LETST 50+KHAMOSHI SHAYARI|ख़ामोशी शायरी|Iहेलो फ्रेंड्स आज आपके लिए अपने ब्लॉग में आपके लिए लेटेस्ट 50+ KHAMOSHI SHAYARI लेकर आई हूँ
दोस्तों ख़ामोशी बहुत कुछ कहती है , बस सब की किस्मत में इन ख़ामोशी को पढ़ने वाला नहीं होता इंसान जब खामोस होता है तो खुद से बाते करता है
खुद ही हँसता है खुद ही रो लेता है , यहां तक की खुद ही खुद को चुप करा लेता है , ये खामोसी बेवजह नहीं होती , दिल पर कभी मोहबत्त के जख्म से तो कभी ,अपनों की रुस्वाई से मिलती है , और फिर अगर ये ख़ामोशी किसी शायर को मिले तो लफ्जों में ब्यान करने के लिए ख़ामोशी शायरी , लिखी जाती है , उम्मीद करती हूँ ये मेरी खामोसी पर शायरीआपको जरर पसंद आएंगी इस post में आपके
KHAMOSHI SHAYARI 2LINE IN HINDI
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KHAMOSHI SHAYARI 2LINE IN HINDI
1–
ये खामोशिया मेरी हमदर्द भी है हमसफ़र भी
ख़ामोशी के सिवा साथ मेरा कोई नहीं |
2-
तुम मिलकर भी हमें मिले नहीं खैर जाने दो मुझे कुछ गीले नहीं
मिली हैं मेरे हिस्से में कुछ खामोसी यही होना था यही सह
3-
समझ जाते हैं जो बिन कहे ख़ामोशी की जुबाँ
ए दिल सबका ऐसा नसीब कहाँ
4
माना की बहुत खामोश हूँ मैं
मगर तुझसे बात करने को बहुत बेताब हूँ मैं
5
माना की बहुत खामोश हूँ मैं
मगर तुझसे बात करने को बहुत बेताब हूँ मैं
6-
तुझसे इक गुजारिस है खुदा खामोसी सही नहीं जाती
साँसे भी खामोस हो जाएं तो सकूँन आए
7-
मत पूछ खामोशी का लुफ्त क्या है
दिल जलने का लुफ्त सबसे जुदा है
8–
अश्कों की कहानी कहती है ख़ामोशी
बस ये अश्क नजर में आते नहीं
9–
कुछ इस कदर बढ़ गई तेरे मेरे दरमियान
ना हाल तूने पूछा न खबर हमे जानी
10-
मोहबत्त होती तो इक बात जरूर होती
खामोसी की वजह उसे पता होती
11–
तन्हा की तो बात छोडो हम तो
महफ़िल में भी खामोस रहते हैं
DARD KHAMOSHI
13-
दर्द खामोशी का मौत से कम नहीं
गम ये है मौत आती भी नहीं
इस दर्द को कोई जानता ही नहीं
किसी हाल में दर्द कम होता ही नहीं
14–
दर्द जब हद से गुजर जाता है
इंसा खामोश हो जाता है
किसमत में कौन है यहां
जो खामोसी को पढ़ पाता है
15–
लफ्जों से फर्क नहीं हुआ जिसपर कभी
ख़ामोशी उसे मेरी समझ कैसे आती
वजह तो उसी से है खामोसी की
फिर वो इस दर्द की दवा क्या करता
16–
मेरे खामोश लबों से टपकता लहू
उसको नजर आता क्यों???
ये दर्द भरी खामोसी
सौगात उसी ने दी |||
17-
देख प्यारे ये खामोसी बहुत दर्द देती है
मत रहो यूँ खामोस ये जान लेती है
लफ्ज कुछ जुबान से कहते न बने
लिख के बयान कर तो सही|||
18-
ख़ामोशी की जुबा कोई पढ़ सके
वो हमसफ़र हमे मिला ही नहीं
दर्द तो दे दिए उसने खामोसी के
दवा कोई दे ऐसा कोई मिला ही नहीं |
USAKI KHAMOSHI
19-
मेरा हाल ए दिल सुनके वो खामोश रहा
यूँ समझो की उस पर कुछ असर न हुआ
उसकी ख़ामोशी ने जता दिया
उसने सबकुछ भुला दिया ||
20
उसकी ख़ामोशी मुझे जीने नहीं देती
लफ्ज कुछ कहता तो बात बनती
उसके लफ्ज जैसे शहद घोलती हैं
ये इन्तजार मुझे मरने भी नहीं देती ||
21–
उसका खामोस रहना मुझे जीने नहीं देता
याद जब आती हाँ उसकी बातें दर्द बहुत तड़पाता है||
22-
उसकी ख़ामोशी ने मुझे खामोश कर दिया
उम्र भर का दर्द इनाम दे दिया
23–
उसके मेरे बीच इक रिश्ता ख़ामोशी का रह गया
इन्तजार है कुछ तो बात हो ख़ामोशी टूटे
24–
मंजूर नहीं मुझे उसका यूँ खामोश रहना
मेरे दिल ऐ बेताब को इक मुद्द्त
से इन्तजार है उसके जवाब का||
25-
मुझे उसकी ख़ामोशी की वजह मालूम है
मेरी ख़ामोशी की वजह उसे मालूम नहीं
26–
ये बैचैनी ये तड़प ख़ामोशी
सबकुछ उसकी मोहबत्त की बदौलत मिली
27-
उसकी हर बात ने हमे खामोश कर दिया
हमारी खामोसी ने उसे लाजवाब क्र दिया
28-
उसकी ख़ामोशी कब टूटेगी मालूम नहीं मुझे
किस्मत में शायद यूँ ही इन्तजार है
29-
उसके खामोश लब मेरा ही नाम गुनगुनाते हैं
उसके ख़्वाबों ख्यालों में मेरा जिक्र होता है
कुछ तो उसकी मजबूरी होगी
जिसने उसे खामोस किया कोई तो बात होगी ||

30
उसकी ख़ामोशी मुझे जीने नही देती
उसका इन्तजार मुझे मरने नही देता |
KUCH KAHTI HAIN KHAMOSI
31
कुछ कहती हैं खामोसी सुनो तो सही
हमने वो भी सुन लिया जो अब तक तूने कहा भी नहीं
समझ जाते हैं दिल ख़ामोशी की जुबा
बीएस मोहबत्त की नजर होनी चाहिए |
32-
सुन लेना मेरी ख़ामोशी कभी तन्हाई में
मेरे दर्द का शोर सुनाई दे तो समझना मोहबत्त है तुम्हें
33-
इक तो मेरी ख़ामोशी ने मुझे मार दिया
उस पर ये सितम उसको कब्र तक नहीं
34–
कुछ कहा भी नहीं बात भी हो गयी
किसने कहाँ ख़ामोशी की कोई जुबान नहीं
बहुत कुछ कह देती हैं ख़ामोशी
ध्यान से कभी सुनो तो सही
35-
कुछ कहा भी नहीं बात भी हो गयी
किसने कहाँ ख़ामोशी की कोई जुबान नहीं
बहुत कुछ कह देती हैं ख़ामोशी
ध्यान से कभी सुनो तो सही
35-
उसका खामोस रहना मुझे लाजवाब क्र गया
कुछ कह रही थी ख़ामोशी उसकी जो दिल में समा गया
YE KHAMOSHIYAN ये खामोशियाँ
36–
ये खामोशिया बहुत कुछ कहती हैं
दिल का दर्द जब हद से बढे
इस भरी दुनियां में कोई अपना न लगे
साथ फिर खामोसी रहती है
37–
ये खामोशियाँ बढ़ा रही मेरी दिल की बेकरारी
कितना शोर है भीतर कोई सुनने वाला नहीं||
38–
यूँ ही नहीं बढ़ जाती हैं दिलों की दूरियां
कुछ हालात तो कुछ मजबूरियां
खामोश मत रहो मोहबत्त करने वालो
रिश्ता खामोश करदेती है ये खामोशिया ||
39–
ये खामोशियाँ यूँ ही नहीं है
कुछ तो भीतर टुटा जरुर है ||
40
यूँ ही रहेंगे ता उम्र ये खामोशियाँ
तरस जाओगे लफ्ज सुनने के लिए ||
BAHUT DARD DETI HAIN KHAMOSHI

कुछ तो कहो हाल ए दिल
कुछ सुनो मेरे दिल की
यूँ न तडपाओ खामोस रहके
दर्द देती है ये ख़ामोशी
41–
कुछ तो कहो हाल ए दिल
कुछ सुनो मेरे दिल की
यूँ न तडपाओ खामोस रहके
दर्द देती है ये ख़ामोशी
42
यूँ ही नही कोई खामोश होता है
खामोश होकर चुपचाप रोता है
43-
तूने दुरी यूँ बनाई न होती
जिन्दगी फिर यूँ तन्हा न होती
दर्द बहुत है दिल में अच्छी लगती
है ये ख़ामोशी ||
44-
आखिर कौन सुनता है ख़ामोशी का दर्द
सुना ना नही सकते किसी को अपना दर्द
यहाँ भला कौन है मेरा हमदर्द
सुन सके जो मेरी ख़ामोशी का दर्द|||
45–
उसकी जुदाई ने मुझे खामोश किया
जिसे मैंने अपना कीमती वक्त दिया
आज मेरी ख़ामोशी मुझे रुलाती है
उसकी रुसवाई से खामोसी बढती जाती है||
FAQ
46–
समझने वाले तो ख़ामोशी भी समझ लेते हैं,
न समझने वालों को शोर भी नही सुनाई देताहै ||
47–
किसी को समझो या न समझो
पर इतना करम जरुर करदो
तुम्हारी वजह से कोई खामोस न हो ||
ख़ामोशी ही बेहतर है शायरी
48–
ये ख़ामोशी ही बेहतर है
तेरे लफ्ज मुझे नस्तर की तरह चुभते हैं |||
49-
बेहतर है यूँ ल्हामोश रहूं मैं
मेरे लफ्ज जाया क्यों करूं मैं ?
खामोशी शायरी 2 लाइन Attitude
49-
सुन हम खामोश हैं तो क्या हुआ
इसका मतलब ये नहीं की जुबान नहीं रखत
50-
कुछ नहीं कहने का मतलब गलत न समझ
हमारी ख़ामोशी तूफ़ान न ला दे कहीं
51-
अभी खामोश हैं तो चैन से जीने दे
मेरी ख़ामोशी का शोर सुन न सकोगे ||
मेरी खामोशी को मेरी कमजोरी मत समझना शायरी

मेरी ख़ामोशी को मेरी कमजोरी समझने की भूल मत करना
बता रहे हैं बहुत पछताओगे वरना||||||||||||||||
52–
मेरी ख़ामोशी को मेरी कमजोरी समझने की भूल मत करना
बता रहे हैं बहुत पछताओगे वरना||||||||||||||||
53
मेरी ख़ामोशी जिस दिन टूटेगी
याद रख तुझपर कहर बन के टूटेगी
54–
मेरी ख़ामोशी जिस दिन टूटेगी
याद रख तुझपर कहर बन के टूटेगी
खामोशी पर कविता

खामोश तू भी है खामोश मैं भी हु
कुछ कहना तुझे भी है कुछ कहना मुझे भी
कभी तो इस ख़ामोशी को टूटना होगा
किसी को तो हाल दिल का कहना होगा
बस नहीं चलता मेरा जज्बात पर
यूँ तन्हा होती नहीं जिंदगी बसर
शोर नहीं चाहिए दुनियां का मुझे
इक तेरा साथ मिल जाए हमसफ़र
कुछ कह भी दो दिल का हाल
तेरे लफ्जो की तरनुम का बेसब्री से है इन्तजार
खामोश तू भी है खामोश मैं भी हु
कुछ कहना तुझे भी है कुछ कहना मुझे भी
कभी तो इस ख़ामोशी को टूटना होगा
किसी को तो हाल दिल का कहना होगा
बस नहीं चलता मेरा जज्बात पर
यूँ तन्हा होती नहीं जिंदगी बसर
शोर नहीं चाहिए दुनियां का मुझे
इक तेरा साथ मिल जाए हमसफ़र
कुछ कह भी दो दिल का हाल
तेरे लफ्जो की तरनुम का बेसब्री से है इन्तजार
FAQ
H2: Khamoshi Shayari
1.
जो खामोशी में छुपा था दर्द, वो कह न पाया,
तेरी बेवफ़ाई ने उसे और भी गहरे में दबाया।
2.
खामोशी में बयां था, वो दर्द जो कभी नहीं दिखा,
तेरी हर एक बात से दिल टूटता रहा।
3.
खामोशी ही थी जो सबसे ज्यादा दर्द देती थी,
जब तक तुम पास थे, दिल भी हंसता था।
4.
चुप हो गया हूं, क्योंकि अब मुझे तुझसे कुछ नहीं चाहिए,
मेरे खामोश दिल में बस तेरा ही तो राज था।
5.
तेरी खामोशी ने ही मेरी सारी उम्मीदें तोड़ी,
कभी सोचा था, तुमसे सब कुछ कहूंगा, मगर न कह पाया।
6.
खामोशी में बयां हुआ वो दर्द जो कभी नहीं कहा,
जब तुम पास थे, दिल में बहुत कुछ था।
7.
तेरी खामोशी ने मुझे वो दर्द दिया,
जो शब्दों से नहीं, बस खामोशी से महसूस हुआ।
8.
मेरी खामोशी की वजह तुझसे प्यार नहीं,
बल्कि तुझसे टूटकर चुप रहने का डर है।
9.
वो खामोशी ही थी, जो सबसे ज़्यादा प्यार बयां करती थी,
कभी तुम समझ पाते, तो शायद ये फासला न होता।
10.
वो खामोशी ही तो थी, जो सब कुछ कह देती है,
जो कभी शब्दों में नहीं कहा, वही छुपा होता है दिल में।
H2: Waqt Khamoshi Shayari
11.
वक्त की खामोशी में दिल टूटता चला गया,
हर पल तेरे बिना, दिल और अकेला हो गया।
12.
खामोशी में बिताए गए वो लम्हे, क्या ग़म थे,
वक्त ने दिल को बेवफ़ाई का एहसास दिलाया।
13.
वक्त के साथ खामोशी भी बढ़ती गई,
हर पल ने मेरे दिल को और भी गहरे में डुबो दिया।
14.
जब वक्त खामोश था, मैंने भी कुछ नहीं कहा,
पर तेरी चुप्पी ने मेरी हर बात चुप कर दी।
15.
वक्त की खामोशी अब मुझसे बर्दाश्त नहीं होती,
हर दिन वही दर्द, वही खामोशी लौट आती है।
16.
वक्त की खामोशी को अब सुनकर दिल टूटने लगा है,
कभी लगता था, तू साथ है, अब वो एहसास खो गया है।
17.
खामोशी की इस रात में, दिल की एक गहरी बात है,
तेरे बिना अब जीना बहुत कठिन हो गया है।
18.
वक्त की खामोशी अब मुझे परेशान करने लगी है,
जो कभी तू था, वो अब दूर जाने लगा है।
19.
वक्त की खामोशी में बहुत कुछ छिपा था,
कभी सोचा था, तू पास होगा, अब वो एहसास खो गया है।
20.
वक्त की खामोशी अब दिल के अंदर बैठी है,
जिसे मैं समझ नहीं पा रहा, और तुम खो गए हो।
H2: Rishte Khamoshi Shayari
21.
रिश्तों की खामोशी ने मुझे तोड़ दिया,
तूने अपनी चुप्पी से मुझे खो दिया।
22.
रिश्तों की खामोशी को बयां नहीं किया जा सकता,
इसमें छुपा दर्द कभी किसी से कह नहीं सकते।
23.
रिश्तों में जो खामोशी आई, वो गहरा घाव छोड़ गई,
अब हमारी मुलाकातें सिर्फ यादें बन गईं।
24.
रिश्तों में खामोशी का तो कोई मतलब नहीं होता,
जब दिल की बातें न हो, तो क्या फायदा उस रिश्ते का।
25.
रिश्तों में जब खामोशी छा जाती है,
तो दिल में बसा प्यार भी धीरे-धीरे खो जाता है।
26.
तेरी खामोशी से ही मेरे दिल में फासला बढ़ गया,
रिश्ते तो फिर भी बने रहते हैं, बस प्यार मर गया।
27.
रिश्तों में खामोशी ही थी, जो सबसे ज्यादा दर्द देती है,
जब कोई अपने दिल की बात न कह पाता।
28.
रिश्तों में खामोशी ही थी, जो कभी खत्म नहीं होती,
वो जो दिल में होते हैं, कभी न कहे जा सकते।
29.
रिश्तों में जब खामोशी आती है, तो समझो,
दिल की बातें अब रुक चुकी हैं।
30.
रिश्तों में जो खामोशी आती है, वो कभी खत्म नहीं होती,
वो जो दिल में होते हैं, कभी न कहे जा सकते।
H2: Heart Touching Khamoshi Shayari
31.
दिल में जो दर्द था, वो खामोशी में ढल गया,
अब किसी से कुछ नहीं कहा, बस सब अंदर ही फैल गया।
32.
खामोशी में कह दिया मैंने, वो सब कुछ जो कभी कहा नहीं,
अब मेरे पास दिल की बातों का सन्नाटा है।
33.
खामोशी में वो प्यार था जो कभी समझा नहीं,
तुम ही थे जो दिल से प्यार करते थे, मगर कभी बताया नहीं।
34.
खामोशी की वजह से मैं टूट चुका हूं,
लेकिन फिर भी किसी से कुछ नहीं कह सकता हूं।
35.
खामोशी में बयां किया गया वो दर्द,
जिसे शब्दों से कभी नहीं कहा जा सकता।
36.
खामोशी की इस रात में बहुत कुछ छुपा था,
कभी तुम समझ पाते, तो शायद हम दूर न जाते।
37.
खामोशी के साथ जब दिल टूटता है,
तब कभी कुछ नहीं कह सकते, बस सब कुछ खो जाता है।
38.
खामोशी की इस बर्फ में बहुत कुछ छिपा था,
कभी सामने आकर देखा, तो खुद को ही खो दिया था।
39.
दिल में खामोशी का बड़ा राज़ था,
मगर फिर भी कभी ये कह न पाया, बस अंदर ही अंदर घुट गया।
40.
खामोशी में जो दर्द छुपा था,
वो अब भी दिल में वहीं बसा है, जो कभी कहा नहीं गया।
H2: Khamoshi Shayari in Hindi
41.
खामोशी में बयां हुआ वो दर्द जो कभी नहीं कहा,
जब तुम पास थे, दिल में बहुत कुछ था।
42.
दिल में खामोशी थी, जो बातों में कभी नहीं आ सकी,
तुमसे दूर जाने की वजह, कभी न समझ सकी।
43.
खामोशी में वो प्यार था जो कभी समझा नहीं,
तुम ही थे जो दिल से प्यार करते थे, मगर कभी बताया नहीं।
44.
खामोशी की इस रात में, दिल की एक गहरी बात है,
तेरे बिना अब जीना बहुत कठिन हो गया है।
45.
खामोशी में वो दर्द था जो कभी शब्दों में नहीं कहा,
मगर वो अब भी दिल में गूंजता है।
H2: Dard Khamoshi Shayari
46.
खामोशी में जो दर्द छिपा था,
वो दिल में भी हमेशा रहेगा, कभी न जाने वाला।
47.
जब दिल टूट जाए, खामोशी सबसे बड़ा दर्द होती है,
सिर्फ शब्द नहीं, खामोशी ही सब कुछ बयान करती है।
48.
दर्द का एहसास खामोशी में ही छिपा होता है,
जब दिल टूटता है, तब यही खामोशी सब कुछ बयां करती है।
49.
दर्द का असली रूप खामोशी में छिपा होता है,
जो कभी किसी से नहीं कहा जाता, वही दर्द सबसे ज्यादा होता है।
50.
खामोशी में दर्द था, जो कभी कह न पाया,
अब वो सब कुछ जो दिल में था, वो खो गया।
H2: Meri Khamoshi Shayari
51.
मेरी खामोशी में भी बहुत कुछ छुपा है,
जो कभी मैंने तुम्हें नहीं कहा, वो दर्द अब गहरा है।
52.
मेरी खामोशी के पीछे तुमसे बिछड़ने का ग़म है,
जिसे तुम कभी समझ नहीं पाए, वो सिर्फ मेरा अकेलापन है।
53.
मुझे तुमसे कुछ कहने का मौका कभी नहीं मिला,
लेकिन मेरी खामोशी ने सब कुछ बयां कर दिया।
54.
खामोशी में छुपा वो दर्द क्या समझेगा कोई,
जो दिल से कहा गया था, वो अब खामोशी में खो गया है।
55.
मुझे खामोश देख कर समझे कि सब ठीक है,
लेकिन दिल में वो ग़म है, जो कभी कहा नहीं गया।
H2: Khamoshi Shayari (contd.)
56.
मुझे खामोश देख कर ये मत समझो, सब कुछ सही है,
दिल में जो दर्द है, वो कभी तुम्हें बताया नहीं।
57.
खामोशी में वो दर्द था, जिसे शब्दों से नहीं कहा जा सकता,
जब दिल टूटा, तो चुप हो गया, सब कुछ खो सा गया।
58.
खामोशी में जो बातें छुपी हैं, वो किसी से कह नहीं सकता,
बस तुझसे बिछड़ने का ग़म, अब दिल में दबा नहीं सकता।
59.
मेरी खामोशी का राज़ सिर्फ मुझे पता है,
जो दिल में था, वो सब तुमसे कभी कहा नहीं गया।
60.
खामोशी में सब कुछ कह दिया, बिना एक शब्द बोले,
अब मेरी यादें तुम्हारे पास हैं, पर मेरी बातें खो गईं।
H2: Waqt Khamoshi Shayari (contd.)
61.
वक्त की खामोशी ने मुझसे सब कुछ छीन लिया,
जो कभी था, वो अब बस यादें बन कर रह गया।
62.
वक्त के साथ दिल का दर्द भी बढ़ गया,
खामोशी में तुझे खोकर, अकेलेपन से मैं डर गया।
63.
वक्त की खामोशी ने मुझे समझाया,
कि कभी किसी से दिल से जुड़ना, फिर टूटने का एहसास देना।
64.
खामोशी के साथ बिताए गए वो दिन,
आज भी मेरी यादों में उसी तरह दर्द दे जाते हैं।
65.
वक्त की खामोशी में, मुझे अब कुछ नहीं मिला,
जो एक समय था, अब वो हर पल टूटा हुआ सा लगा।
H2: Rishte Khamoshi Shayari (contd.)
66.
रिश्तों में जब खामोशी आ जाती है,
तब सब कुछ खत्म सा हो जाता है, दिल भी सर्द सा हो जाता है।
67.
रिश्तों में जो खामोशी आई, वो गहरी दरार बन गई,
जो कभी तुम थे, अब वो सब सिरे से टूट गई।
68.
रिश्तों में खामोशी ने वो दर्द दिया,
जिसका इलाज शायद किसी शब्द से नहीं हो सकता।
69.
रिश्तों में खामोशी की वजह से दिल टूट गया,
तुमसे बात करने की कोशिश की, पर तुमने सुनने का वक्त ही नहीं दिया।
70.
रिश्तों में जब खामोशी आ जाती है,
तब हम शब्दों से ज्यादा दिल की बातें खो देते हैं।
H2: Heart Touching Khamoshi Shayari (contd.)
71.
खामोशी में जो दर्द था, वो अब शब्दों में नहीं समाता,
जब दिल टूटा, तो सब कुछ चुपचाप ढलकर खत्म हो गया।
72.
मेरी खामोशी का मतलब यही था,
कि मैं टूट चुका हूं, लेकिन फिर भी तुझसे कुछ नहीं कह सकता।
73.
खामोशी में जो बात छुपी थी, अब वो दिल में घाव बन गई,
तुमने वो ग़म दिया, जो शब्दों में नहीं बयां किया जा सकता।
74.
खामोशी में दर्द छुपा था, जिसे कभी किसी से नहीं कहा,
लेकिन अब वो अंदर का दर्द और भी बढ़ गया है।
75.
खामोशी में वो प्यार था, जो कभी न कह पाया,
अब वही प्यार बस चुपचाप मेरी यादों में रह गया है।
H2: Dard Khamoshi Shayari (contd.)
76.
दर्द और खामोशी, दोनों का गहरा रिश्ता है,
जैसे खामोशी में दर्द छुपा होता है, वैसे दर्द भी कभी पूरी तरह बयां नहीं हो पाता।
77.
दर्द का असली एहसास खामोशी में छुपा होता है,
जो कभी शब्दों से नहीं निकलता, वही सबसे ज्यादा दिल में चुभता है।
78.
खामोशी में जो दर्द छुपा था,
वो कभी सामने आकर कह नहीं सका, बस अंदर ही बढ़ता गया।
79.
दर्द जब दिल में गहरे घुस जाता है,
तो खामोशी उसे सबसे बेहतरीन तरीके से बयां कर देती है।
80.
खामोशी से जरा सा फासला बढ़ा,
दर्द ने हमें महसूस कराया कि एक दिन हमें एक-दूसरे से दूर हो जाना था।
H2: Meri Khamoshi Shayari (contd.)
81.
मेरी खामोशी में जो तुम नहीं समझ पाए,
वो प्यार अब सिर्फ यादों में रह गया।
82.
मेरी खामोशी में सब कुछ था, जो कभी तुमसे कह न सका,
आज वही चुप्पी मेरे दर्द को बढ़ा देती है।
83.
खामोशी में दिल की बातों को छुपा लिया था,
पर क्या तुम कभी समझ पाए, दिल का टूटना कितना दर्द देता है?
84.
मेरी खामोशी में मेरा दर्द छुपा है,
जिसे तुम कभी नहीं समझ पाए, लेकिन वो अब अंदर ही अंदर बहा है।
85.
मेरी खामोशी में प्यार था, लेकिन अब वो सब खत्म हो चुका है,
जो कभी तुम थे, अब तुम किसी और के पास हो।