BARISH SHAYARI IN HINDI 2 LINE|BARISH SHAYARI LOVE-आज आपके लिए BARISH SHAYARI IN HINDI 2LINE लेकर आई हूँ दोस्तों प्यार होऔर प्यार भरे दिलों में बारिश की जिक्र न हो भला
एसा कभी हो सकता है प्यार करने वालों को अक्सर बरसात मे अपने हमसफ़र की याद तड़फाने लगती है जैसे बारिस की बूदों से धरती की प्यास बुझाए नहीं बुझती ऐसे ही दो प्यार करने वाले दिलों की प्यास भी बुझाए नहीं बुझती फिर बारिस में तो ये जुदाई का दर्द बढ़ जाता है प्रस्तुत हैं कुछ बारिश पर शायरी आपका भी कोई आपको इन बरसात शायरी को पढ़ कर जरूर याद आएगा
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BARISH SHAYARI IN HINDI 2 LINE|
BARISH SHAYARI LOVE
सावन बारिश शायरी
BARISH SHAYARI IN HINDI 2 LINE|BARISH SHAYARI LOVE
1– अबकी बारिश बड़ी जोरों से बरशी है
शायद धरती भी घटा को तरसी है
2–
कभी आना तुम शावन की बारिश में
दिखाऊँ तुझे है कितनी आग मेरे सीने में
3–
ए बारिश तू तो कभी कभी बरसती है
पूछ इन आँखों से जो दिन रात बरसती हैं
4-
आता है कुछ याद ऐसे ही बारिश में तेरा छोड़ के जाना
बरसती बारिश में मुझको रुला जाना
5–
याद फिर आया है मुझे वो गुजरा जमाना
कहते थे बड़ा अच्छा लगता है तेरे संग बारिश मे भीग जाना
6-
तुम मेरी आँखों को ये कैसी सौगात दे गए हो
कभी खत्म न हो वो बरसात दे गए हो
7–
बारिश की रिमझिम सारी रात बरसती रही
मेरी आँखें भी बारिश के साथ बरसती रहीं
8–
ए शावनतेरा बरसना सबको दीखता है
चुपचाप बरसती हैं मेरी आँखें किसी को नहीं दीखता
9-
घटा बारिश की बहुत तड़फाती है
बारिश के फुहारों में हमे तेरी याद आती है
10-
बारिश के मॉसम मे तुम याद बहुत आते हो
क्या तुम भी हमको याद कर आँसों बहाते हो
BARISH SHAYARI LOVE
11–
आती है बारिश बरस के चले जाती है
एक तेरी यादों की बारिश है कभी नहीं जाती
12–
क्या तुम घटाओं को कोई पैगाम देते हो
क्या तुम भी मेरी तरह उदास रहते हो
13-
मुझे अक्सर गुजरा जमाना याद आता है
बारिश में भीगते हुए वो मुलाक़ात आती है
घिरी जब भी घटाएं तुम याद आते हो
तुमसे बिछड़ने कीआखरी रात याद आती है
14-
बता ऐ बारिश तूने क्यों इश्क किया
इतना बरसती हो किसने इतना दर्द दिया
16-
बहुत अच्छी लगती है ये बरसात
संग इसके मिलते हैं मेरे जज्बात
रो लेते हें हम इसके साथ
17-
यूँ बरसी हैं बूदें की मन आज बस में नही
✔✔इन बारिस की बूदों की तरह
😭अश्क मेरे थमते नही💔💔
18-
सावन की रुत में इक हूक सी दिल में उठ गयी
एक चमकती दामनी सी फिर दिल पर गिर गयी
19–
बरसती बारिस में भीग कर भी
मन की जलन बुझती नही
क्यों आग सी लगती हैं बूदें
तन पर क्यों ये अगन बुझती नही
20–
जब जब ये बारिश आती है
आँखे मेरी बरबस बरस जाती हैं
21-
हमतुम हों और ये बरसात हो
बरसती बूदों से भीगे जज्बात हों
सावन बारिश शायरी
22-
देखो ये सावन फिर आया
तन मन मेरा भिगो गया
यादों में जिसकी भीगी हैं पलकें
इक वो हरजाई न आया
23-
सावन की बूदूँ से प्यास नहीं बुझती
दिल मे दर्द हो लब पर मुस्कान नहीं सजती
24–
रिमझिम की फुहारोंमे
फिर भीगी पलकें तेरी यादों
काश तुम आजाओ
एसी वरसातों मे
25–
देखो ये सावन फिर आया
फिर तुझसे बिछड़े इक जमाना बीत गया
26
कह दो कोई इस सावन से
जब तू आए उसको भी साथ आए ले
27-
जब जब सावन की रिमझिम घटा घिर आएं
जाने क्यूँ मेरा मन को तड़पा जाएं
28–
सावन की रिमझिम फुहारों ने भिगोया
मुझको तेरी यादों ने भिगोया
बिरहा का दर्द और बरसता सावन
मत पूछ ये दिल कितना रोया
28-
ये सावन है बारिस है
दर्द है तड़प है
कुछ बीती हुई यादें
बस इक तू नहीं है
29-
तुझसे बिछड़े कई सावन बीत गए
आज न जाने याद तेरी तन मेरा भिगो गए
30–
रिमझिम सावन की फुहार हो
इक तुम और मैं हों साथ येबरसात हो
31-
किसने कहा की न आग बारिश से बुझती है
बरसते सावन में ये आग और जलती है
reed more –लेटेस्टआँखें शायरी हिंदी में
इस सावन की बरसती बूंदो के साथ
होने लगी यादों की बरसात