विश्व जनसंख्या दिवस स्लोगन उद्धरण 2024

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विश्व जनसंख्या दिवस स्लोगन उद्धरण 2024 हेल्लो दोस्तों आज हम जनसंख्या नियन्त्रण पर कुछ उद्द्र्ण और लेख लाए हैं उम्मीद है आपको जरूर पसंद आएगी विश्व जनसंख्या दिवस पर निबंध हिंदी मेंमुख्य बिन्दु — प्रस्तावना , जनसंख्या विस्फोट,जनसंख्या बढ़ोतरी के मुख्य कारण , जनसंख्या बढ़ोतरी के से उत्पन्न समस्या जनसंख्या सेेसमस्या का समाधान ,

विश्व जनसंख्या दिवस स्लोगन उद्धरण 2024
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विश्व जनसंख्या दिवस क्यों मनाया जाता है
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विश्व जनसंख्या दिवस कब है
विश्व जनसंख्या दिवस पोस्टर
विश्व जनसंख्या दिवस 2024 की थीम

विश्व जनसंख्या दिवस स्लोगन उद्धरण 2024

विश्व जनसंख्या दिवस स्लोगन उद्धरण 2024

1

बढती जनसंख्या का भार कम करो देश विश्व का जीवन स्तर सुधारों
badhatee janasankhya ka bhaar kam karo desh vishv ka jeevan star sudhaaron

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बढ़ती ज्संख्या से पृथ्वी पर भार बढ़ रहा है धीरे धीरे पर्यावरण नष्ट हो रहा है
badhatee jsankhya se prthvee par bhaar badh raha hai dheere dheere paryaavaran nasht ho raha hai

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तुम जानवर नहीं मनुष्य हो क्यों अपनी ावादी बढ़ाने केलिए बैचैन हो ???
tum jaanavar nahin manushy ho kyon apanee aavaadee badhaane kelie baichain ho ???

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ज्ञान का प्रकाश फैलाओ रूढ़िवाद से मुक्ति पाओ जनसख्या का बोझ घटाओ
gyaan ka prakaash phailao roodhivaad se mukti pao janasakhya ka bojh ghatao

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सिर्फ बच्चे पैदा करने और भोगने को यह जीवन नहीं मिला है कुछ ऊंचा और बेहतर को यह जीवन मिला है
sirph bachche paida karane aur bhogane ko yah jeevan nahin mila hai kuchh ooncha aur behatar ko yah jeevan mila hai

6

बढ़ती जनसंख्या हमारे विकास और प्रकृति के लिए एक अभिशाप है
badhatee janasankhya hamaare vikaas aur prakrti ke lie ek abhishaap hai

7-

जनसंख्या के बढ़ते भर से धरती पर भार बढ़ रहा है मानव विनास की राह चल रहा है
janasankhya ke badhate bhar se dharatee par bhaar badh raha hai maanav vinaas kee raah chal raha hai

8-

बढ़ती आवादी यानी धरती और मानव जाती की बर्बादी
badhatee aavaadee yaanee dharatee aur maanav jaatee kee barbaadee

9-

जन जन में जाग्रति लाएं जनसंख्या विस्पोट घटाएं .
jan jan mein jaagrati laen janasankhya vispot ghataen .

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कम उम्र में शादी रोको जनसख्या बढ़ने से रोको
kam umr mein shaadee roko janasakhya badhane se ro

11

लिंग के आधार पर सन्तान की उत्त्पति रोको बढती जनसंख्या का विस्पोट रोको
ling ke aadhaar par santaan kee uttpati roko badhatee janasankhya ka vispot roko

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सभी समस्याओं का एक ही समाधान जनसंख्या नामक रोग का हो तुरंत निदान

sabhee samasyaon ka ek hee samaadhaan janasankhya naamak rog ka ho turant nidaan

विश्व जनसंख्या दिवस पर विभिन्न हस्तियों के विचार व उद्धरण

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“मैं जैविक सर्वनाश में विश्वास नहीं करता, लेकिन मुझे लगता है कि मानव आबादी के बढ़ने के साथ ही आगे तूफानी जैविक मौसम आने वाला है।” – रिचर्ड प्रेस्टन
“main jaivik sarvanaash mein vishvaas nahin karata, lekin mujhe lagata hai ki maanav aabaadee ke badhane ke saath hee aage toophaanee jaivik mausam aane vaala hai.” – richard presta
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“हमारे पर्यावरण और संसाधनों का विनाश तब तक नहीं रोका जा सकता जब तक कि विश्व की जनसंख्या की वृद्धि को रोका न जाए और अंततः कम न किया जाए।” – हेनरी डब्ल्यू. केंडल
“hamaare paryaavaran aur sansaadhanon ka vinaash tab tak nahin roka ja sakata jab tak ki vishv kee janasankhya kee vrddhi ko roka na jae aur antatah kam na kiya jae.” – henaree dablyoo. kendal

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“हम अत्यधिक जनसंख्या और बेकार उपभोग की समस्या में फंसे हुए हैं, जिसके कारण इस सदी में पृथ्वी की आधी प्रजातियां विलुप्त हो सकती हैं।” – ईओ विल्सन
“ham atyadhik janasankhya aur bekaar upabhog kee samasya mein phanse hue hain, jisake kaaran is sadee mein prthvee kee aadhee prajaatiyaan vilupt ho sakatee hain.” – eeo vilsa

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“मैं पॉपुलेशन मैटर्स का समर्थन करता हूं क्योंकि वे ही एकमात्र लोग हैं जो लगातार बढ़ रहे लोगों और लगातार कम होते वन्यजीवों के बीच स्पष्ट संबंध की ओर इशारा करते हैं।” – क्रिस पैकहम
“main populeshan maitars ka samarthan karata hoon kyonki ve hee ekamaatr log hain jo lagaataar badh rahe logon aur lagaataar kam hote vanyajeevon ke beech spasht sambandh kee or ishaara karate hain.” – kris paikaham

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“महिलाओं और लड़कियों को शिक्षित और सशक्त बनाना तथा परिवार नियोजन संबंधी जानकारी प्रदान करना अधिक लोगों को अपने परिवार के आकार को चुनने में सक्षम बनाता है। ये ऐसे सकारात्मक कदम हैं जो सरकारें उठा सकती हैं, और अगर हमें जैव विविधता के नुकसान का सामना करना पड़ रहा है तो हमें ये कदम उठाने ही चाहिए।” – डेम जेन गुडॉल


“mahilaon aur ladakiyon ko shikshit aur sashakt banaana tatha parivaar niyojan sambandhee jaanakaaree pradaan karana adhik logon ko apane parivaar ke aakaar ko chunane mein saksham banaata hai. ye aise sakaaraatmak kadam hain jo sarakaaren utha sakatee hain, aur agar hamen jaiv vividhata ke nukasaan ka saamana karana pad raha hai to hamen ye kadam uthaane hee

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“जब जनसंख्या पर नियंत्रण नहीं किया जाता तो यह हर 25 साल में दोगुनी हो जाती है या ज्यामितीय अनुपात में बढ़ती जाती है।” – थॉमस माल्थस
“jab janasankhya par niyantran nahin kiya jaata to yah har 25 saal mein dogunee ho jaatee hai ya jyaamiteey anupaat mein badhatee jaatee hai.” – thomas maaltha

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“स्थायी विकास के लिए जनसंख्य को स्थिर करना आवश्यक है।” – अटल बिहारी वाजपेई
“sthaayee vikaas ke lie janasankhya ko sthir karana aavashyak hai.” – atal bihaaree vaajapeye

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स्वास्थ्य में सुधार करके, महिलाओं को सशक्त बनाकर, जनसंख्या वृद्धि में कमी लाई जा सकती है।” – बिल गेट्स
“svaasthy mein sudhaar karake, mahilaon ko sashakt banaakar, janasankhya vrddhi mein kamee laee ja sakatee hai.” – bil gets

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दुनिया की आबादी हर 40 साल में दोगुनी हो रही है।” – पीटर लिंच
duniya kee aabaadee har 40 saal mein dogunee ho rahee hai.” – peetar linch

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“करीब एक अरब लोग – दुनिया की आबादी का आठवाँहिस्सा – अभी भी भूख में जी रहे हैं। हर साल 2 मिलियन बच्चे कुपोषण के कारण मर जाते हैं। यह ऐसे समय में हो रहा है जब ब्रिटेन में डॉक्टर मोटापे के फैलने की चेतावनी दे रहे हैं। हम बहुत ज़्यादा खा रहे हैं जबकि दूसरे भूखे मर रहे हैं।” – जोनाथन सैक्स
“kareeb ek arab log – duniya kee aabaadee ka aathavaan hissa – abhee bhee bhookh mein jee rahe hain. har saal 2 miliyan bachche kuposhan ke kaaran mar jaate hain. yah aise samay mein ho raha hai jab briten mein doktar motaape ke phailane kee chetaavanee de rahe hain. ham bahut zyaada kha rahe hain jabaki doosare bhookhe mar rahe hain.” – jonaathan saiks

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“जब तक हम इस देश में जनसंख्या नियंत्रण, जन्म नियंत्रण, लोगों को बेहतर पानी और बिजली उपलब्ध कराने के लिए कुछ नहीं करते, तब तक हम यह नहीं जान पाएंगे कि अगला युद्ध हीरे, सोने और राजनीतिक चीजों के लिए नहीं लड़ा जाएगा।” – एवल नीवेल
“jab tak ham is desh mein janasankhya niyantran, janm niyantran, logon ko behatar paanee aur bijalee upalabdh karaane ke lie kuchh nahin karate, tab tak ham yah nahin jaan paenge ki agala yuddh heere, sone aur raajaneetik cheejon ke lie nahin lada jaega.” – eval neevel

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विश्व जनसंख्या दिवस 2023 की थीम

‘एक ऐसी दुनिया की कल्पना करना, जहां हम सभी10से 8 अरब लोगों का भविष्य आशाओं और संभावनाओं से भरपूर हो’। इस लक्ष्य को लेकर दुनिया के लोगों को साथ चलना है।”
ek aisee duniya kee kalpana karana, jahaan ham sabhee se 8 arab logon ka bhavishy aashaon aur sambhaavanaon se bharapoor ho. is lakshy ko lekar duniya ke logon ko saath chalana hai.

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विश्व जनसंख्या दिवस मनाया जाता है

विश्व जनसंख्या दिवस प्रतिवर्ष 11 जुलाई को मनाया जाता है

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विश्व जनसंख्या दिवस कब है

विश्व जनसंख्या दिवस 11 जुलाई को है

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विश्व जनसंख्या दिवस पोस्टर

विश्व जनसंख्या दिवस पोस्टर
विश्व जनसंख्या दिवस पोस्टर

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विश्व जनसंख्या दिवस पोस्टर
विश्व जनसंख्या दिवस पोस्टर

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विश्व जनसंख्या दिवस पोस्टर

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विश्व जनसंख्या दिवस 2024 की थीम

“किसी को पीछे न छोड़ना, सभी की गिनती करना”

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विश्व जनसंख्या दिवस निबंध

प्रतावना –– जनसंख्या का शाब्दिक अर्थ है लोगोंकी संख्या प्रस्तुत है कुछ मेरे विचार जनसंख्या पर परंतु प्रिय पाठकों धर्म , जाति, क्षेत्र , सेऊपर देश हित को सोचते हुए आप भी इसे अपना विचार बना कर पारदर्शिता से सोचते हुए परिणाम मेबदल सकें तो यह देश धन्य हो जाएगा चलो आतेहैं मुख्य बात पर बचपन मे एक कहानी सुनी थी
बिल्ली के डर से चूहों ने एक सभा बुलाई सभी चूहोंको बिल्ली का भय था और सभी बिल्ली नाम के समस्या से समाधान चाहते थे अब तय हुआ की क्यू न बिल्ली के गले में घंटी बांध लि जाए ताकि जब भी बिल्ली आए हमको घंटी की आवाज सुनाई दे और हमसतर्क हो जाएं सभी चूहे जो की सभा मे मौजूद थेबहुत खुस हुए और नाचने लगे मिल गया समाधानपरंतु एक सयाना चूहा चुपचाप सुन रहा था और बोला सभी शांत हो जाओ घंटी की बात सुनकर खुशियां मनारहे हो ये बताओ की बिल्ली के गले में घंटी कौन बाधेगा , ?सुनकर सभी चूहे एक दूसरे का मुह ताकनेलगे और इसी के साथ समस्या जस की तस छोड़ करसभा समाप्त हो गई “ठीक इस बिल्ली सभा की तरह सिर्फ बोट बैंक के लिए सरकार और राज्य सरकारें भी इस जनसंख्या रूपी बिल्ली को अपने वोट बैंक खा जाने के भय से इसपर न तो कोई कडा कानून बनातें हैन न ही युद्ध स्तर पर जन अभियान
जनसंख्या बिसफोट —-किसी भी देश परिवार , और , क्षेत्र के नागरिक महत्वपूर्ण है भारत की जनसंख्या का भारत के विकास मे महत्वपूर्ण योगदान रहा है परंतु अनीयंत्रित रूप से बढ़ती जनसंख्या और घटते साधन और संसाधनों से जो समस्या उत्पन्न होती है उसे जनसंख्या विस्फोट कहते हैं आंकड़ों की बात न करते हुए सीधे सरल शब्दों मे कहा जाए तो भारत क्षेत्रफल की दृष्टि से 7 वें स्थान पर और जनसंख्या की दृष्टि से दूसरे स्थान पर है अनुमान है की 2030 तक भारत की जनसंख्या चीन से अधिक होगी 2011 की जनगणना के अनुसार भारत की कुल आबादी 1,21 अरब से अधिक थी। संख्यात्मक रूप से देखें तो 2011 में भारत की कुल आबादी 12105695 73 थी 2011 में भारत की कुल आबादी विश्व की कुल आबादी का 17.5 प्रतिशत था।बढ़ती जनसंख्या यानि की अमेरिका , रूस , ब्राजील , आस्ट्रेलिया की कुल विश्व के कृषि भू-भाग का मात्र 2.4 प्रतिशत भारत में है जबकि यहाँ की आबादी दुनिया की कुल आबादी का 16.7 प्रतिशत हैजनसंख्या से भी अधिक हमारे देश की जनसंख्या है
आज हमारे देश के नेता और मीडिया सिर्फ बहस का मुद्दा बनाती है बड़े बड़े नेता धर्म और जाति के नाम से बेहूदा बयानबाजी करते हैं
अल्पसंख्यकों का आरोप हमेसा यह रहता है कोई भी जंसख्या नियंत्रण पर कोई भी कानून या समाधान लाने का सीधा अर्थ अपनी जनसंख्या को कम करने का षड्यन्त्र कहने से बाज नहीं आते अब बेचारे नेता तो अपने बोट बैंककी चिंता से कोई ठोस निर्णय लेने से उपरोक्त कहानी बिल्ली की सभा
की तरह चुप हो जाते हैं एसे मे जनसंख्या जैसी समस्या की तरफ ध्यानही नहीं जाता है सन 1975 मे अपनी सत्ता को बचाने के लिए तत्कालीनप्रधानमंत्री श्रीमती इंदिरा गांधी ने आपातकाल की घोसणा की गईबेशक भारतीय इतिहास मे इसे काला अध्याय कहा जाता है परंतु उस
समय जो जबरन नसबंदी अभियान संजय गांधी के नेत्रत्व मे चला थावही एकमात्र अभियान रहा था जनसंख्या को लेकर यहाँ पर मैँ इमेरजेंसी की तारीफ तो नहीं कर रही बस इतना कहूँगी जब राजनेता
अपनी गद्दी को बचाने के लिए किसी भी हद तक जा सकती हैं तो
देश की इतनी बड़ी निरंतर बढ़ती जनसंख्या को लेकर क्यूँ आखों मे पट्टी बांधी हुई है?
क्या नेताओं को सिर्फ कुर्सी की चिंता करनी चाहिए ??या देश की इन ज्वलंत मुद्दों पर ठोस निर्णय लेना चाहिए ? या इन सत्ता के भूखे लोगोंको भूख कुपोषण और बेरोजगार, अशिक्षित लोग चाहिए ताकि इनकेबोट बैंक बढ़े ? क्या देश के हित को ध्यान मे रखते हुए देश को जनसंख्या विस्फोट से बचाने के उचित उपाय किए जाएंगे ? ये आज देश के प्रत्येक नागरिक का यक्ष प्रश्न बना हुआ है ?

जनसंख्या बढ़ोत्तरी के मुख्य कारण –– कोई भी समस्या हो उसके पीछेके कारण को देखना व समझना बेहद जरूरी है हमारे देश मे जनसंख्या आज सभी समस्याओं मे प्रमुख समस्या बन गई है अँखिर क्यूजानते है क्यू बढ़ रही है निरंतर जनसंख्या इसके मुख्य कारण हैँ
रूढ़िवादी मानसिकता – हमारे देश के लोग चाहे किसी भी धर्म के हों या कितने भी शिक्षित उच्च पद पर हों उनकी रूढ़िवादी सोच मुख्य है लड़कियोंको कमतर आकना और पुत्र की चाहत मे अनेक संतान उतप्पन करना बहुत से घर है जहां पहली की बहुत सी संतान पुत्री होती हैंपुत्र के इंतजार मे परिवार बढ़ता चला जाता है उनकी मुख्य धारणापुत्र से कुल का उद्धार होना और बुढ़ापे का सहारा होना है और संतानको ईश्वर और अल्ला की देन मानते हैं
अशिक्षा — अब बात आती है शिक्षा की हमारे देश की शिक्षा स्तर तो पता ही है या तो एकदम काला अक्षसर या मात्र अक्षसर बोद्ध होना जिस कारण लोगों मे ज्ञान की कमी से उनको जनसंख्या कोई समस्या नहीं लगती और ना ही उन तक परिवार नियोजन का ज्ञान होता है
सिक्षा के अभाव मे बच्चों की शादी बचपन मे हो जाति है कम उम्र मे जयदा बच्चे होने का कारण बनता है
बढ़ती जन्म दर –– वर्तमनान जनसंख्या 130 करोड़ के अनुमानित है
घटती मरत्यु दर — आज हमारे देश ने स्वास्थ्य क्षेत्र मे अपार सफलता हासिल की है जिससे मरत्यु दर मे कमी आई है ये बहुत खुसी की बात है परंतु जनसंख्या मे बृद्धि का एक मुख्य कारण यह भी है
जनसंख्या से उत्पन्न समस्या —- ये कोई सवाल जवाब का प्रश्न पत्र नहीं है जो इन समस्याओं को याद कीया जाए ये वे समस्याए है जो हमारे देश की आने वाली पीढ़ी की दिशा और दशा को तय करंगे
अगर इस जनसंख्या की बढ़ती दर पर रोक नहीं लगाई जाए तो समस्या
नहीं महानसमस्या बन जाएगी
बेरोजगारी –-निरंतर बढ़ती जनसंख्या से आज बेरोजगारी का स्तर
इस कदर बढ़ गया है की इस देश की नई पीढ़ी खुद को कुंठित महसुस
करती है जिस कारण नागरिक अपराध करने से भी गुरेज नहीं करते
और निरंतर चोरी लुटपाट की घटनाएं आम हो गई है
संसाधनों की कमी — जिस रूप से हमारी देश की जनसंख्या बढ़ रही है उनकी आपूर्ति के लिए निरंतर संसाधनों बनाएं हो रही है रोजगार की तलाश मे लोग सहरों का रुख करते हैं 2030 में शुद्ध पेय जल नसीब नहीं होगा । वर्तमान में पानी की प्रतिवर्ष प्रति व्यक्ति उपलब्धता जहाँ 1525 घन मी. है, वहीं 2025 में यह उपलब्धता मात्र 1060 घन मी. होगी ।
निरंतर बढ़ती जनसंख्या से लोगों के लिए घर खेत बनाने के लिएव निरंतर पेड़ जंगल समाप्त हो रहे हैं जिससे प्रदूषण दिन प्रति दिन बढ़ रहा है
गरीबी — बढ़ती जनसंख्या से अधिकतर लोग गरीबी रेखा से नीचे जीवन यापन कर रहे हैं जिस से देश का अर्थिक विकास नहीं हो रह
जनसंख्या से उत्पन्न समस्या का समाधान —
अब समय आगया है की जनसंख्या से उपजी समस्या को येन , केन प्राकर से नियंत्रित कीया जाए इसके लिए कानून बनाए जाएँ और
समाज देश की जनता मे एक जागरूकता अभियान चलाया जाए
जनसंख्या कानून — जनसंख्या विस्फोट से देश व विश्व को बचाने
के लिए राजनेताओं और जनता को धर्म और मान्यताओं से जुड़े हुए विवादों से उठकर जनसंख्या कानून बनाना चाहिए
परिवार नियोजन — परिवार नियोजन कार्यक्रमों मे युधस्तर पर काम होना चाहिए इसके लिए नुक्कड़ नाटकों और रोचक विज्ञापनों द्वारा
प्रचार प्रसार होना चाहिए
शिक्षा का विकास –अधिकतर महिलाएं और पुरुष अशिक्षित होने से रूढ़िवादी मानसिकता से ग्रस्त है जिस कारण वे परिवार नियोजन को जरूरी नहीं समझते इसके लिए हर व्यक्ति का शिक्षित होना जरूरी है

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