेद, नीति और विज्ञान के ज्ञाता
उन्होंने चिकित्सा शास्त्र और विमान शास्त्र पर भी ग्रंथ लिखे
उनका गुरुकुल देश भर में शिक्षा का आदर्श बना
भारद्वाज ऋषि ने कर्म, अध्ययन और सेवा का महत्व बताया
विश्वामित्र ऋषि – राजा से ऋषि बनने की प्रेरणा
उन्होंने कठोर तप कर ब्रह्मर्षि पद प्राप्त किया
उन्होंने ही गायत्री मंत्र की रचना की – ज्ञान का अमृत
विश्वामित्र ने दिखाया – संकल्प से सब कुछ संभव है
गौतम ऋषि –
संयम, मर्यादा और शुद्धि के प्रतीक
उन्होंने “न्याय” और “धर्म” के सिद्धांत समाज को दिए
वशिष्ठ ऋषि –
राम के कुलगुरु और ब्रह्मज्ञानी ऋषि
उन्होंने योग, ज्ञान और नीति पर गहन शिक्षा दी
जमदग्नि ऋषि
परशुराम के पिता और तेजस्वी तपस्वी
उन्होंने क्रोध को संयम में बदलना सिखाया
गाय की रक्षा के लिए उन्होंने आत्मबलिदान दिया
उनकी साधना थी – धर्म की रक्षा, सत्य की सेवा
1
ऋषियों की तपस्या में जो तेज था वो सूर्य से भी अधिक प्रखर था
उन्होंने अंधकार में जलाया वो दीप जो युगों तक अमर था
2
वेदों की वाणी से निकली जो शिक्षा, उस ज्ञान की गूंज अभी भी है
सप्त ऋषियों की महिमा, इस भारत भूमि की आत्मा की तरह अभी भी है
3
त्याग, तप, और सत्य का जो दीप जलाया था सप्त ऋषियों ने
वो दीप आज भी ज्ञान की राह दिखाता है हर मनुष्य को सहज ही
4
धरती पर जब धर्म डगमगाया, तब ऋषियों ने उसे थामा था
मौन रहकर भी उन्होंने सिखाया, जीवन क्या है और क्या कर्म का धामा था
5
ऋषियों के तप से ही उपजा, वेदों का गूढ़ सार
उनकी वाणी ने बताया, मन, वचन और कर्म का सच्चा आकार
6
जिन्होंने जंगलों में जीवन बिताया, तपस्या से जगत को रास्ता दिखाया
उन महात्माओं को शत शत नमन, जिन्होंने हर युग को धर्म सिखाया
7
ऋषि पंचमी का ये पर्व है श्रद्धा, आभार और तप की बात
सात ऋषियों को नमन है, जिनसे रोशन हुई हमारी हर जात
8
जो किसी सम्मान या पद से परे, केवल ज्ञान के लिए जिए
ऐसे ऋषियों को जन्मदिवस पर प्रणाम, जिन्होंने हमें धर्म के अर्थ दिए
9
ऋषियों का जीवन एक आदर्श कथा, जिसमें त्याग और सेवा का पाठ
उनकी स्मृति में यह व्रत है, जो दिलाता है आत्मा को शुद्धि और सच्चा साथ
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ज्ञान, भक्ति और धर्म की राह, सप्त ऋषियों ने दिखलाई
ऋषि पंचमी पर उन्हें सादर प्रणाम, और उनकी जयंती पर शुभकामना भारी
11
जिनकी साधना से जन्मा धर्म का गहन आधार
ऋषियों के चरणों में वंदन हो बारंबार
ऋषि पंचमी के इस पावन अवसर पर
आपको शुभकामनाएं – श्रद्धा से भरा हर विचार
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जो ब्रह्मा के भी निकट थे, जो परम ज्ञान के ज्ञाता थे
ऋषियों ने संसार को वो मार्ग दिखाया जो सच्चे ऋता थे
ऋषि पंचमी की शुभ वेला पर
उनके चरणों में समर्पण के साथ बधाई हो बारंबार
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उनका जीवन था निस्वार्थ, उनका तप था अडिग
उन ऋषियों की साधना से ही हुआ धर्म सुसज्ज
ऋषि पंचमी की शुभकामनाएं, जिनसे सीखें संयम और त्याग
सप्त ऋषियों के अमर चरित्र को करें हम सब नमन आज
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जिन्होंने मौन में भी ग्रंथ रचे, जिनके विचारों से युग बदले
सप्त ऋषियों की उस पवित्र चेतना को कोटि बार प्रणाम मिले
ऋषि पंचमी की हार्दिक शुभकामनाएं
आपका जीवन भी हो तप, सेवा और सत्य से भरा चले
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ध्यान, त्याग, तप और शुद्ध विचार
यही था सप्त ऋषियों का संसार
ऋषि पंचमी के पावन दिन पर
आपको मिले सत्कर्मों की सौगात बारंबार
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जिन्होंने आत्मा को बनाया ब्रह्म के समीप
जिन्होंने ज्ञान दिया, मन किया संकल्प में स्थिर और तीव्र
ऋषि पंचमी की आपको बधाई
आपके जीवन में आए ऋषियों जैसा तेज और करुणा की छाई
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धरा पर जब धर्म डगमगाया, तब ऋषियों ने उठाया उसका भार
उनकी ही शिक्षा से आज भी टिका है सत्यम का संसार
ऋषि पंचमी की पावन शुभकामनाएं
सात ऋषियों के चरणों में समर्पण हो हर बार
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सप्त ऋषियों की गाथा अमर, उनकी वाणी गूंजती आज भी है
उनकी तपस्या, उनका ज्ञान, भारत की आत्मा की आवाज़ भी है
ऋषि पंचमी के इस पुण्य पर्व पर
आपको हार्दिक बधाई और श्रद्धा का आदर
19
ऋषि नहीं केवल तपस्वी थे, वे विचारों के प्रकाश पुंज थे
जिनसे निकली धर्म की धारा, वे युगों तक अनुकरणीय गुण थे
ऋषि पंचमी की बधाई स्वीकार करें
आपका जीवन भी बने एक प्रकाश पथ हर क्षण
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ऋषियों के आदर्शों से ही मिली इस संस्कृति को ऊँचाई
त्याग और तप की परिभाषा है उनकी ये महान छाया
ऋषि पंचमी के इस शुभ दिन पर
आपको मिले सद्विचारों की छाया और जीवन में सफल यात्रा
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ऋषि हमारे पूर्वज थे, जिनकी चेतना थी दिव्य प्रकाश
सत्य के मार्ग पर चले, उनके तप में न था कोई विकार या क्लेश
ऋषि पंचमी की शुभकामना इस व्रत के संग
उनकी याद में करें हम आत्मा का शुद्ध संकल्प हर अंग
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परोपकार के लिए जो तप की आग में जलते थे
संघर्षों के बीच भी सत्य की बातों में चलते थे
ऋषियों की उस साधना को प्रणाम करते हैं बारंबार
ऋषि पंचमी की शुभ बेला पर श्रद्धा से करें उनको नमस्कार
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महान थे सप्त ऋषि, जिनकी साधना से गूंजा संसार
उनके विचार, उनकी तपश्चर्या, बनी ज्ञान का आधार
ऋषि पंचमी पर बधाई हो उस तेजस्विता को
जिसने युगों तक कायम रखा धर्म की ज्योति को
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त्याग ही जिनकी पहचान थी, सादगी ही जिनका श्रृंगार
ऋषियों की वाणी में छुपा था वेदों का सच्चा सार
ऋषि पंचमी के इस पावन पर्व पर
उनके तप को करें वंदन, मिले हमें भी सद्गुण अपार
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उन्होंने अपने सुख को त्याग दिया, जनकल्याण के लिए जिए
हर युग के पथदर्शक बने, धर्म की ज्योति लिए
ऋषि पंचमी की शुभकामनाएं, उस चेतना के नाम
जो अंधकार में बनती रही पीढ़ियों की पहचान
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ऋषियों की वाणी में था ब्रह्म का ज्ञान
उनका जीवन बना धर्म का प्रमाण
ऋषि पंचमी पर स्मरण करें उनकी कृपा
वो मार्गदर्शक आज भी हैं, हर आत्मा की सच्ची संपदा
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ऋषियों की परंपरा सिर्फ पूजन की नहीं
वो तो आत्मा के भीतर जागने वाली कहानी रही
ऋषि पंचमी की इस पवित्र घड़ी में
हम उन्हें श्रद्धा से करें स्मरण, जैसे पवन की नमी में
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जिनका जीवन था मौन तपस्या, बिना किसी चाह के
जिन्होंने समाज को बांधा सत्य की राह के
ऋषि पंचमी की शुभकामनाएं उस तप के बल पर
जो युगों तक देता रहा आत्मा को शक्ति हर अवसर
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ऋषि वो नहीं जो केवल वन में बैठें थे
वो तो विचारों के ऐसे दीपक थे जो अनंत तक जलते थे
ऋषि पंचमी की बधाई हो आपको इस भाव के साथ
कि जीवन में हो संयम, सेवा और सच्ची बात
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ऋषियों की कहानी में तप है, धैर्य है, अनुशासन का रूप
हर शब्द उनका बना मंत्र, हर मौन उनका था गूढ़ अनुकूल
ऋषि पंचमी पर करें उन्हें याद, जिनसे सीखा जीवन का सार
उनके आदर्शों को अपनाकर पाएं सच्चा उद्धार
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ऋषियों ने कभी कुछ मांगा नहीं, केवल दिया संसार को
अपने जप, तप, और ध्यान से सजाया विचारों के द्वार को
ऋषि पंचमी की शुभकामना, उस परंपरा को नमन
जिसने भारत को दिया संयम, श्रद्धा और धर्म में समर्पण
32
जिनके विचारों से बनी वेदों की धारा
जिनकी दृष्टि में छिपा था ब्रह्म का सारा
ऋषि पंचमी की इस पूज्य घड़ी में
करें स्मरण उन सप्त ऋषियों को आदर से हर घड़ी में
33
ऋषियों की थाली में नहीं था सोना
उनके आँगन में केवल था ब्रह्म का कोना
ऋषि पंचमी पर आपको बधाई उस सच्चे त्याग की
जिसने सिखाया मानवता को मर्यादा और आत्म जागृति की
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वो अग्नि में भी शीतलता थे, और मौन में भी उच्चारण
वो तप से बने, वो वाणी से बोले, वही ऋषियों का आचरण
ऋषि पंचमी की हार्दिक शुभकामना
आपके जीवन में हो उसी तेज की भावना
35
ऋषियों ने जीवन के अर्थ को रचा
हर श्लोक, हर उपदेश में अमरता को बुना
ऋषि पंचमी पर उन महापुरुषों को नमस्कार
जिन्होंने बिना दिखावे के सिखाया सत्य का व्यवहार
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ऋषि थे सादे, मगर उनके विचार आकाश से ऊंचे थे
न कोई मंदिर, न कोई शोर, बस आत्मा के भीतर सच्चे थे
ऋषि पंचमी की बधाई हो उनके चरणों में समर्पण के साथ
कि उनकी तपश्चर्या हम सभी को मिले हर एक बात
37
ऋषियों ने धर्म को रचा नहीं, जिया था
उनकी साधना में ही ब्रह्म स्वरूप सिया था
ऋषि पंचमी की शुभकामना उस आशीर्वाद के संग
जो युगों तक देता रहा विचारों को अडिग रंग
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जिसने अपने जीवन को बनाया तप की राह
जिसका हर कर्म बना संपूर्ण जगत की चाह
ऋषि पंचमी पर प्रणाम उस ऋषि परंपरा को
जो हर जन्म को देती रही शुद्धि और दिशा को
39
ऋषि कोई बस ग्रंथों में नहीं, वो जीवन की गति हैं
जो सिखाते हैं मौन में, और होते हैं अंतःकरण की शक्ति
ऋषि पंचमी पर बधाई हो उस दर्शन को
जिसने मानवता को दिया सच्चा प्रकाश और चरित्र को
40
त्याग की मूरत, सेवा का स्रोत
ज्ञान की गंगा, तप का पवित्र बोध
ऋषियों को शत शत नमन इस ऋषि पंचमी पर
जिनकी साधना बनी भारत की आत्मा का स्वर
41
जिन्होंने न ज्ञान को बाँधा, न धर्म को बाँटा
सभी के लिए खुले विचार, यही था उनका संकल्प सच्चा
ऋषि पंचमी की बधाई हो उस प्रकाश को
जिससे जीवन को मिला शांत, स्थिर और सत्य संजो
42
ऋषियों ने कभी शस्त्र नहीं उठाए, लेकिन उनके वचन थे वज्र
उन्होंने केवल सत्य जिया, हर युग में बने धर्म के स्तंभ
ऋषि पंचमी के इस अवसर पर
उनके त्याग को प्रणाम, और आपको शुभकामनाएं बारंबार
43
हर ऋषि की साधना में था ब्रह्मांड का चित्र
उनकी दृष्टि में ही था संतुलन, नियम और चरित्र
ऋषि पंचमी की पावन घड़ी में
उनको याद करें जिनसे शुरू हुई हर धर्म की कड़ी में
44
ऋषि वंश की गाथा है तप, संयम और विवेक
उनके बिना अधूरा था यह देश, अधूरी थी वेदों की रेख
ऋषि पंचमी पर आप सबको शुभकामना हो
कि जीवन में सत्पथ और आत्मज्ञान का संग हो
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सत्य की जो ज्योति जलाए, वो ऋषि ही कहलाते हैं
उनके शब्द अमर हैं, युगों तक राह दिखलाते हैं
ऋषि पंचमी पर सादर नमस्कार
उन महान आत्माओं को, जिनसे रोशन हुआ हर विचार
46
ऋषियों की वाणी न शब्द मात्र थी, वह आत्मा की पुकार थी
वो जहाँ मौन थे, वहाँ भी ब्रह्म का संचार था
ऋषि पंचमी की आपको हार्दिक शुभकामनाएं
उनके ज्ञान से जीवन को बनाएं सरल और सरलतम बुनियादें
47
जिन्होंने न मंदिर माँगा, न माला
सिर्फ साधना, ध्यान और त्याग की बातों से पाला
ऋषि पंचमी पर करें ऐसे संतों को प्रणाम
जिन्होंने जीवन को बनाया तप और धर्म का संग्राम
48
सप्त ऋषि की गाथा में है भारत का आत्मगौरव छिपा
हर ऋषि की दृष्टि में था सच्चा धर्म, न कोई दिखावा, न कोई लिपा
ऋषि पंचमी पर श्रद्धा से करें वंदन
उन महामानवों को जिनसे संस्कार बने चिरंतन
49
ऋषि वही, जो बिना कहे जीवन को दिशा दे
जिनकी तपश्चर्या से पीढ़ियाँ ज्ञान से जुड़ जाएं
ऋषि पंचमी की बधाई हो
आपका मन भी ऋषियों जैसा शांत और पवित्र हो
50
वो पर्वतों की ऊँचाई जैसे थे, पर भीतर से विनम्रता के सागर
वो ऋषि नहीं, युगपुरुष थे – तप के अमिट आगर
ऋषि पंचमी की शुभकामनाएं
उनके आशीर्वाद से हो जीवन में धर्म और प्रकाश की छाया
51
ऋषियों का दर्शन केवल मंत्रों में नहीं था
वो तो हर वृक्ष, हर नदी, हर जीव के भीतर समाया था
ऋषि पंचमी के इस विशिष्ट दिन पर
आपको शुभकामनाएं उस दर्शन को आत्मसात करने के लिए हर क्षण
52
जिनकी साधना से बनी वेदों की भूमि
जिनकी वाणी से आया जीवन में संतुलन और ऋतु की गति
ऋषि पंचमी पर करें हम वो स्मरण
जिनसे जुड़ी हमारी आत्मा, संस्कृति और जन्मजनमांतर की चेतना हर क्षण
53
न कोई सिंहासन, न कोई सिंह गर्जना
बस मौन, और उसी मौन से उत्पन्न ब्रह्म की सृजना
ऋषि पंचमी पर बधाई उस मौन-बलिदान को
जिसने दिया हमें सत्य का अमर वरदान जो
54
सप्त ऋषियों के तेज से ही चमका भारत का अतीत
उनकी ज्ञान-ज्योति से ही मिलती है आत्मा को नीति
ऋषि पंचमी की पावन बधाई हो आपको
आप भी चलें उन्हीं पदचिन्हों पर, हो जीवन में वो ही संतुलन और शांति
55
ऋषि वो जो अंधकार में बने दीप
वो नहीं बोले, पर उनके कर्म बने गीत
ऋषि पंचमी की इस रोशनी में
आपका जीवन भी हो जैसे उनके चिंतन की निशानी में
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जिन्होंने कभी भी उपदेश नहीं माँगा
बस अपने जीवन से ही धर्म का उदाहरण बना डाला
ऋषि पंचमी की हार्दिक शुभकामनाएं
आपके हर दिन में हो सत्य, सेवा और साधना की छाया
57
ऋषियों की तपश्चर्या ही बनी राष्ट्र की नींव
वो थे जैसे नीम का स्वाद — कटु पर कल्याणकारी जीवन के लिए सजीव
ऋषि पंचमी पर सादर बधाई
आपके विचारों में भी हो वही संतुलन, वही सच्चाई
58
ऋषि वो नहीं जो बस पहाड़ों में रहे
वो थे वो जो अपने मौन से युगों को संदेश कहे
ऋषि पंचमी पर करें प्रणाम उस मौन आवाज़ को
जो आज भी सुनाई देती है आत्मा की हर पहचान को
59
ऋषियों के कारण ही बनी थी वेदों की ध्वनि
उनकी साधना से जुड़ी हर धड़कन, हर धुन, हर रश्मि
ऋषि पंचमी की आपको बधाई
उनके आशीष से मन और कर्म दोनों में हो सच्ची परिपक्वता आई
60
जहाँ शब्द रुक जाते हैं, वहाँ ऋषियों की दृष्टि आरंभ होती है
उनकी साधना, उनकी मौन की भाषा ही आत्मा से जुड़ती है
ऋषि पंचमी की हार्दिक शुभकामनाएं
आप भी पाएं जीवन में वह सहजता जो ऋषियों की चेतना से आती है