LETST 50+KHAMOSHI SHAYARI|ख़ामोशी शायरी|Iहेलो फ्रेंड्स आज आपके लिए अपने ब्लॉग में आपके लिए लेटेस्ट 50+ KHAMOSHI SHAYARI लेकर आई हूँ
दोस्तों ख़ामोशी बहुत कुछ कहती है , बस सब की किस्मत में इन ख़ामोशी को पढ़ने वाला नहीं होता इंसान जब खामोस होता है तो खुद से बाते करता है
खुद ही हँसता है खुद ही रो लेता है , यहां तक की खुद ही खुद को चुप करा लेता है , ये खामोसी बेवजह नहीं होती , दिल पर कभी मोहबत्त के जख्म से तो कभी ,अपनों की रुस्वाई से मिलती है , और फिर अगर ये ख़ामोशी किसी शायर को मिले तो लफ्जों में ब्यान करने के लिए ख़ामोशी शायरी , लिखी जाती है , उम्मीद करती हूँ ये मेरी खामोसी पर शायरीआपको जरर पसंद आएंगी इस post में आपके
KHAMOSHI SHAYARI 2LINE IN HINDI
DARD KHAMOSHI
USAKI KHAMOSHI
KUCH KAHTI HAIN KHAMOSI
YE KHAMOSHIYAN
BAHUT DARD DETI HAIN KHAMOSHI
-FAQ लेकर आई हूँ आपको जरुर पसंद आएंगीं
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LETST 50+KHAMOSHI SHAYARI|ख़ामोशी शायरी|
1–KHAMOSHI SHAYARI 2LINE IN HINDI
1–
ये खामोशिया मेरी हमदर्द भी है हमसफ़र भी
ख़ामोशी के सिवा साथ मेरा कोई नहीं |
2-
तुम मिलकर भी हमें मिले नहीं खैर जाने दो मुझे कुछ गीले नहीं
मिली हैं मेरे हिस्से में कुछ खामोसी यही होना था यही सह
3-
समझ जाते हैं जो बिन कहे ख़ामोशी की जुबाँ
ए दिल सबका ऐसा नसीब कहाँ
4–
जाने ये खामोसी खत्म होगी की नहीं
उनसे बात करने का कोई जरिया ही नहीं
5
माना की बहुत खामोश हूँ मैं
मगर तुझसे बात करने को बहुत बेताब हूँ मैं
6-
तुझसे इक गुजारिस है खुदा खामोसी सही नहीं जाती
साँसे भी खामोस हो जाएं तो सकूँन आए
7-
मत पूछ खामोशी का लुफ्त क्या है
दिल जलने का लुफ्त सबसे जुदा है
8–
अश्कों की कहानी कहती है ख़ामोशी
बस ये अश्क नजर में आते नहीं
9–
कुछ इस कदर बढ़ गई तेरे मेरे दरमियान
ना हाल तूने पूछा न खबर हमे जानी
10-
मोहबत्त होती तो इक बात जरूर होती
खामोसी की वजह उसे पता होती
11–
तन्हा की तो बात छोडो हम तो
महफ़िल में भी खामोस रहते हैं
DARD KHAMOSHI
13-
दर्द खामोशी का मौत से कम नहीं
गम ये है मौत आती भी नहीं
इस दर्द को कोई जानता ही नहीं
किसी हाल में दर्द कम होता ही नहीं
14–
दर्द जब हद से गुजर जाता है
इंसा खामोश हो जाता है
किसमत में कौन है यहां
जो खामोसी को पढ़ पाता है
15–
लफ्जों से फर्क नहीं हुआ जिसपर कभी
ख़ामोशी उसे मेरी समझ कैसे आती
वजह तो उसी से है खामोसी की
फिर वो इस दर्द की दवा क्या करता
16–
मेरे खामोश लबों से टपकता लहू
उसको नजर आता क्यों???
ये दर्द भरी खामोसी
सौगात उसी ने दी |||
17-
देख प्यारे ये खामोसी बहुत दर्द देती है
मत रहो यूँ खामोस ये जान लेती है
लफ्ज कुछ जुबान से कहते न बने
लिख के बयान कर तो सही|||
18-
ख़ामोशी की जुबा कोई पढ़ सके
वो हमसफ़र हमे मिला ही नहीं
दर्द तो दे दिए उसने खामोसी के
दवा कोई दे ऐसा कोई मिला ही नहीं |
USAKI KHAMOSHI
19-
मेरा हाल ए दिल सुनके वो खामोश रहा
यूँ समझो की उस पर कुछ असर न हुआ
उसकी ख़ामोशी ने जता दिया
उसने सबकुछ भुला दिया ||
20
उसकी ख़ामोशी मुझे जीने नहीं देती
लफ्ज कुछ कहता तो बात बनती
उसके लफ्ज जैसे शहद घोलती हैं
ये इन्तजार मुझे मरने भी नहीं देती ||
21–
उसका खामोस रहना मुझे जीने नहीं देता
याद जब आती हाँ उसकी बातें दर्द बहुत तड़पाता है||
22-
उसकी ख़ामोशी ने मुझे खामोश कर दिया
उम्र भर का दर्द इनाम दे दिया
23–
उसके मेरे बीच इक रिश्ता ख़ामोशी का रह गया
इन्तजार है कुछ तो बात हो ख़ामोशी टूटे
24–
मंजूर नहीं मुझे उसका यूँ खामोश रहना
मेरे दिल ऐ बेताब को इक मुद्द्त
से इन्तजार है उसके जवाब का||
25-
मुझे उसकी ख़ामोशी की वजह मालूम है
मेरी ख़ामोशी की वजह उसे मालूम नहीं
26–
ये बैचैनी ये तड़प ख़ामोशी
सबकुछ उसकी मोहबत्त की बदौलत मिली
27-
उसकी हर बात ने हमे खामोश कर दिया
हमारी खामोसी ने उसे लाजवाब क्र दिया
28-
उसकी ख़ामोशी कब टूटेगी मालूम नहीं मुझे
किस्मत में शायद यूँ ही इन्तजार है
29-
उसके खामोश लब मेरा ही नाम गुनगुनाते हैं
उसके ख़्वाबों ख्यालों में मेरा जिक्र होता है
कुछ तो उसकी मजबूरी होगी
जिसने उसे खामोस किया कोई तो बात होगी ||
30
उसकी ख़ामोशी मुझे जीने नही देती
उसका इन्तजार मुझे मरने नही देता |
KUCH KAHTI HAIN KHAMOSI
31
कुछ कहती हैं खामोसी सुनो तो सही
हमने वो भी सुन लिया जो अब तक तूने कहा भी नहीं
समझ जाते हैं दिल ख़ामोशी की जुबा
बीएस मोहबत्त की नजर होनी चाहिए |
32-
सुन लेना मेरी ख़ामोशी कभी तन्हाई में
मेरे दर्द का शोर सुनाई दे तो समझना मोहबत्त है तुम्हें
33-
इक तो मेरी ख़ामोशी ने मुझे मार दिया
उस पर ये सितम उसको कब्र तक नहीं
34–
कुछ कहा भी नहीं बात भी हो गयी
किसने कहाँ ख़ामोशी की कोई जुबान नहीं
बहुत कुछ कह देती हैं ख़ामोशी
ध्यान से कभी सुनो तो सही
35-
कुछ कहा भी नहीं बात भी हो गयी
किसने कहाँ ख़ामोशी की कोई जुबान नहीं
बहुत कुछ कह देती हैं ख़ामोशी
ध्यान से कभी सुनो तो सही
35-
उसका खामोस रहना मुझे लाजवाब क्र गया
कुछ कह रही थी ख़ामोशी उसकी जो दिल में समा गया
YE KHAMOSHIYAN ये खामोशियाँ
36–
ये खामोशिया बहुत कुछ कहती हैं
दिल का दर्द जब हद से बढे
इस भरी दुनियां में कोई अपना न लगे
साथ फिर खामोसी रहती है
37–
ये खामोशियाँ बढ़ा रही मेरी दिल की बेकरारी
कितना शोर है भीतर कोई सुनने वाला नहीं||
38–
यूँ ही नहीं बढ़ जाती हैं दिलों की दूरियां
कुछ हालात तो कुछ मजबूरियां
खामोश मत रहो मोहबत्त करने वालो
रिश्ता खामोश करदेती है ये खामोशिया ||
39–
ये खामोशियाँ यूँ ही नहीं है
कुछ तो भीतर टुटा जरुर है ||
40
यूँ ही रहेंगे ता उम्र ये खामोशियाँ
तरस जाओगे लफ्ज सुनने के लिए ||
BAHUT DARD DETI HAIN KHAMOSHI
कुछ तो कहो हाल ए दिल
कुछ सुनो मेरे दिल की
यूँ न तडपाओ खामोस रहके
दर्द देती है ये ख़ामोशी
41–
कुछ तो कहो हाल ए दिल
कुछ सुनो मेरे दिल की
यूँ न तडपाओ खामोस रहके
दर्द देती है ये ख़ामोशी
42
यूँ ही नही कोई खामोश होता है
खामोश होकर चुपचाप रोता है
43-
–
तूने दुरी यूँ बनाई न होती
जिन्दगी फिर यूँ तन्हा न होती
दर्द बहुत है दिल में अच्छी लगती
है ये ख़ामोशी ||
44-
आखिर कौन सुनता है ख़ामोशी का दर्द
सुना ना नही सकते किसी को अपना दर्द
यहाँ भला कौन है मेरा हमदर्द
सुन सके जो मेरी ख़ामोशी का दर्द|||
45–
उसकी जुदाई ने मुझे खामोश किया
जिसे मैंने अपना कीमती वक्त दिया
आज मेरी ख़ामोशी मुझे रुलाती है
उसकी रुसवाई से खामोसी बढती जाती है||
FAQ
46–
समझने वाले तो ख़ामोशी भी समझ लेते हैं,
न समझने वालों को शोर भी नही सुनाई देताहै ||
47–
किसी को समझो या न समझो
पर इतना करम जरुर करदो
तुम्हारी वजह से कोई खामोस न हो ||
ख़ामोशी ही बेहतर है शायरी
48–
ये ख़ामोशी ही बेहतर है
तेरे लफ्ज मुझे नस्तर की तरह चुभते हैं |||
49-
बेहतर है यूँ ल्हामोश रहूं मैं
मेरे लफ्ज जाया क्यों करूं मैं ?
खामोशी शायरी 2 लाइन Attitude
49-
सुन हम खामोश हैं तो क्या हुआ
इसका मतलब ये नहीं की जुबान नहीं रखत
50-
कुछ नहीं कहने का मतलब गलत न समझ
हमारी ख़ामोशी तूफ़ान न ला दे कहीं
51-
अभी खामोश हैं तो चैन से जीने दे
मेरी ख़ामोशी का शोर सुन न सकोगे ||
मेरी खामोशी को मेरी कमजोरी मत समझना शायरी
मेरी ख़ामोशी को मेरी कमजोरी समझने की भूल मत करना
बता रहे हैं बहुत पछताओगे वरना||||||||||||||||
52–
मेरी ख़ामोशी को मेरी कमजोरी समझने की भूल मत करना
बता रहे हैं बहुत पछताओगे वरना||||||||||||||||
53
मेरी ख़ामोशी जिस दिन टूटेगी
याद रख तुझपर कहर बन के टूटेगी
54–
मेरी ख़ामोशी जिस दिन टूटेगी
याद रख तुझपर कहर बन के टूटेगी
खामोशी पर कविता
खामोश तू भी है खामोश मैं भी हु
कुछ कहना तुझे भी है कुछ कहना मुझे भी
कभी तो इस ख़ामोशी को टूटना होगा
किसी को तो हाल दिल का कहना होगा
बस नहीं चलता मेरा जज्बात पर
यूँ तन्हा होती नहीं जिंदगी बसर
शोर नहीं चाहिए दुनियां का मुझे
इक तेरा साथ मिल जाए हमसफ़र
कुछ कह भी दो दिल का हाल
तेरे लफ्जो की तरनुम का बेसब्री से है इन्तजार
खामोश तू भी है खामोश मैं भी हु
कुछ कहना तुझे भी है कुछ कहना मुझे भी
कभी तो इस ख़ामोशी को टूटना होगा
किसी को तो हाल दिल का कहना होगा
बस नहीं चलता मेरा जज्बात पर
यूँ तन्हा होती नहीं जिंदगी बसर
शोर नहीं चाहिए दुनियां का मुझे
इक तेरा साथ मिल जाए हमसफ़र
कुछ कह भी दो दिल का हाल
तेरे लफ्जो की तरनुम का बेसब्री से है इन्तजार